ETV Bharat / state

35 लाख की लागत से बना रैन बसेरा 12 सालों से बंद, यात्रियों को हो रही परेशानी

शहर के बस स्टैंड में बने रैन बसेरा में असुविधाओं का अंबार लगा हुआ है. अव्सवस्थाओं के कारण रैन बसेरा पिछले 12 सालों से नहीं खुला है. जिससे यहां आ रहे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

author img

By

Published : Jan 4, 2020, 5:11 PM IST

Night shelter settled in Mahasamund bus stand from 12 years
बंद पड़ा रैन बसेरा

महासमुंद: महासमुंद के बस स्टैंड में राहगीरों की सुविधा के लिए रैन बसेरे का निर्माण कराया गया है. लेकिन अब तक इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है. 35 लाख की लागत से बना ये रैन बसेरा 12 साल बाद भी शुरू नहीं हो पाया है. लेकिन मरम्मत के नाम पर हर साल लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं.

बंद पड़ा रैन बसेरा

रैन बसेरे की बात की जाए तो यह 2006-07 में बनना शुरू हुआ. बनकर तैयार होने के बाद यह रैन बसेरा संचालित नहीं हो पाया. नगरपालिका की ओर से यहां पर किसी व्यक्ति की नियुक्ति भी नहीं की गई है. इसका नतीजा ये हुआ कि रैन बसेरा अवैध गतिविधियों का केंद्र बन गया. असामाजिक तत्वों को हटाने के लिए सुरक्षा व्यवस्था सही करने की जगह, नगर पालिका प्रशासन ने रैन बसेरा की सीढ़ियों को ही तोड़ दिया.

जल्द व्यवस्थित किया जाएगा: उमेश जायसवाल
रैन बसेरा की इस हालत पर मुख्य नगरपालिका अधिकारी उमेश जयसवाल का कहना है कि मुझे आए अभी कुछ ही महीने हुए हैं. आचार संहिता और चुनाव के कारण इस पर काम नहीं हो पाया. रैन बसेरा को लेकर वर्तमान विधायक से भी चर्चा हुई है और उनका कहना भी है कि शहर के हृदय स्थल और बस स्टैंड के बीच रैन बसेरा होना अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है. इसलिए इसे जल्द ही ठीक कर और व्यवस्थित कर इसे सही रूप से संचालित किया जाएगा.

रैन बसरे की मरम्मत के लिए राशि मंजूर
रैन बसेरा की मरम्मत के लिए 45 लाख रुपए की राशि मंजूर की गई है. नगरपालिका अधिकारी ने कहा कि इसे व्यवस्थित बनाकर बहुत अच्छे रूप से हम संचालित करेंगे. 6 महीने के अंदर इसका पूरा काम कर लिया जाएगा.

महासमुंद: महासमुंद के बस स्टैंड में राहगीरों की सुविधा के लिए रैन बसेरे का निर्माण कराया गया है. लेकिन अब तक इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है. 35 लाख की लागत से बना ये रैन बसेरा 12 साल बाद भी शुरू नहीं हो पाया है. लेकिन मरम्मत के नाम पर हर साल लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं.

बंद पड़ा रैन बसेरा

रैन बसेरे की बात की जाए तो यह 2006-07 में बनना शुरू हुआ. बनकर तैयार होने के बाद यह रैन बसेरा संचालित नहीं हो पाया. नगरपालिका की ओर से यहां पर किसी व्यक्ति की नियुक्ति भी नहीं की गई है. इसका नतीजा ये हुआ कि रैन बसेरा अवैध गतिविधियों का केंद्र बन गया. असामाजिक तत्वों को हटाने के लिए सुरक्षा व्यवस्था सही करने की जगह, नगर पालिका प्रशासन ने रैन बसेरा की सीढ़ियों को ही तोड़ दिया.

