महासमुंद: जिले में धान खरीदी केंद्रों से धान का परिवहन नहीं किए जाने से खरीदी केंद्रों के व्यवस्थापकों की चिंता बढ़ गई है. इसके चलते कभी भी धान खरीदी बंद हो सकती है. खरीदी केंद्रों के व्यवस्थापक क्षमता से अधिक धान खरीदी कर लेने की बात करते हुए बता रहे हैं की अगर धान का जल्द ही उठाव नहीं हुआ तो खरीदी बंद हो सकती है.
जिले में बीते 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है. जिले की 81 समितियों के 127 धान खरीदी केंद्रों में धान की खरीदी जारी है. जिले के 1,34,600 किसानों ने पंजीयन कराया है. वहीं 1 दिसंबर से अब तक 35,893 किसानों ने 1 लाख 59,480 मिट्रिक टन धान बेचा है. वहीं अबतक मात्र 2,990 मिट्रिक टन धान का ही परिवहन हो सका है.
सरकारी आंकड़ों पर गौर की जाए तो 127 धान खरीदी केंद्रों में से 122 केंद्र ऐसे हैं जहां क्षमता से अधिक धान का भंडारण किया जा चुका है. ETV भारत जिले के झालखमरिया धान खरीदी केन्द्र का दौरा किया तो पाया कि यहां 15 गांव के 1,607 किसान पंजीकृत हैं और रोजाना तकरीबन 1,300 क्विंटल धान बिक्री के लिए आता है. केन्द्र में भंडारण की क्षमता भी 1,300 क्विंटल की है. लेकिन यहां अभी 18,000 क्विटल धान रखा हुआ है.
इस पूरे मामले में विपणन अधिकारी अपना अलग ही राग अलाप रहे हैं. वितरण विभाग के अधिकारी रखरखाव के लिए रकम आवंटित किए जाने की बात कह रहे हैं. लेकिन, समिति प्रबंधक ने स्पष्ट तौर पर कहा कि अबतक कोई भी फंड रखरखाव के नाम पर नहीं आबंटित की गई है. मौसम की मार झेलने के लिए समिति के फंड से ही व्यवस्था की जा रही है.