महासमुंद: लोगों को ई-साक्षर बनाने के लिए अच्छी पहल की जा रही है, ताकि वे घर में रहकर ही अपना काम आराम से कर सकें और इंटरनेट के उपयोग को समझ सकें. मुख्यमंत्री शहरी कार्यात्मक साक्षरता कार्यक्रम के तहत 'आवो गढ़वा डिजिटल छत्तीसगढ़' कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसके तहत 14 से 16 साल के लोगों 30 दिन में (कुल 48 घंटे) विशेष प्रशिक्षण दिए जाने की योजना है.
इस योजना का लक्ष्य सामान्य साक्षर व्यक्ति को डिजिटल साक्षर बनाने का है. जिससे टेबलेट, मोबाइल और कंप्यूटर आदि का इस्तेमाल करते हुए ईमेल भेज सकें और इंटरनेट का उपयोग कर सकें. इसके साथ ही इ-गवर्नेंस सुविधाओं के संबंध में प्रशिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित है.
महिलांए और लड़कियों में सीखने की ललक
इस प्रशिक्षण से एक चीज देखने को मिल रही है कि महिलाएं और लड़कियां इसमें बड़ा ही इंटरेस्ट लेकर इस काम को कर और सीख रहे हैं. उनका कहना है कि, 'इस प्रशिक्षण से हमें मोबाइल को कितनी आसानी से चलाना है ये सीखने को मिल रहा है. इसके साथ ही बिजली बिल भरना, मोबाइल रिचार्ज, ऑनलाइन खरीदी जैसी जरूरत के कामों को घर बैठे कैसे पूरा करें ये भी सिखाया जाता है.'
वहीं कुछ बच्चियों का कहना है कि, 'हम घर पर बैठकर ही अपने गूगल और यू-ट्यूब से जनरल नॉलेज और वैकेंसी के बारे में जानकारी पूरी तरह से ले पाते हैं.'
नगरीय प्रशासन विभाग कर रहा क्रियान्वयन
राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण और स्कूल शिक्षा विभाग के संयोजन में नगरीय प्रशासन विभाग इसका क्रियान्वयन कर रहा है. नगरीय निकाय के चिन्हांकित सामुदायिक भवनों में दोपहर 11 बजे से 1 बजे तक और 3 बजे से शाम 5 बजे तक का समय तय किया गया है. इस समय महिलाओं और लड़कियों को प्रशिक्षण दिया जाता है.
नगरीय क्षेत्र में स्थापित किए जाने वाले इस साक्षरता केंद्र में 25-25 चयनित शिक्षार्थियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. शिक्षार्थियों का पंजीयन आधार नंबर के माध्यम से ऑनलाइन किया जाएगा. साक्षरता केंद्र में सुचारू रूप से क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर पर मॉनिटरिंग की व्यवस्था भी है.
पहले आओ-पहले पाओ की तर्ज पर होगा चयन
168 नगरीय निकायों में साक्षरता केंद्र स्थापित किया गया है. छत्तीसगढ़ राज्य के 168 नगरी निकायों में इस साक्षरता केंद्र को स्थापित करने का लक्ष्य है. जहां ई-शिक्षा से वंचित शहरी क्षेत्रों के 14 से 60 वर्ष आयु वर्ग के लोगों को इससे जोड़कर दक्ष बनाया जाएगा.
प्रदेश के सभी 27 जिलों में प्रथम चरण में 36 मुख्यमंत्री साक्षरता केंद्र संचालित किए जाने की योजना है. जिसे राज्य के 13 नगर निगम, 44 नगर पालिका, 111 नगर पंचायत मिलाकर कुल 168 नगरीय निकायों में संचालित किया जा रहा है. इसका उद्देश्य 21वीं सदी में संचार तकनीकी से जनसामान्य को समृद्ध करना और डिजिटल भारत कार्यक्रम को सफल करने में जन जन की भागीदारी सुनिश्चित करना है.