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मुंगेली : धान खरीदी केंद्र के चौकीदारों को नहीं मिला वेतन

मुंगेली में महिनों से वेतन नहीं मिलने पर मजदूरों ने जिम्मेदारों से गुहार लगाई है. ये मजदूर धान खरीदी केंद्र में चौकीदार के रूप में कार्यरत थे, जिन्हें अब तक वेतन नहीं दिया गया है.

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Published : Mar 20, 2021, 12:33 PM IST

Updated : Mar 20, 2021, 2:35 PM IST

Chowkidars of paddy procurement center is not getting salary in mungeli
धान खरीदी केंद्र के चौकीदार

मुंगेली : जिला के खुड़िया धान केंद्र में महीनों से वेतन के लिए तरस रहे आदिवासी श्रमिकों का दर्द आज छलक कर बाहर आ गया. महीनों से वेतन से वंचित इन श्रमिकों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. बिलासपुर प्रेस क्लब पहुंचे इन मजदूरों ने मीडिया के माध्यम से जिम्मेदारों से मदद की गुहार लगाई है.

धान खरीदी केंद्र के चौकीदार
मनसा राम, टिकेश और ब्रजेश परसते आदिवासी श्रमिक बीते 8 दिसम्बर 2019 से जून 2020 तक खुड़िया स्थित धान केंद्र में चौकीदार के रूप में दिन रात ड्यूटी दे चुके हैं. केंद्र में इन्हें बतौर चौकीदार 7 हजार रुपये प्रतिमाह के कमिटमेंट पर रखा गया था, लेकिन पूरे 6 माह में इन्हें महज 2 से 3 हजार रुपये प्रति व्यक्ति दिया गया और वेतन देने के आश्वासन पर महीनों तक इनका शोषण किया गया.

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इस तरह पूरे कोरोना काल में बगैर वेतन की इन मजदूरों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई. हालत ये हो गई कि ये मजदूर कर्ज तले दब गए. किये गए वादे के मुताबिक इन श्रमिकों के ऊपर प्रति व्यक्ति 39 से 40 हजार रुपए बकाया है, जिनका इन्हें भुगतान नहीं किया जा रहा है. इन श्रमिकों ने मुंगेली कलेक्टर, जिला लेबर कार्यालय, असिस्टेंट लेबर कमिश्नर बिलासपुर और प्रदेश के लेबर कमिश्नर से न्याय की गुहार लगाई. मजदूरों का कहना है कि हर जगह से उन्हें केवल आश्वासन के कुछ नहीं मिला. इन श्रमिकों ने अब जिला ट्रेड यूनियन के बैनर तले मीडिया के माध्यम से जिम्मेदारों के समक्ष अपनी मांग रखी है, ताकि जल्द इन्हें न्याय मिल सके.

मुंगेली : जिला के खुड़िया धान केंद्र में महीनों से वेतन के लिए तरस रहे आदिवासी श्रमिकों का दर्द आज छलक कर बाहर आ गया. महीनों से वेतन से वंचित इन श्रमिकों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. बिलासपुर प्रेस क्लब पहुंचे इन मजदूरों ने मीडिया के माध्यम से जिम्मेदारों से मदद की गुहार लगाई है.

धान खरीदी केंद्र के चौकीदार
मनसा राम, टिकेश और ब्रजेश परसते आदिवासी श्रमिक बीते 8 दिसम्बर 2019 से जून 2020 तक खुड़िया स्थित धान केंद्र में चौकीदार के रूप में दिन रात ड्यूटी दे चुके हैं. केंद्र में इन्हें बतौर चौकीदार 7 हजार रुपये प्रतिमाह के कमिटमेंट पर रखा गया था, लेकिन पूरे 6 माह में इन्हें महज 2 से 3 हजार रुपये प्रति व्यक्ति दिया गया और वेतन देने के आश्वासन पर महीनों तक इनका शोषण किया गया.

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इस तरह पूरे कोरोना काल में बगैर वेतन की इन मजदूरों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई. हालत ये हो गई कि ये मजदूर कर्ज तले दब गए. किये गए वादे के मुताबिक इन श्रमिकों के ऊपर प्रति व्यक्ति 39 से 40 हजार रुपए बकाया है, जिनका इन्हें भुगतान नहीं किया जा रहा है. इन श्रमिकों ने मुंगेली कलेक्टर, जिला लेबर कार्यालय, असिस्टेंट लेबर कमिश्नर बिलासपुर और प्रदेश के लेबर कमिश्नर से न्याय की गुहार लगाई. मजदूरों का कहना है कि हर जगह से उन्हें केवल आश्वासन के कुछ नहीं मिला. इन श्रमिकों ने अब जिला ट्रेड यूनियन के बैनर तले मीडिया के माध्यम से जिम्मेदारों के समक्ष अपनी मांग रखी है, ताकि जल्द इन्हें न्याय मिल सके.

Last Updated : Mar 20, 2021, 2:35 PM IST
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