मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : खड़गवां ब्लॉक विकासखंड के अंतर्गत आने वाला मौहारीपारा शासकीय प्राथमिक शाला स्कूल अपने हालात पर आंसू बहा रहा है.इस स्कूल में बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ाई कर रहे हैं. स्कूल भवन की छत इतनी जर्जर हो चुकी है कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.जिसके कारण सिर्फ स्कूल के बच्चे ही नहीं बल्कि शिक्षकों को भी जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करवानी पड़ रही है.
अधिकारी ने साधी चुप्पी : इस बारे में शिक्षकों ने अधिकारियों को अवगत कराया है.लेकिन किसी ने भी अब तक इस ओर ध्यान नहीं दिया.हर साल शिक्षा सत्र शुरु होने से पहले स्कूलों का कायाकल्प करने के बाद बच्चों की पढ़ाई करवाने की बात कही जाती है.लेकिन मौहारीपारा शासकीय प्राथमिक स्कूल की हालत देखकर सरकारी दावों की हकीकत सामने आ जाती है. शासकीय प्राथमिक शाला मौहारीपारा में स्कूल भवन की स्थिति कई सालों से इसी तरह जर्जर है.
कितने बच्चे स्कूल में करते हैं पढ़ाई : बालक बालिकाओं को मिलाकर इस स्कूल में कुल 62 बच्चे पढ़ाई करते हैं. लेकिन बच्चों के अंदर अब डर समा गया है. क्योंकि स्कूल भवन की हालत जर्जर है.बारिश के समय में स्कूल की हालत और भी खराब हो जाती है क्योंकि बारिश के पानी के कारण पूरे दीवारों में सीलन आ जाती है.वहीं छत से पानी टपकता है.ऐसे में डर लगा रहता है कि कभी भी छत गिर सकती है.
क्या है छात्रों का कहना ? : स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा वसुंधरा सिंह के मुताबिक स्कूल में पढ़ने में डर लगता है. टीचर से बोलते भी हैं कि हमको दूसरा जगह बैठ कर पढ़ाईए.वहीं स्कूल की छात्रा साक्षी सिंह बताया कि जब बरसात होता है तो हम लोग को दूसरे क्लास में बैठाया जाता है पढ़ने के लिए डर तो लगता है. छात्रा परी बंजारे के मुताबिक स्कूल की छत पूरी तरह जर्जर तो है लेकिन पढ़ने के लिए मजबूर हैं. डर भी लगता है और बरसात में पानी टपकता है.
''मेरे द्वारा मैंने विकासखंड शिक्षा अधिकारी को इसके बारे में पूर्व में सूचना दी हुई है. लेकिन अभी तक किसी प्रकार की कोई संतोष जनक जवाब मेरे को नहीं प्राप्त हुआ है.अधिकारियों का कहना है कि दो जिलों के चक्कर में स्कूल के मरम्मत कार्यक्रम नहीं निकल पाया. क्योंकि स्कूल विकासखंड खड़गवां जिला एमसीबी में आता है. लेकिन राजस्व की भूमि जिला कोरिया में है.'' जुस्टीन मिंज,प्रधान पाठक
क्या है अफसरों का जवाब ? : संकुल के सीएससी के मुताबिक अफसरों को भी स्कूल के बारे में बताया गया है.अफसरों ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही स्कूल को गिराकर नया भवन बनाया जाएगा.लेकिन तब तक बच्चों को खतरे के नीचे ही पढ़ाई पूरी करनी होगी.