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महासमुंदः WHO से आई टीम ने की जिला प्रशासन के इस अभियान की प्रशंसा

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Published : Oct 18, 2019, 9:23 PM IST

Updated : Oct 19, 2019, 3:59 PM IST

महासमुंद में आत्महत्या को रोकने के लिए नवजीवन जागरुकता अभियान के सैकड़ों केंद्र संचालित किया जा रहा है. इस अभियान से जुड़ी जानकारी और उस पर शोध करने के लिए आज WHO से दो सदस्यीय टीम पहुंची है.

नवजीवन जागरुकता अभियान पर शोध करने पहुंची से WHO से टीम

महासमुंदः आत्महत्या को रोकने के लिए जिले में नवजीवन जागरुकता अभियान के तहत कई जगहों पर केंद्र खोले गए हैं. कलेक्टर ने जिले में आत्महत्या के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए इस अभियान की शुरुआत की है. यहां आत्महत्या की ओर प्रेरित लोगों को जीवन जीने का नया तरीका सिखाया जाता है. इस अभियान पर शोध करने के लिए शुक्रवार को जिले में WHO की ओर से आस्ट्रेलिया के 2 सदस्यीय टीम पहुंची है.

नवजीवन जागरुकता अभियान पर शोध करने पहुंची से WHO से टीम

WHO की शोध टीम ने घोड़ारी और बेलसोंडा नवजीवन केंद्र में पदस्थ नवजीवन सखा और सखी से मुलाकात की और अभियान से संबंधित जानकारी ली. साथ ही इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए रूपरेखा पर चर्चा की.

जिलेभर में चल रहे केंद्र
इस अभियान के तहत पूरे जिले में 570 नवजीवन केंद्र संचालित किए जा रहे हैं. जिसमें 19 जीवन सखा और 19 जीवन सखी पदस्थ हैं. इसके अलावा सभी वर्गों के लोगों को अभियान से जोड़ा गया है. केंद्र में पदस्थ सखा और सखी ऐसे लोगों को चिन्हित करते हैं, जो आत्महत्या की ओर प्रेरित होते हैं. उन्हें केंद्र लाकर आत्महत्या के कारणों का पता लगाया जाता हैं और उन्हें आत्महत्या जैसे कदम उठाने से रोकने का प्रयास किया जाता है.

आत्महत्या के आंकडे में पहले नंबर पर है जिला
राष्ट्रीय स्तर पर 2005 में हुए एक सर्वे के मुताबिक प्रति एक लाख की संख्या पर 27.7 प्रतिशत व्यक्तियों ने आत्महत्या किया है. साथ ही आंकड़ों के आधार पर छत्तीसगढ़ देश में चौथे और प्रदेश में महासमुंद पहले स्थान पर है. 2017 से मई 2019 के बीच 692 आत्महत्याओं के मामले सामने आए हैं. इनमें 490 पुरुष और 202 महिलाएं हैं.

अभियान से जुड़ी बात जानने विदेश से आई टीम
अभियान से जुड़ी बातों को जानने के लिए ऑस्ट्रेलिया मेलबॉर्न यूनिवर्सिटी के डॉ ग्रेग्री आर्मस्ट्रांग केंद्रों में पहुंचे. जहां उनके साथ जिला अस्पताल के सिविल सर्जन भी मौजूद रहे. डॉ ग्रेग्री ने बताया कि वे यहां पहली बार आए है. यहां प्रशासन द्वारा किए जा रहे काम से वे बहुत प्रभावित है. उन्होंने कहा कि ये एक अच्छी पहल है. लोगों को ये बताना जरूरी है कि आत्महत्या ही एक उपाय नहीं है, दूसरे विकल्प हैं.

महासमुंदः आत्महत्या को रोकने के लिए जिले में नवजीवन जागरुकता अभियान के तहत कई जगहों पर केंद्र खोले गए हैं. कलेक्टर ने जिले में आत्महत्या के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए इस अभियान की शुरुआत की है. यहां आत्महत्या की ओर प्रेरित लोगों को जीवन जीने का नया तरीका सिखाया जाता है. इस अभियान पर शोध करने के लिए शुक्रवार को जिले में WHO की ओर से आस्ट्रेलिया के 2 सदस्यीय टीम पहुंची है.

नवजीवन जागरुकता अभियान पर शोध करने पहुंची से WHO से टीम

WHO की शोध टीम ने घोड़ारी और बेलसोंडा नवजीवन केंद्र में पदस्थ नवजीवन सखा और सखी से मुलाकात की और अभियान से संबंधित जानकारी ली. साथ ही इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए रूपरेखा पर चर्चा की.

जिलेभर में चल रहे केंद्र
इस अभियान के तहत पूरे जिले में 570 नवजीवन केंद्र संचालित किए जा रहे हैं. जिसमें 19 जीवन सखा और 19 जीवन सखी पदस्थ हैं. इसके अलावा सभी वर्गों के लोगों को अभियान से जोड़ा गया है. केंद्र में पदस्थ सखा और सखी ऐसे लोगों को चिन्हित करते हैं, जो आत्महत्या की ओर प्रेरित होते हैं. उन्हें केंद्र लाकर आत्महत्या के कारणों का पता लगाया जाता हैं और उन्हें आत्महत्या जैसे कदम उठाने से रोकने का प्रयास किया जाता है.

