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कांकेर की 14 ग्राम पंचायतों को नारायणपुर में शामिल नहीं करने पर दिल्ली तक पदयात्रा, चुनाव का करेंगे बहिष्कार

58 गांवों के लोगों ने रायपुर के बाद अब दिल्ली तक (People of 14 village in Kanker will march till Delhi) पदयात्रा करने का निर्णय लिया है. कांकेर जिले की 14 पंचायत के 58 गांवों के ग्रामीणों को नारायणपुर जिले में शामिल किये जाने की मांग पूरी नहीं होने के चलते बंडपाल की समीक्षा बैठक में सैकड़ों ग्रामीणों ने यह फैसला लिया है. बैठक कर ग्रामीण छत्तीसगढ़ सरकार के नाम ज्ञापन सौंपने के बाद पैदल ही दिल्ली के लिए रवाना होंगे.

Demand to include 14 gram panchayat of Kanker in Narayanpur
कांकेर की 14 ग्राम पंचायतों को नारायणपुर में शामिल नहीं करने पर दिल्ली तक पदयात्रा
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Published : Jan 31, 2022, 1:59 PM IST

नारायणपुर : कांकेर जिले की 14 ग्राम पंचायत को नारायणपुर (Demand to include 14 gram panchayat of Kanker in Narayanpur) जिले में शामिल करने की मांग को लेकर एक फिर ग्रामीण आंदोलन के लिए बाध्य हैं. राज्य सरकार पर ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि विभिन्न प्रकार से मांग करने के बावजूद राज्य सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही. अब हजारों ग्रामीण पैदल दिल्ली रवाना होंगे. साथ ही आगामी चुनाव का बहिष्कार भी करेंगे. रावघाट माइंस कार्य बंद कराने को लेकर आज बंडापाल में हुई समीक्षा बैठक के दौरान ग्रामीणों ने यह फैसला लिया है.

कांकेर की 14 ग्राम पंचायतों को नारायणपुर में शामिल नहीं करने पर दिल्ली तक पदयात्रा
पहले भी पैदल रायपुर पहुंच राज्यपाल से कर चुके हैं मुलाकातनारायणपुर जिले में शामिल करने की मांग को लेकर 45 दिन से ग्रामीण धरने पर बैठेने के बाद मांग अनसुनी किए जाने पर 58 गांवों के 3 हजार से अधिक ग्रामीण बीते दिनों पैदल रायपुर पहुंचे थे. राज्यपाल अनुसुइया उइके को अपनी मांगें बताई थीं. इसके बाद उन्हें आश्वस्त किया गया था कि मांगें जल्द पूरी होंगी. तब जाकर उन्होंने आंदोलन समाप्त किया था.150 किमी का सफर कर जाना पड़ता है जिला मुख्यालयबता दें कि कांकेर जिले के 58 गांवों के लोग वर्ष 2007 में नारायणपुर जिले के गठन के बाद से खुद को जिले में शामिल करने के लिए विभिन्न प्रकार से मांगें रखते रहे हैं. इन पंचायतों के ग्रामीणों को शासकीय कार्य के लिए 150 किमी का सफर तय कर कांकेर जिला मुख्यालय जाना पड़ता है. जबकि इन गांवों से नारायणपुर जिला मुख्यालय की दूरी मात्र 20 किमी है. कई माह बाद भी नहीं मिली प्रतिक्रियाआज बंडापाल में दर्जनों गांवों के लोगों ने समीक्षा बैठक की. ग्रामीणों ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन को 58 गांव के ग्रामीणों द्वारा ज्ञापन सौंपने के बाद जनवरी 2022 तक मांगें पूरी होने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन कई माह बीतने के बाद भी अब तक नारायणपुर जिले में शामिल होने संबंधित कोई भी प्रतिक्रिया छत्तीसगढ़ शासन की ओर नहीं मिली. इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने समीक्षा बैठक कर आगामी रणनीति तैयार की है.

नारायणपुर : कांकेर जिले की 14 ग्राम पंचायत को नारायणपुर (Demand to include 14 gram panchayat of Kanker in Narayanpur) जिले में शामिल करने की मांग को लेकर एक फिर ग्रामीण आंदोलन के लिए बाध्य हैं. राज्य सरकार पर ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि विभिन्न प्रकार से मांग करने के बावजूद राज्य सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही. अब हजारों ग्रामीण पैदल दिल्ली रवाना होंगे. साथ ही आगामी चुनाव का बहिष्कार भी करेंगे. रावघाट माइंस कार्य बंद कराने को लेकर आज बंडापाल में हुई समीक्षा बैठक के दौरान ग्रामीणों ने यह फैसला लिया है.

कांकेर की 14 ग्राम पंचायतों को नारायणपुर में शामिल नहीं करने पर दिल्ली तक पदयात्रा
पहले भी पैदल रायपुर पहुंच राज्यपाल से कर चुके हैं मुलाकातनारायणपुर जिले में शामिल करने की मांग को लेकर 45 दिन से ग्रामीण धरने पर बैठेने के बाद मांग अनसुनी किए जाने पर 58 गांवों के 3 हजार से अधिक ग्रामीण बीते दिनों पैदल रायपुर पहुंचे थे. राज्यपाल अनुसुइया उइके को अपनी मांगें बताई थीं. इसके बाद उन्हें आश्वस्त किया गया था कि मांगें जल्द पूरी होंगी. तब जाकर उन्होंने आंदोलन समाप्त किया था.150 किमी का सफर कर जाना पड़ता है जिला मुख्यालयबता दें कि कांकेर जिले के 58 गांवों के लोग वर्ष 2007 में नारायणपुर जिले के गठन के बाद से खुद को जिले में शामिल करने के लिए विभिन्न प्रकार से मांगें रखते रहे हैं. इन पंचायतों के ग्रामीणों को शासकीय कार्य के लिए 150 किमी का सफर तय कर कांकेर जिला मुख्यालय जाना पड़ता है. जबकि इन गांवों से नारायणपुर जिला मुख्यालय की दूरी मात्र 20 किमी है. कई माह बाद भी नहीं मिली प्रतिक्रियाआज बंडापाल में दर्जनों गांवों के लोगों ने समीक्षा बैठक की. ग्रामीणों ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन को 58 गांव के ग्रामीणों द्वारा ज्ञापन सौंपने के बाद जनवरी 2022 तक मांगें पूरी होने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन कई माह बीतने के बाद भी अब तक नारायणपुर जिले में शामिल होने संबंधित कोई भी प्रतिक्रिया छत्तीसगढ़ शासन की ओर नहीं मिली. इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने समीक्षा बैठक कर आगामी रणनीति तैयार की है.
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