मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : स्कूल हैं मगर शिक्षक नहीं, बल्ब है मगर बिजली नहीं, अस्पताल है मगर डॉक्टर नहीं, युवा हैं मगर रोजगार नहीं,नल है पर पानी नहीं. महान रचनाकार शरद जोशी की ये लाइनें छत्तीसगढ़ के नए जिले मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर में चरितार्थ साबित होती हैं. क्योंकि शासन प्रशासन की कई योजनाएं इस जिले के गांवों में दम तोड़ती नजर आती है. ताजा मामला गौधारा ग्राम पंचायत का है.जहां के लोग बुनियादी चीजों के लिए भी तरस रहे हैं.
एक माह से खराब हैं हैंडपंप : विकासखंड भरतपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत गौधारा की हालत कुछ ऐसी है कि बुनियादी सुविधाएं ना के बराबर है.सड़क बिजली स्वास्थ्य तो छोड़िए जिंदा रहने के लिए साफ पानी के लिए भी ग्रामीण एड़ियां घिस रहे हैं.कहने को तो गौधारा में पांच हैंडपंप लगे हैं.लेकिन सारे के सारे हाथी के दिखाने वाले दांत की तरह है.क्योंकि पिछले एक माह से हैंडपंप खराब हैं.लेकिन शिकायत के बाद भी अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंग रही.
नाले का पानी पी रहे ग्रामीण : ग्रामीण गांव से एक किलोमीटर दूर बहने वाले नाले का पानी लाकर अपना गुजर बसर कर रहे हैं. नदी का पानी भी गंदा है.ऐसे में ग्रामीणों को बीमारियां फैलने का डर सता रहा है. गांव के सरपंच की माने तो प्रशासन को पानी की समस्या के बारे में कई बार बताया गया है.लेकिन कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है.
''ग्राम गौधारा के पांच हैंडपंप एक माह से खराब हैं. जिसकी जानकारी पीएचई विभाग जनकपुर को ग्राम पंचायत के माध्यम से दी गई है. लेकिन आज तक गौधारा के हैंडपंप को सुधारा नहीं गया है. जिसके कारण लोगों को पीने के पानी के लिये काफी परेशानी हो रही है.'' विजय सिंह,सरपंच
नल जल योजना का काम अधूरा : इस गांव में केंद्र सरकार की नल जल योजना के तहत पानी पहुंचाया गया है.लेकिन वो सिर्फ दिखावा मात्र है. शासन की योजनाओं पर ठेकेदार और अफसरों ने मिलकर जमकर राशि का बंदरबाट किया.जिसके कारण गांव के आधे से ज्यादा घरों में पानी नहीं आता.जिसके कारण पीने की समस्या का समाधान नहीं हो पाया.