आत्महत्या के आंकडे में पहले नंबर पर है जिला
राष्ट्रीय स्तर पर 2005 में हुए एक सर्वे के मुताबिक प्रति एक लाख की संख्या पर 27.7 प्रतिशत व्यक्तियों ने आत्महत्या किया है. साथ ही आंकड़ों के आधार पर छत्तीसगढ़ देश में चौथे और प्रदेश में महासमुंद पहले स्थान पर है. 2017 से मई 2019 के बीच 692 आत्महत्याओं के मामले सामने आए हैं. इनमें 490 पुरुष और 202 महिलाएं हैं.

अभियान से जुड़ी बात जानने विदेश से आई टीम
अभियान से जुड़ी बातों को जानने के लिए ऑस्ट्रेलिया मेलबॉर्न यूनिवर्सिटी के डॉ ग्रेग्री आर्मस्ट्रांग केंद्रों में पहुंचे. जहां उनके साथ जिला अस्पताल के सिविल सर्जन भी मौजूद रहे. डॉ ग्रेग्री ने बताया कि वे यहां पहली बार आए है. यहां प्रशासन द्वारा किए जा रहे काम से वे बहुत प्रभावित है. उन्होंने कहा कि ये एक अच्छी पहल है. लोगों को ये बताना जरूरी है कि आत्महत्या ही एक उपाय नहीं है, दूसरे विकल्प हैं.

Intro:एंकर - महासमुंद जिले में आत्महत्या को रोकने के लिए शुरु की गई नवजीवन जागरुकता अभियान पर शोध करने आस्ट्रेलिया से 2 सदस्य टीन आज महासमुंद पहुंची टीम ने जहां घोड़ारी और बेलसोंडा नवजीवन केंद्र में पदस्थ नवजीवन सखा और सखी से मुलाकात की और अभियान से संबंधित में जानकारी प्राप्त की वहीं इस अभियान में क्या मदद की जा सकती है उस पर भी यहां से कलेक्टर से बातचीत की आपको बता दें कि प्रदेश में आत्म हत्या के मामले में महासमुंद जिले पहले नंबर पर हैं आत्महत्या के खिलाफ महासमुंद कलेक्टर ने इस सत्र से नवजीवन कार्यक्रम की शुरुआत की है।



Body:वीओ 1 - इस अभियान के तहत पूरे जिले में 570 नवजीवन केंद्र संचालित किए जा रहे हैं जिसमें 19 जीवन सखा और 19 जीवन सखी पदस्थ है इसके अलावा सभी वर्गों के लोगों को अब ध्यान से जोड़ा गया है केंद्र में पदस्थ नवजीवन सखा और सच्ची द्वारा ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाता है जो आत्महत्या की और तेरी तो रहे हैं इन्हें केंद्र लाकर आत्महत्या के कारणों का पता लगाते हैं सिर्फ उन्हें आत्महत्या जैसे कदम उठाने से दूर करने का प्रयास किया जाता है राष्ट्रीय स्तर पर 2005 में हुए एक सर्वे के अनुसार प्रति एक लाख की संख्या पर 27.7 व्यक्तियों द्वारा आत्महत्या किया जा रहा है जिन आंकड़ों के आधार पर छत्तीसगढ़ देश में चौथे एवं प्रदेश में महासमुंद जिला पहले स्थान पर हैं 2017 से मई 2019 के बीच 692 आत्महत्याओं के मामले सामने आए हैं जिनमें 490 पुरुष और 202 महिलाएं हैं घोड़ा रीवा बेलसोंडा नवजीवन केंद्र पहुंचे ऑस्ट्रेलिया मेलबॉर्न यूनिवर्सिटी के डॉ ग्रेग्री आर्मस्ट्रांग और राज्य के प्रतिनिधि डॉ राहुल के पदस्थ सखा सखी से मुलाकात की और अभियान से जुड़ी बातों को जाना जिला अस्पताल के सिविल सर्जन ने मीडिया को बताया कि किस प्रकार नवजीवन केंद्र में आत्महत्या से प्रेरित लोगों का दिमाग दूसरी ओर प्रभावित किया जाता है साथ ही उन्हें जीवन की महत्व भी समझाया जाता है गौरतलब है कि वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन की ओर से आज 2 सदस्य टीम यहां नवजीवन अभियान के संबंध में जानकारी ले रही है उसके बाद यह टीम हाथी बाहर आवा बागबाहरा नवजीवन केंद्र जाकर सखा और सखी से बातचीत करेंगे तत्पश्चात जिला अस्पताल में संचालित नवजीवन केंद्र में भी जाकर जानकारी एकत्र करेंगे इस संबंध में प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर से भी मुलाकात कर अभियान से संबंधित विस्तृत जानकारी लेंगे।


Conclusion:बाइट 1 - डॉ ग्रेग्री आर्मस्ट्रांग मेलबार्न यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया

बाइट 2 - डॉक्टर आरके पर्दल सिविल सर्जन महासमुंद पहचान चश्मा लगा हुआ और क्रीम कलर का लाइनिंग वाला शर्ट

हकीमुद्दीन नासिर रिपोर्टर ईटीवी भारत महासमुंद छत्तीसगढ़ मो. 9826555052
Last Updated : Oct 19, 2019, 3:59 PM IST
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