मुंगेली : झगरगट्टा गांव में बच्ची की बोरी में बंधी लाश मिली थी. जिसकी तफ्तीश में पुलिस ने बच्ची के सौतेला पिता को ही गिरफ्तार किया है. इस मामले में सौतेले पिता का कहना है कि आर्थिक तंगी और बच्ची की बीमारी से तंग आकर उसने हत्या की है. आरोपी मनोज कुर्रे बच्ची का सौतेला पिता था. बच्ची के माता पिता की मृत्यु पहले ही हो चुकी है. इसके बाद बीमार बच्ची की देखभाल की सारी जिम्मेदारी मनोज के सिर आ गई . मनोज मुश्किल से अपना खर्च निकाल पाता था.ऐसे में वो बच्ची का खर्च उठाने में सक्षम नहीं था.लिहाजा उसने उसकी हत्या कर (step father murdered minor girl in mungeli ) दी.
कैसे बना मनोज बच्ची का सौतेला बाप : 10 साल पहले उत्तरप्रदेश के कानपुर मुंगेली निवासी राजू अपनी पत्नी लक्ष्मी के साथ मजदूरी करता था.इसी क्षेत्र का एक और युवक मनोज भी उसी एरिया में रहता था. जहां दोनों मजदूरी करते थे. मनोज कुर्रे कानपुर में रिक्शा चलाकर अपना गुजारा चलाता था. एक ही गांव के होने के कारण मनोज और लक्ष्मी के पति राजू का एक दूसरे के घर आना लगा रहता था.इसी दौरान मनोज और लक्ष्मी की नजदीकियां बढ़ी. राजू शराबी था और अक्सर बीमार रहता था. लिहाजा लक्ष्मी और मनोज के बीच संबंध बन गए. इसी दौरान लक्ष्मी ने एक बेटी को जन्म दिया.बच्ची के जन्म के बाद राजू की मौत हो गई.मौत के बाद लक्ष्मी और उसकी बेटी दोनों वापस मुंगेली मायके आ गए. मनोज भी मुंगेली के भरवा गुड़ान आ गया. मनोज में आगे चलकर लक्ष्मी से शादी की.
आर्थिक तंगी के कारण उठाया कदम : आरोपी सौतेले पिता मनोज कुर्रे ने पुलिस को बताया कि शादी के बाद लक्ष्मी की बेटी बीमार रहने लगी.बीमारी के बीच में ही लक्ष्मी की मौत हुई. इसके बाद लक्ष्मी के मायके वालों ने उसकी बेटी की देखरेख नहीं की और उसे मनोज के हवाले कर दिया . लक्ष्मी की बेटी ना चल पाती थी और ना ही कुछ बोल सकती थी. इलाज के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ. वहीं मनोज की आर्थिक हालत खस्ता थी. घर टूट जाने के कारण सिर पर छत भी नहीं थी.बेटी को लेकर भटकने के अलावा उसके पास कोई दूसरा चारा नहीं था.इसलिए उसने बेटी की हत्या करके शव फेंक दिया. हत्या के बाद मनोज ने एक बेकरी में काम करके 300 रुपये कमाएं. इसी पैसे से पहले वो दुर्ग से ट्रेन पकड़कर कानपुर भाग गया.जहां पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
कैसे पहुंची पुलिस : शव की शिनाख्ती के बाद पुलिस को मनोज की एक धुंधली तस्वीर मिली. जिससे पता चला कि वो कानपुर की किसी झोपड़ी में रहता है. पुलिस कानपुर पहुंची और रिक्शा चालकों पर नजर रखी. पुलिस को पता था कि मनोज दिव्यांग है.लिहाजा दो दिन इंतजार करने के बाद जब मनोज रिक्शा जमा करने आया तो पुलिस के हत्थे चढ़ गया.mungeli crime news