महासमुंद: कोरोना काल के समय में हर वर्ग के लोग जरूरतमंदों के मदद के लिए सामने आए और गरीब और जरूरतमंदों की मदद की. वहीं छत्तीसगढ़ के कई बड़ी-बड़ी संस्थाएं, NGO और समाज सेवी संगठन गरीबों की मदद के लिए काम कर रहे हैं. इसी बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संस्था भी इस महामारी में अपना योगदान दे रहे हैं.
कोरोना की दवाई बनाने के लिए पूरे विश्व के वैज्ञानिक जुटे हुए हैं, लेकिन अब तक कोई भी देश ऐसी दवा नहीं खोज पाया है, जो सीधे तौर पर कोरोना को मात दे सके. आयुर्वेद और WHO के निर्देशों के मुताबिक इस बीमारी से लड़ने के लिए अपने शरीर का रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर रखनी होगी, इसे लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक रोज सुबह कार्यालय में काढ़ा बनाते हैं और उसे चाय के कंटेनर में भरकर शहर के चौक-चौराहे और घनी आबादी वाले इलाके में ले जाकर स्टॉल लगाते हैं. स्टॉल लगाकर वे आने-जाने वाले लोगों को काढ़ा पिलाते हैं. बता दें कि संघ के लोग रोजाना 200 से ज्यादा लोगों को काढ़ा पीला रहे हैं.
इन चीजों से बनाया जाता है काढ़ा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का टारगेट ज्यादा से ज्यादा लोगों को काढ़ा पिलाकर उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ना है. बता दें कि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से दिया जाने वाला काढ़ा आयुष्मान भारत से प्रमाणित है. काढ़ा को दालचीनी, तुलसी, सोंठ और काली मिर्च डालकर बनाया जाता है.
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कोरोना महामारी के बीच स्वयंसेवक जरूरतमंदों को खाना, राशन और सब्जी बांट रहे हैं. इसके साथ ही प्रवासी मजदूरों को भोजन , सुखा राशन देकर उनकी मदद कर रहे हैं. स्वयंसेवक संघ का कहना है कि वे हमेशा लोगों की सेवा के लिए तत्पर हैं.