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Mahasamund News: सरपंच पति बना बुलडोजर बाबा, कब्जे का आरोप लगाकर घर पर चलवाया जेसीबी - अमृत सरोवर योजना के तहत सौंदर्यीकरण

महासमुंद में सरपंच पति पर पाड़े परिवार को जमीन से बेदखल करने का आरोप लगा है. परिवार का आरोप है कि वे पिछले 25 सालों से तालाब की जमीन पर रहकर ईंट बनाकर जीवन यापन कर रहे हैं. लेकिन पिछले कई दिनों से सरपंत पति उन्हें टारगेट किए हुए हैं.परिवार न्याय के लिए भटक रहा है. Chhattisgarh News

Mahasamund News
पाड़े परिवार को प्रताड़ित करने के आरोप
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Published : Jun 23, 2023, 10:23 AM IST

Updated : Jun 23, 2023, 11:30 AM IST

सरपंच पति पर आरोप

महासमुंद: जिले के पिथौरा विकासखंड में ग्राम बल्दीडीह की सरपंच के पति पर एक परिवार को प्रताड़ित करने का आरोप लगा है. पीड़ित परिवार का कहना है कि उनके मकान को सरपंच पति द्वारा क्षतिग्रस्त किया जा रहा है. घर पहुंचने के रास्ते को भी बंद करा दिया जा रहा है. पीड़ित परिवार न्याय के लिए दर दर भटक रहा है लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही है.

क्या है पूरा मामला: पीड़ित पाड़े परिवार ईंट बनाकर पिछले कई सालों से अपनी रोजी रोटी चलाते आ रहे हैं. गांव में स्थित सरकारी तालाब से लगी बुजुर्गों की दी हुई जमीन पर पिछले 25 सालों से रह रहे हैं. परिवार का आरोप है कि बल्दीडीह के सरपंच पति उन्हें कब्जाधारी बताते हुए उन्हें बेदखल करने की कोशिश कर रहे हैं. सरपंच पति ने उनके घर को अवैध बताकर सेप्टिक और गेट के साथ-साथ घर के रास्ते को जेसीबी चलाकर तुड़वा दिया है.

कोई नहीं कर रहा मदद: परिवार ने बताया कि कुछ माह पहले इस मामले पर जिले के कलेक्टर को आवेदन दिया था, जिसके बाद कलेक्टर ने पटवारी को निर्देशित बी किया था. तब पटवारी ने सरपंच को मिट्टी हटाने और गेट को लगवाने के लिए कहा था, लेकिन इसका कोई असर सरपंच और उसके पति पर नहीं हुआ.

"हम पुलिस के पास भी गए, लेकिन पुलिस भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. हमने कलेक्टर से लेकर पुलिस को शिकायत की है. लेकिन कोई भी हमारी मदद नहीं कर रहा है. अब हम क्या करे, कोई मदद नहीं कर रहा है." - पाड़े परिवार, पीड़ित

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सरपंच पति ने दी सफाई: मामले पर सफाई देते हुए सरपंच पति महेश सिन्हा का कहना है कि, तालाब को शासन के अमृत सरोवर योजना के तहत सौंदर्यीकरण करना है, जिसके तहत अतिक्रमण करने वालों को हटाया जा रहा है. पहले भी इन्हें नोटिस दिया गया था, लेकिन यह नहीं हट रहे हैं. अगर शासन प्रशासन कोई सहयोग करेगा, तो इनके लिए कुछ किया जा सकता है.

जब छत्तीसगढ़ शासन की तरफ से पाड़े परिवारों को रहन बसन के लिए जमीन दिया जा रहा है. तो सवाल उठता है कि आखिर यहां के सरकारी तालाब के पास 25 साल से काबिज सिर्फ पाड़े परिवार को ही क्यों परेशान किया जा रहा है. अब सवाल उठता है कि यदि तालाब का सौंदर्यीकरण करना है तो तालाब में बसे सभी परिवारों को हटाया जाना चाहिए. किसी एक परिवार को ही नुकसान क्यों पहुंचाया जा रहा है ?

सरपंच पति पर आरोप

महासमुंद: जिले के पिथौरा विकासखंड में ग्राम बल्दीडीह की सरपंच के पति पर एक परिवार को प्रताड़ित करने का आरोप लगा है. पीड़ित परिवार का कहना है कि उनके मकान को सरपंच पति द्वारा क्षतिग्रस्त किया जा रहा है. घर पहुंचने के रास्ते को भी बंद करा दिया जा रहा है. पीड़ित परिवार न्याय के लिए दर दर भटक रहा है लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही है.

क्या है पूरा मामला: पीड़ित पाड़े परिवार ईंट बनाकर पिछले कई सालों से अपनी रोजी रोटी चलाते आ रहे हैं. गांव में स्थित सरकारी तालाब से लगी बुजुर्गों की दी हुई जमीन पर पिछले 25 सालों से रह रहे हैं. परिवार का आरोप है कि बल्दीडीह के सरपंच पति उन्हें कब्जाधारी बताते हुए उन्हें बेदखल करने की कोशिश कर रहे हैं. सरपंच पति ने उनके घर को अवैध बताकर सेप्टिक और गेट के साथ-साथ घर के रास्ते को जेसीबी चलाकर तुड़वा दिया है.

कोई नहीं कर रहा मदद: परिवार ने बताया कि कुछ माह पहले इस मामले पर जिले के कलेक्टर को आवेदन दिया था, जिसके बाद कलेक्टर ने पटवारी को निर्देशित बी किया था. तब पटवारी ने सरपंच को मिट्टी हटाने और गेट को लगवाने के लिए कहा था, लेकिन इसका कोई असर सरपंच और उसके पति पर नहीं हुआ.

"हम पुलिस के पास भी गए, लेकिन पुलिस भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. हमने कलेक्टर से लेकर पुलिस को शिकायत की है. लेकिन कोई भी हमारी मदद नहीं कर रहा है. अब हम क्या करे, कोई मदद नहीं कर रहा है." - पाड़े परिवार, पीड़ित

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सरपंच पति ने दी सफाई: मामले पर सफाई देते हुए सरपंच पति महेश सिन्हा का कहना है कि, तालाब को शासन के अमृत सरोवर योजना के तहत सौंदर्यीकरण करना है, जिसके तहत अतिक्रमण करने वालों को हटाया जा रहा है. पहले भी इन्हें नोटिस दिया गया था, लेकिन यह नहीं हट रहे हैं. अगर शासन प्रशासन कोई सहयोग करेगा, तो इनके लिए कुछ किया जा सकता है.

जब छत्तीसगढ़ शासन की तरफ से पाड़े परिवारों को रहन बसन के लिए जमीन दिया जा रहा है. तो सवाल उठता है कि आखिर यहां के सरकारी तालाब के पास 25 साल से काबिज सिर्फ पाड़े परिवार को ही क्यों परेशान किया जा रहा है. अब सवाल उठता है कि यदि तालाब का सौंदर्यीकरण करना है तो तालाब में बसे सभी परिवारों को हटाया जाना चाहिए. किसी एक परिवार को ही नुकसान क्यों पहुंचाया जा रहा है ?

Last Updated : Jun 23, 2023, 11:30 AM IST
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