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महासमुंद: भंडारण की कमी, नहीं हुआ धान का परिवहन

धान खरीदी केन्द्रों में भडारण की कम क्षमता, रखरखाव और फंड की कमी, धान के सही वक्त में परिवहन ने होने से लग रहा है कि केन्द्रों में धान की खरीदी जल्द ही बंद करनी पड़ सकती है.

खुले में किया जा रहा धान का भंडारण.
खुले में किया जा रहा धान का भंडारण.
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Published : Dec 17, 2019, 7:15 AM IST

महासमुंद: जिले में धान खरीदी केंद्रों से धान का परिवहन नहीं किए जाने से खरीदी केंद्रों के व्यवस्थापकों की चिंता बढ़ गई है. इसके चलते कभी भी धान खरीदी बंद हो सकती है. खरीदी केंद्रों के व्यवस्थापक क्षमता से अधिक धान खरीदी कर लेने की बात करते हुए बता रहे हैं की अगर धान का जल्द ही उठाव नहीं हुआ तो खरीदी बंद हो सकती है.

जिले में बीते 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है. जिले की 81 समितियों के 127 धान खरीदी केंद्रों में धान की खरीदी जारी है. जिले के 1,34,600 किसानों ने पंजीयन कराया है. वहीं 1 दिसंबर से अब तक 35,893 किसानों ने 1 लाख 59,480 मिट्रिक टन धान बेचा है. वहीं अबतक मात्र 2,990 मिट्रिक टन धान का ही परिवहन हो सका है.

धान खरीदी केन्द्रों की समस्याएं.

सरकारी आंकड़ों पर गौर की जाए तो 127 धान खरीदी केंद्रों में से 122 केंद्र ऐसे हैं जहां क्षमता से अधिक धान का भंडारण किया जा चुका है. ETV भारत जिले के झालखमरिया धान खरीदी केन्द्र का दौरा किया तो पाया कि यहां 15 गांव के 1,607 किसान पंजीकृत हैं और रोजाना तकरीबन 1,300 क्विंटल धान बिक्री के लिए आता है. केन्द्र में भंडारण की क्षमता भी 1,300 क्विंटल की है. लेकिन यहां अभी 18,000 क्विटल धान रखा हुआ है.

इस पूरे मामले में विपणन अधिकारी अपना अलग ही राग अलाप रहे हैं. वितरण विभाग के अधिकारी रखरखाव के लिए रकम आवंटित किए जाने की बात कह रहे हैं. लेकिन, समिति प्रबंधक ने स्पष्ट तौर पर कहा कि अबतक कोई भी फंड रखरखाव के नाम पर नहीं आबंटित की गई है. मौसम की मार झेलने के लिए समिति के फंड से ही व्यवस्था की जा रही है.

महासमुंद: जिले में धान खरीदी केंद्रों से धान का परिवहन नहीं किए जाने से खरीदी केंद्रों के व्यवस्थापकों की चिंता बढ़ गई है. इसके चलते कभी भी धान खरीदी बंद हो सकती है. खरीदी केंद्रों के व्यवस्थापक क्षमता से अधिक धान खरीदी कर लेने की बात करते हुए बता रहे हैं की अगर धान का जल्द ही उठाव नहीं हुआ तो खरीदी बंद हो सकती है.

जिले में बीते 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है. जिले की 81 समितियों के 127 धान खरीदी केंद्रों में धान की खरीदी जारी है. जिले के 1,34,600 किसानों ने पंजीयन कराया है. वहीं 1 दिसंबर से अब तक 35,893 किसानों ने 1 लाख 59,480 मिट्रिक टन धान बेचा है. वहीं अबतक मात्र 2,990 मिट्रिक टन धान का ही परिवहन हो सका है.

धान खरीदी केन्द्रों की समस्याएं.