जल्द व्यवस्थित किया जाएगा: उमेश जायसवाल
रैन बसेरा की इस हालत पर मुख्य नगरपालिका अधिकारी उमेश जयसवाल का कहना है कि मुझे आए अभी कुछ ही महीने हुए हैं. आचार संहिता और चुनाव के कारण इस पर काम नहीं हो पाया. रैन बसेरा को लेकर वर्तमान विधायक से भी चर्चा हुई है और उनका कहना भी है कि शहर के हृदय स्थल और बस स्टैंड के बीच रैन बसेरा होना अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है. इसलिए इसे जल्द ही ठीक कर और व्यवस्थित कर इसे सही रूप से संचालित किया जाएगा.

रैन बसरे की मरम्मत के लिए राशि मंजूर
रैन बसेरा की मरम्मत के लिए 45 लाख रुपए की राशि मंजूर की गई है. नगरपालिका अधिकारी ने कहा कि इसे व्यवस्थित बनाकर बहुत अच्छे रूप से हम संचालित करेंगे. 6 महीने के अंदर इसका पूरा काम कर लिया जाएगा.

Intro:एंकर - महासमुंद शहर में रैन बसेरा राहगीरों की सुविधा के लिए बस स्टैंड में बनाया गया है बस स्टैंड बनाने का मेन उद्देश्य यह था कि यहां पर बसें महासमुंद से रायपुर मार्ग पर 6बजे के बाद बसों का परिचालन बंद हो जाता है ऐसे में इस मार्ग का सफर करने वाले यात्री परेशान होते हैं और अन्य किसी माध्यम से असुरक्षित सफर के लिए मजबूर होना पड़ता है बस स्टैंड में ऐसे यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था नहीं है ठहरने के लिए लोगों को लाज या धर्मशाला जाना पड़ता है खासकर रात में धर्मशाला ,लाज में कमरे लेने में असुविधा होती है रैन बसेरा इन्हीं उद्देश्यों को लेकर बनाया गया लेकिन अब तक इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है 35 लाख की लागत से रैन बसेरा 12 साल बाद भी शुरू नहीं हुआ हां पर मरम्मत के नाम पर हर साल लाखों रुपए खर्च कर दिए गए


Body:वीओ 1 - रैन बसेरे की बात की जाए तो यह 2006 -07 में बनना शुरू हुआ बनकर तैयार होने के बाद यह रैन बसेरा सही रूप से संचालित नहीं हो पाया नगरपालिका यहां पर किसी व्यक्ति की नियुक्ति की नियुक्ति भी नहीं की गई है इस सबके चलते नतीजा यह हुआ कि यह रैन बसेरा अवैध गतिविधियों का केंद्र बन गया असामाजिक तत्व यहां नशा पान करने पहुंचे और भवन के उपयोग के जगह उसका दुरुपयोग होने लगा और यहां की सभी चीजें टूटकर खराब होने लगी


Conclusion:वीओ 2 - रैन बसेरा को सही रूप से संचालित करने के लिए पहले ध्यान नहीं दिया गया और जब ध्यान दिया गया तब तक यह रेन बसेरा नशेड़ी ओं का अड्डा हो गया अब इन असामाजिक तत्वों को हटाने के लिए सुरक्षा व्यवस्था सही करने की जगह नगर पालिका प्रशासन ने वहां बने रैन बसेरा की सीढ़ियों को ही तोड़ दिया
गौरतलब है कि जब हमने वर्तमान सीएम उमेश जयसवाल से बात की तो उनका कहना था मुझे आए अभी कुछ ही महीने हुए हैं और आचार संहिता व चुनाव के कारण इस पर काम नहीं हो पाया रैन बसेरा को लेकर वर्तमान विधायक से भी चर्चा हुई है और उनका कहना भी है कि शहर के हृदय स्थल और बस स्टैंड के बीच रैन बसेरा होना अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है इसलिए इसे जल्द ही ठीक कर और व्यवस्थित कर इसे सही रूप से संचालित किया जाएगा इसके जीर्णोद्धार के लिए ