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इस तकनीक से मालामाल हो रहे महासमुंद के किसान

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Published : Jan 17, 2021, 12:38 PM IST

Updated : Jan 17, 2021, 3:34 PM IST

महासमुंद में शेड नेट योजना किसानों के लिए काफी लाभकारी साबित हो रही हैं. यहां के किसान न सिर्फ अपनी आय बढ़ा रहे है, बल्कि दूसरों को रोजगार भी दे रहे हैं.

Shed Net scheme for improved farming made profitable for farmers IN  Mahasamund
उन्नत खेती के लिए शेड नेट योजना किसानों के लिए बनी लाभदायक

महासमुंद: जिले में शेड नेट योजना किसानों के लिए काफी कारगर साबित हो रही हैं. जिले के डेढ़ दर्जन किसान स योजना का लाभ लेकर अपनी आय बढ़ा रहे हैं, दर्जनों बेरोजगारों को रोजगार भी उपलब्ध करा रहे हैं.

शेड नेट योजना से किसान हो रहे मालामाल

किसानों को प्राकृतिक आपदा कीड़े-मकोड़ों से बचाने, बेमौसम खेती कर फसलों के सही दाम देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की शेड नेट निर्माण योजना शुरू की गई है. जो जिले के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है.कभी बेमौसम बारिश तो कभी कम बारिश के कारण किसानों की फसल नुकसान हो जाती थी, पर शेड नेट निर्माण योजना के तहत बेमौसम उगाए उद्यानिकी फसलों से किसानों की आय बढ़ने लगी हैं.

Shed Net scheme for improved farming made profitable for farmers IN  Mahasamund
शेड नेट योजना से मिर्च की खेती

शेडनेट निर्माण योजना किसानों के लिए बनी वरदान

शेडनेट निर्माण योजना की जमीनी हकीकत जानने के लिए ETV भारत की टीम महासमुंद ब्लॉक के ग्राम लखनपुर पहुंची. जो जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर है. ग्राम लखनपुर के किसान कृष्ण कुमार पटेल ने 1 एकड़ में शेड निर्माण कराकर करेला, मिर्ची की खेती की. कृष्ण कुमार पटेल ने बताया कि वह 7 माह से इस योजना का लाभ ले रहे हैं. इन्होंने शेड नेट का निर्माण 1 एकड़ में कराया, जिसकी लागत 20 लाख रुपये आई. जिसमें उन्होंने मात्र 30% राशि दी. शेष राशि अनुदान में मिली. आधे एकड़ में करेला और आधे में हरी मिर्च लगाई. करेले और हरी मिर्च में लागत काटकर 1 लाख 50 हजार का शुद्ध लाभ हुआ. इसी तरह एक अन्य किसान संजय चंद्राकर ने भी 1 एकड़ में शेडनेट का निर्माण कराया है और उसमें शिमला मिर्च लगाया है. वे भी पूरी तरह आश्वस्त है कि उन्हें भी अच्छी आमदनी होगी.

Shed Net scheme for improved farming made profitable for farmers IN  Mahasamund
शेड नेट योजना से खेती

पढ़ें: किसान कार्तिक राम चंद्रा ने सब्जी बाड़ी में 25 मजदूरों को दिया रोजगार

बेरोजगारों को भी मिल रहा रोजगार

केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ लेकर किसान अपनी आए तो बढ़ा रहे हैं वहीं दर्जनों बेरोजगारों को रोजगार भी मुहैया करा रहे हैं. रोजगार पाने वाले मजदूरों को कहना है कि वह पहले रोजगार के लिए भटक रहे थे, पर जब से इन किसानों ने शेड नेट का निर्माण कराया है तो इन्हें रोजगार भी मिल गया और रोजी का सही दाम भी मिल रहा है.

संरक्षित खेती के विस्तार की योजना

इस पूरे मामले में उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक का कहना है कि उद्यानिकी फसलों को मौसम और फसल में लगने वाले कीड़े से बचाने और संरक्षित खेती की ओर किसानों को लाने के उद्देश्य से यह योजना संचालित की गई है.

शेडनेट निर्माण योजना के तहत जिले में वर्ष 2019 -20 में 17 किसानों को लाभ दिया गया है. इस योजना के तहत लागत का 70% अनुदान केंद्र सरकार देती है और 30% राशि हितग्राही को देनी पड़ती है. शेड नेट में किसान गुलाब फूल, गेंदा फूल, करेला, मिर्ची, शिमला मिर्च, खीरा आदि का उत्पादन कर रहे हैं.