सरकारी आंकड़ों पर गौर की जाए तो 127 धान खरीदी केंद्रों में से 122 केंद्र ऐसे हैं जहां क्षमता से अधिक धान का भंडारण किया जा चुका है. ETV भारत जिले के झालखमरिया धान खरीदी केन्द्र का दौरा किया तो पाया कि यहां 15 गांव के 1,607 किसान पंजीकृत हैं और रोजाना तकरीबन 1,300 क्विंटल धान बिक्री के लिए आता है. केन्द्र में भंडारण की क्षमता भी 1,300 क्विंटल की है. लेकिन यहां अभी 18,000 क्विटल धान रखा हुआ है.

इस पूरे मामले में विपणन अधिकारी अपना अलग ही राग अलाप रहे हैं. वितरण विभाग के अधिकारी रखरखाव के लिए रकम आवंटित किए जाने की बात कह रहे हैं. लेकिन, समिति प्रबंधक ने स्पष्ट तौर पर कहा कि अबतक कोई भी फंड रखरखाव के नाम पर नहीं आबंटित की गई है. मौसम की मार झेलने के लिए समिति के फंड से ही व्यवस्था की जा रही है.

Intro:एंकर- महासमुंद जिले में धान खरीदी केंद्रों से धान का परिवहन नहीं किए जाने से धान खरीदी केंद्रों के व्यवस्थापकओ की चिंता बढ़ गई है जिससे कभी भी धान खरीदी बंद हो सकती है जहां धान खरीदी केंद्रों के व्यवस्थापक क्षमता से अधिक धान खरीदी कर लेने की बात करते हुए उठाओ जल्द नहीं होने पर खरीदी बंद करने की आशंका व्यक्त कर रहे हैं वही आला अधिकारी अपना ही राग अलाप रहे हैं।


Body:वीओ 1 - महासमुंद जिले में 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है जिले में 81 समितियों के 127 धान खरीदी केंद्रों के माध्यम से खरीदी की जा रही है जिले में 134600 किसानों ने पंजीयन कराया है 1 दिसंबर से अभी तक 35893 किसानों 100000 59480 मेट्रिक टन धान बेचा है और 127 धान खरीदी केंद्रों से मात्र 2990 मेट्रिक टन धान का परिवहन अभी तक हो पाया है 156490 मेट्रिक टन धान अभी भी धान खरीदी केंद्रों में पड़ा हुआ है शासकीय आंकड़ों पर गौर करें तो 127 धान खरीदी केंद्रों में से 122 धान खरीदी केंद्र ऐसे हैं जहां क्षमता से अधिक धान भंडारित है मीडिया ने जब धान खरीदी केंद्रों का दौरा किया तो पता चला कि ग्रामीण सहकारी समिति झालखमरिया में 15 गांव के 1607 किसान पंजीकृत हैं और प्रतिदिन लगभग 1300 क्विंटल धान बिकनी के लिए आता है समिति की क्षमता 13000 कुंटल धान भ्रमण का है और अभी तक 18000 क्विंटल धान समिति में है ऐसे में धान का परिवहन जल्द नहीं किया गया तो समिति प्रबंधक को धान खरीदी बंद करनी पड़ेगी।


Conclusion:वीओ 2 - इस पूरे मामले में विपणन अधिकारी अपना ही राग अलाप रहे हैं गौरतलब है कि वितरण विभाग के आला अधिकारी रखरखाव के लिए पैसा आवंटित किए जाने की बात कह रहे हैं पर समिति प्रबंधक का स्पष्ट तौर पर कहना है कि कोई भी फंड रखरखाव के नाम पर नहीं मिला और मौसम खराब होने पर कैप कवर हम लोग समिति के फंड से ला रहे हैं बाहर हाल जिले में परिवहन की यही स्थिति रही तो आने वाले समय में किसानों की मुसीबत बढ़ने वाली है।

बाइट 1 - भोज राम साहू समिति प्रबंधक झालखमरिया पहचान क्रीम कलर का डब्बा वाला नीला शर्ट गले में सफेद कलर का गमछा लपेटा हुआ और बैकग्राउंड में धान धान की बोरी दिख रही है।

बाइट 2 - संतोष पाठक वितरण अधिकारी महासमुंद पहचान नीले कलर का फुल शर्ट डब्बेवाला

हकीमुद्दीन नासिर रिपोर्टर ईटीवी भारत महासमुंद छत्तीसगढ़
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