नारायणपुर: 2 इनामी नक्सलियों ने नक्सली संगठन छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला लिया है. दोनों नक्सलियों ने नारायणपुर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. बस्तर रेंज में चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान के कारण नक्सलियों की कमर टूट गई है. शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर बड़ी संख्या में नक्सली सरेंडर कर रहे हैं.
बलदेव हुर्रा उर्फ अखिलेश साल 2012 में लगभग 16 साल की उम्र में नक्सली संघठन में शामिल हुआ था. जो नक्सलियों के सामानों को ढोने का कार्य करता था और गांव- गांव जाकर मिटिंग लेते हुए दूसरों को संगठन में भर्ती होने के लिए प्रेरित करने का काम करता था. साल 2014 में किसकोड़ी ओएस में शामिल होने पर कमाडंर ने उसे 303 रायफल दिया. 2019 तक एलओएस सदस्य के रूप में सक्रिय काम किया.
पढ़ें-बीजापुर: हत्या का आरोपी नक्सली मसराम भोगामी गिरफ्तार, कई संगीन वारदातों में भी था शामिल
1-1 लाख रुपये का घोषित था इनाम
दूसरा सरेंडर नक्सली जयराम मरकाम 2008 में 15 साल की उम्र में नक्सली संगठन से जुड़ा था. जो कई बड़ी वारदातों में शामिल रहा. पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने बताया कि नक्सली विचारधारा से परेशान होकर और शासन की पुर्नवास नीति से प्रभावित 2 नक्सलियों ने नारायणपुर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है. राज्य शासन ने आत्मसमर्पित नक्सली बलदेव उर्फ अखिलेश पर 1 लाख और जयराम मरकाम 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.