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लोरमी के खुड़िया रेंज में नर हाथी की संदिग्ध मौत, शिकारियों के फैलाए करंट से मौत होने का अंदेशा - अचानकमार टाइगर रिजर्व

Suspicious Death Of Male Elephant मुंगेली के लोरमी के जंगल में नर हाथी के बच्चे का संदिग्ध हालत में शव मिला है.शव तीन से चार दिन पुराना बताया जा रहा है. हाथी की मौत शिकारियों के बिछाए गए करंट तार की वजह से होने की आशंका जताई जा रही है.Mungeli Crime News

Suspicious death of male elephant in Lormi
लोरमी के खुड़िया रेंज में नर हाथी की संदिग्ध मौत
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 24, 2023, 6:43 PM IST

Updated : Nov 24, 2023, 9:56 PM IST

मुंगेली : लोरमी के खुड़िया वन परिक्षेत्र में नर हाथी का संदिग्ध हालत में शव मिला है. सरगढ़ी के जंगल के कक्ष क्रमांक 486 में वनवासियों ने एक हाथी का शव देखा. जिसके बाद इसकी सूचना वन विभाग को दी. सूचना पाकर वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंची.क्षेत्र का मुआयना करने के बाद वनविभाग ने नर हाथी के शव को अपने कब्जे में ले लिया है.

कैसे हुई होगी मौत ? : बताया जा रहा है कि छह हाथियों का दल कवर्धा क्षेत्र के जंगल से वापिस अचानकमार टाइगर रिजर्व की ओर लौट रहा था. इसी दौरान इनमें से एक हाथी शिकारियों के बिछाए गए करंट तार की चपेट में आ गया. सूत्रों की माने तो हाथी के शरीर में चोट के निशान भी है.जिसकी उम्र डेढ़ साल के करीब है.


जिम्मेदारों ने मीडिया से बनाई दूरी: इस मामले के बाद जानवरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाला वन महकमा पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है. घटना के बाद मीडिया को मौके पर जाने से भी रोक दिया गया. आपको बता दें कि लोरमी के जंगलों में जंगली जानवरों का शिकार नहीं रुक रहा है.वहीं अब हाथी जैसे जानवर का यूं मारा जाना वन विभाग की सक्रियता पर कई सवाल खड़े कर रहा है.


करोड़ों खर्च करने के बाद भी वन्यजीव असुरक्षित : हर साल जंगल में करोड़ों रुपयों के विकास कार्य सिर्फ जंगली जानवरों की सुरक्षा के नाम पर खर्च किए जाते है. वन विभाग के अधिकारी निर्माण कार्यों में जितनी दिलचस्पी दिखाते हैं, उतनी जंगली जानवरों की सुरक्षा में नहीं. यही वजह है कि जंगलों में बेखौफ तरीके से शिकारी जानवरों को निशाना बना रहे हैं. ताजा मामले में एक नर हाथी को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है.यदि इस जंगल में वनविभाग अलर्ट होता तो ये अनहोनी शायद नहीं होती.

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कैसे हुई होगी मौत ? : बताया जा रहा है कि छह हाथियों का दल कवर्धा क्षेत्र के जंगल से वापिस अचानकमार टाइगर रिजर्व की ओर लौट रहा था. इसी दौरान इनमें से एक हाथी शिकारियों के बिछाए गए करंट तार की चपेट में आ गया. सूत्रों की माने तो हाथी के शरीर में चोट के निशान भी है.जिसकी उम्र डेढ़ साल के करीब है.


जिम्मेदारों ने मीडिया से बनाई दूरी: इस मामले के बाद जानवरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाला वन महकमा पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है. घटना के बाद मीडिया को मौके पर जाने से भी रोक दिया गया. आपको बता दें कि लोरमी के जंगलों में जंगली जानवरों का शिकार नहीं रुक रहा है.वहीं अब हाथी जैसे जानवर का यूं मारा जाना वन विभाग की सक्रियता पर कई सवाल खड़े कर रहा है.


करोड़ों खर्च करने के बाद भी वन्यजीव असुरक्षित : हर साल जंगल में करोड़ों रुपयों के विकास कार्य सिर्फ जंगली जानवरों की सुरक्षा के नाम पर खर्च किए जाते है. वन विभाग के अधिकारी निर्माण कार्यों में जितनी दिलचस्पी दिखाते हैं, उतनी जंगली जानवरों की सुरक्षा में नहीं. यही वजह है कि जंगलों में बेखौफ तरीके से शिकारी जानवरों को निशाना बना रहे हैं. ताजा मामले में एक नर हाथी को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है.यदि इस जंगल में वनविभाग अलर्ट होता तो ये अनहोनी शायद नहीं होती.

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Last Updated : Nov 24, 2023, 9:56 PM IST
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