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मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर में मिड डे मील की थाली से पौष्टिक भोजन गायब - सादनटोला प्राइमरी स्कूल

mid day meal in Manendragarh Chirmiri Bharatpur: मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के सरकारी स्कूलों के बच्चों की थाली से पौष्टिक आहार गायब हो गया है. मिड डे मिल में बच्चों को हर दिन अधूरा भोजन मिल रहा है. Children not getting healthy food in mid day meal, Negligence in midday meal in Chhattisgarh

Children not getting healthy food in mid day meal
मिड डे मिल में बच्चों को हर दिन मिल रहा अधूरा भोजन
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 24, 2023, 4:31 PM IST

Updated : Dec 27, 2023, 5:17 PM IST

मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर में मिड डे मिल

मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: स्कूलों में मिलने वाले मिड डे मिल में हर दिन के बनने वाले भोजन का मेन्यू पहले से तय होता है. तय मेन्यू के आधार पर भोजन बनता है और बच्चों को वही भोजन दिया जाता है. हर दिन के भोजन में पौष्टिक आहार होना आवश्यक होता है. हालांकि छत्तीसगढ़ के शासकीय स्कूलों में मिड डे मिल में भी लापरवाही बरती जा रही है. यहां बच्चों को वो भोजन नहीं मिलता जो मेन्यू में तय होता है. बल्कि बच्चों को आधा-अधूरा भोजन दे दिया जाता है.

मिड डे मील की थाली से गायब हुआ पौष्टिक आहार: छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के सरकारी स्कूलों में किसी दिन बच्चों को सब्जी मिलता है तो किसी वो भी नहीं मिलता. किसी दिन दाल के नाम पर पीला पानी बच्चों को दिया जाता है. पौष्टिक आहार की बात तो दूर यहां के बच्चों को भरपेट भोजन भी नहीं दिया जाता. हरी सब्जियां तो बच्चों की थाली में गए काफी दिन हो गए हैं.अचार और पापड़ की तो बात ही छोड़ दीजिए.

मेन्यू के अनुसार नहीं मिलता इनको भोजन: दरअसल, हम बात कह रहे हैं मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के विकासखण्ड भरतपुर के सादनटोला प्राइमरी स्कूल की. यहां के बच्चे और शिक्षकों से ईटीवी भारत ने मीड डे मिल के बारे में बातचीत की. उन्होंने बताया कि स्कूल में मध्यान्न भोजन संचालित करने वाली महिला समूह बच्चों के भोजन के नाम पर खानापूर्ति करती है. समूह कभी भी मेन्यू के अनुसार बच्चों को भोजन उपलब्ध नहीं कराती है. दाल के नाम पर केवल हल्दी वाला पीला पानी बच्चों के सामने परोसा जाता है. बच्चों को हरी सब्जी खाए कई माह बीत चुके हैं. पापड़ और अचार तो दूर की बात है. इस बारे में भरतपुर के बीईओ इस्माइल खान ने बताया कि जांच कर सम्बन्धितों पर कार्रवाई की जाएगी.

मध्यान्न भोजन महिला स्वसहायता समूह संचालित करती है. इस बात की जानकारी स्कूल के माध्यम से हम लोग कई बार दिए हैं. हालांकि इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया.यही कारण है कि अब मिड डे मिल से पौष्टिक आहार धीरे-धीरे गायब हो रहा है. जबकि प्रतिदिन बच्चों के लिये शासन की ओर मिड डे मिल पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं.- शिक्षक

बता दें कि बच्चों को पौष्टिक आहार मिल सके. इसके लिए शासन की ओर से मध्याह्न भोजन योजना शुरू की गई थी. लेकिन मेन्यू के अनुसार बच्चों को मध्याह्न भोजन नहीं मिलने से योजना में पलीता लग रहा है. एमसीबी के विकासखंड भरतपुर में पढ़ रहे बच्चों के लिए स्कूलों में मध्याह्न भोजन बनाया जाता है. लेकिन ये भोजन तय मेन्यू से हटकर होता है. या यूं कह लें कि इस भोजन से पौष्टिकता गायब होती है.

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मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर में मिड डे मिल

मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: स्कूलों में मिलने वाले मिड डे मिल में हर दिन के बनने वाले भोजन का मेन्यू पहले से तय होता है. तय मेन्यू के आधार पर भोजन बनता है और बच्चों को वही भोजन दिया जाता है. हर दिन के भोजन में पौष्टिक आहार होना आवश्यक होता है. हालांकि छत्तीसगढ़ के शासकीय स्कूलों में मिड डे मिल में भी लापरवाही बरती जा रही है. यहां बच्चों को वो भोजन नहीं मिलता जो मेन्यू में तय होता है. बल्कि बच्चों को आधा-अधूरा भोजन दे दिया जाता है.

मिड डे मील की थाली से गायब हुआ पौष्टिक आहार: छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के सरकारी स्कूलों में किसी दिन बच्चों को सब्जी मिलता है तो किसी वो भी नहीं मिलता. किसी दिन दाल के नाम पर पीला पानी बच्चों को दिया जाता है. पौष्टिक आहार की बात तो दूर यहां के बच्चों को भरपेट भोजन भी नहीं दिया जाता. हरी सब्जियां तो बच्चों की थाली में गए काफी दिन हो गए हैं.अचार और पापड़ की तो बात ही छोड़ दीजिए.

मेन्यू के अनुसार नहीं मिलता इनको भोजन: दरअसल, हम बात कह रहे हैं मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के विकासखण्ड भरतपुर के सादनटोला प्राइमरी स्कूल की. यहां के बच्चे और शिक्षकों से ईटीवी भारत ने मीड डे मिल के बारे में बातचीत की. उन्होंने बताया कि स्कूल में मध्यान्न भोजन संचालित करने वाली महिला समूह बच्चों के भोजन के नाम पर खानापूर्ति करती है. समूह कभी भी मेन्यू के अनुसार बच्चों को भोजन उपलब्ध नहीं कराती है. दाल के नाम पर केवल हल्दी वाला पीला पानी बच्चों के सामने परोसा जाता है. बच्चों को हरी सब्जी खाए कई माह बीत चुके हैं. पापड़ और अचार तो दूर की बात है. इस बारे में भरतपुर के बीईओ इस्माइल खान ने बताया कि जांच कर सम्बन्धितों पर कार्रवाई की जाएगी.

मध्यान्न भोजन महिला स्वसहायता समूह संचालित करती है. इस बात की जानकारी स्कूल के माध्यम से हम लोग कई बार दिए हैं. हालांकि इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया.यही कारण है कि अब मिड डे मिल से पौष्टिक आहार धीरे-धीरे गायब हो रहा है. जबकि प्रतिदिन बच्चों के लिये शासन की ओर मिड डे मिल पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं.- शिक्षक

बता दें कि बच्चों को पौष्टिक आहार मिल सके. इसके लिए शासन की ओर से मध्याह्न भोजन योजना शुरू की गई थी. लेकिन मेन्यू के अनुसार बच्चों को मध्याह्न भोजन नहीं मिलने से योजना में पलीता लग रहा है. एमसीबी के विकासखंड भरतपुर में पढ़ रहे बच्चों के लिए स्कूलों में मध्याह्न भोजन बनाया जाता है. लेकिन ये भोजन तय मेन्यू से हटकर होता है. या यूं कह लें कि इस भोजन से पौष्टिकता गायब होती है.

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Last Updated : Dec 27, 2023, 5:17 PM IST
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