पढ़ें: बेमेतरा कृषि महाविद्यालय में पहली बार मखाना की प्रदर्शनी का आयोजन

शेड नेट खेती

पॉली हाउस शेड नेट हाउस से खेती करना सबसे सुरक्षित माना जाता है, इस विधि से खेती करने से किसानों की फसल को बारिश, आंधी और कीड़ें-मकोड़े से बचाती है, जिससे किसान सुरक्षित उत्पादन कर सकते है.

महासमुंद: जिले में शेड नेट योजना किसानों के लिए काफी कारगर साबित हो रही हैं. जिले के डेढ़ दर्जन किसान स योजना का लाभ लेकर अपनी आय बढ़ा रहे हैं, दर्जनों बेरोजगारों को रोजगार भी उपलब्ध करा रहे हैं.

शेड नेट योजना से किसान हो रहे मालामाल

किसानों को प्राकृतिक आपदा कीड़े-मकोड़ों से बचाने, बेमौसम खेती कर फसलों के सही दाम देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की शेड नेट निर्माण योजना शुरू की गई है. जो जिले के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है.कभी बेमौसम बारिश तो कभी कम बारिश के कारण किसानों की फसल नुकसान हो जाती थी, पर शेड नेट निर्माण योजना के तहत बेमौसम उगाए उद्यानिकी फसलों से किसानों की आय बढ़ने लगी हैं.

Shed Net scheme for improved farming made profitable for farmers IN  Mahasamund
शेड नेट योजना से मिर्च की खेती

शेडनेट निर्माण योजना किसानों के लिए बनी वरदान

शेडनेट निर्माण योजना की जमीनी हकीकत जानने के लिए ETV भारत की टीम महासमुंद ब्लॉक के ग्राम लखनपुर पहुंची. जो जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर है. ग्राम लखनपुर के किसान कृष्ण कुमार पटेल ने 1 एकड़ में शेड निर्माण कराकर करेला, मिर्ची की खेती की. कृष्ण कुमार पटेल ने बताया कि वह 7 माह से इस योजना का लाभ ले रहे हैं. इन्होंने शेड नेट का निर्माण 1 एकड़ में कराया, जिसकी लागत 20 लाख रुपये आई. जिसमें उन्होंने मात्र 30% राशि दी. शेष राशि अनुदान में मिली. आधे एकड़ में करेला और आधे में हरी मिर्च लगाई. करेले और हरी मिर्च में लागत काटकर 1 लाख 50 हजार का शुद्ध लाभ हुआ. इसी तरह एक अन्य किसान संजय चंद्राकर ने भी 1 एकड़ में शेडनेट का निर्माण कराया है और उसमें शिमला मिर्च लगाया है. वे भी पूरी तरह आश्वस्त है कि उन्हें भी अच्छी आमदनी होगी.

Shed Net scheme for improved farming made profitable for farmers IN  Mahasamund
शेड नेट योजना से खेती

पढ़ें: किसान कार्तिक राम चंद्रा ने सब्जी बाड़ी में 25 मजदूरों को दिया रोजगार

बेरोजगारों को भी मिल रहा रोजगार

केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ लेकर किसान अपनी आए तो बढ़ा रहे हैं वहीं दर्जनों बेरोजगारों को रोजगार भी मुहैया करा रहे हैं. रोजगार पाने वाले मजदूरों को कहना है कि वह पहले रोजगार के लिए भटक रहे थे, पर जब से इन किसानों ने शेड नेट का निर्माण कराया है तो इन्हें रोजगार भी मिल गया और रोजी का सही दाम भी मिल रहा है.

संरक्षित खेती के विस्तार की योजना

इस पूरे मामले में उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक का कहना है कि उद्यानिकी फसलों को मौसम और फसल में लगने वाले कीड़े से बचाने और संरक्षित खेती की ओर किसानों को लाने के उद्देश्य से यह योजना संचालित की गई है.

शेडनेट निर्माण योजना के तहत जिले में वर्ष 2019 -20 में 17 किसानों को लाभ दिया गया है. इस योजना के तहत लागत का 70% अनुदान केंद्र सरकार देती है और 30% राशि हितग्राही को देनी पड़ती है. शेड नेट में किसान गुलाब फूल, गेंदा फूल, करेला, मिर्ची, शिमला मिर्च, खीरा आदि का उत्पादन कर रहे हैं.

पढ़ें: बेमेतरा कृषि महाविद्यालय में पहली बार मखाना की प्रदर्शनी का आयोजन

शेड नेट खेती

पॉली हाउस शेड नेट हाउस से खेती करना सबसे सुरक्षित माना जाता है, इस विधि से खेती करने से किसानों की फसल को बारिश, आंधी और कीड़ें-मकोड़े से बचाती है, जिससे किसान सुरक्षित उत्पादन कर सकते है.

Last Updated : Jan 17, 2021, 3:34 PM IST
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