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महासमुंद : यहां हाथियों के आतंक के साए में जी रहे हैं 4 दर्जन से अधिक गांव

हाथी आए दिन फसलों को बर्बाद कर रहे हैं पर लाचार ग्रामीणों का दर्द सुनने वाला कोई नहीं. हाथी के आतंक से किसान जहां रतजगा करने को मजबूर हैं वहीं वन विभाग के आला अधिकारी अपना ही राग अलाप रहे हैं.

हाथियों का आतंक
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Published : Apr 14, 2019, 1:03 PM IST

महासमुंद: जिले के 4 दर्जन से ज्यादा गांव पिछले 4 सालों से हाथियों के आतंक से परेशान हैं लेकिन वन विभाग आज तक ग्रामीणों को इस परेशानी से छुटकारा दिला पाने में नाकाम है.

हाथी आए दिन फसलों को बर्बाद कर रहे हैं पर लाचार ग्रामीणों का दर्द सुनने वाला कोई नहीं. हाथी के आतंक से किसान जहां रतजगा करने को मजबूर हैं वहीं वन विभाग के आला अधिकारी अपना ही राग अलाप रहे हैं.

हाथियों का आतंक
हाथी के आतंक से अपनी फसल और परिवार को बचाने के लिए लोग रात में पहरा दे रहे हैं. पूरा गांव हाथी से बचने के लिए अपने-अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है. 4 सालों में वन विभाग इन ग्रामीणों के दिल से हाथी का डर निकाल पाने में नाकाम है.

शासकीय आंकड़ों पर गौर करें तो जिले मेंहाथियों ने इन 4 सालों में 14 ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया है. वहीं 13 लोग घायल हुए हैं. 52 गांव में 6491 किसानों की 988 हेक्टेयर की फसल हाथियों ने बर्बाद कर दी है. हाथी 5 ग्रामीणों के मकान भी ध्वस्त कर चुके हैं.

बताया जा रहा है कि वन विभाग ग्रामीणों को अब हाथियों के आतंक से छुटकारा दिलाने के लिए एक नई योजना के तहत महानदी में नाव के माध्यम से हाथियों को चारा उपलब्ध कराकर उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में जाने से रोकने का प्रयास करेगा.

महासमुंद: जिले के 4 दर्जन से ज्यादा गांव पिछले 4 सालों से हाथियों के आतंक से परेशान हैं लेकिन वन विभाग आज तक ग्रामीणों को इस परेशानी से छुटकारा दिला पाने में नाकाम है.

हाथी आए दिन फसलों को बर्बाद कर रहे हैं पर लाचार ग्रामीणों का दर्द सुनने वाला कोई नहीं. हाथी के आतंक से किसान जहां रतजगा करने को मजबूर हैं वहीं वन विभाग के आला अधिकारी अपना ही राग अलाप रहे हैं.

हाथियों का आतंक
हाथी के आतंक से अपनी फसल और परिवार को बचाने के लिए लोग रात में पहरा दे रहे हैं. पूरा गांव हाथी से बचने के लिए अपने-अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है. 4 सालों में वन विभाग इन ग्रामीणों के दिल से हाथी का डर निकाल पाने में नाकाम है.

शासकीय आंकड़ों पर गौर करें तो जिले मेंहाथियों ने इन 4 सालों में 14 ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया है. वहीं 13 लोग घायल हुए हैं. 52 गांव में 6491 किसानों की 988 हेक्टेयर की फसल हाथियों ने बर्बाद कर दी है. हाथी 5 ग्रामीणों के मकान भी ध्वस्त कर चुके हैं.

बताया जा रहा है कि वन विभाग ग्रामीणों को अब हाथियों के आतंक से छुटकारा दिलाने के लिए एक नई योजना के तहत महानदी में नाव के माध्यम से हाथियों को चारा उपलब्ध कराकर उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में जाने से रोकने का प्रयास करेगा.

Intro:एंकर - महासमुंद जिले के 4 दर्जन से ज्यादा गांव वर्तमान में 4 सालों से हाथियों के आतंक से परेशान है परंतु वन विभाग आज तक ग्रामीणों को इस परेशानी से छुटकारा दिला पाने में नाकाम है हाथी आए दिन फसलों को बर्बाद कर रहे हैं पर लाचार ग्रामीणों का दर्द सुनने वाला कोई नहीं हाथी के आतंक से ग्रामीण व किसान जहां राज जगह करने को मजबूर है वहीं वन विभाग के आला अधिकारी अपना ही राग अलाप रहे है।

बीओ 1- हाथों में लाठी डंडा लिए घूम रहे यह वही लाचार और बेबस ग्रामीण है जो हाथी के आतंक से अपनी फसल एवं परिवार को बचाने के लिए रात में पहरा दे रहे हैं पूरा गांव हाथी से बचने के लिए अपने अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं पर 4 सालों में वन विभाग इन ग्रामीणों के दिल से हाथी का डर निकाल पाने में नाकाम है शासकीय आंकड़ों पर गौर करें तो महासमुंद जिले में 52 गांव के हजारों ग्रामीण हाथी के आतंक से पिछले 4 सालों से परेशान है हाथियों ने इन 4 सालों में 14 ग्रामीणों के मौत के घाट उतार दिया है और 13 लोगों को घायल कर चुका है 52 गांव में 6491 किसानों ने 988 हेक्टेयर की फसल हाथियों से बर्बाद कर दी है हाथियों ने 5 ग्रामीणों के मकान भी ध्वस्त कर चुके हैं पर 1 अमला थोड़ा बहुत मुआवजा देकर मामला समाप्त कर देता है ग्रामीणों का कहना है कि हाथी आए दिन फसल नुकसान कर रहे हैं पर 1 अम्ल कुछ नहीं करता यहां तक हाथी को भगाने के लिए दी जा रही मसाल मिट्टी का तेल 2 साल से नहीं मिला है मजबूरन ग्रामीण अपने साधन से रात में राज जगह कर हाथी को भगाने के लिए मजबूर हैं।

बीओ 2 - गौरतलब है कि वन विभाग ग्रामीणों को अब हाथी के आतंक से छुटकारा दिलाने के लिए एक नई योजना के तहत महा नदी में नाव के माध्यम से हाथियों को चारा उपलब्ध कराकर उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में जाने से रोकने का प्रयास करेगी।

बाइट 1 - राधे लाल सिंहा ग्रामीण लहंगर (पहचान - प्लेन शर्ट बाइट क्रमांक 012845)

बाइट 2 - अतुल श्रीवास्तव एसडीओ महासमुंद (पहचान- प्लेन शर्ट, चश्मा और शर्ट के जेब मे दो पेन) बाइट क्रमांक 9111551

हकीमुद्दीन नासिर ईटीवी भारत महासमुंद छत्तीसगढ़


Body:13/04/2019_cg_msmd_hathiyo_se_faslo_ka_bada_nuksan


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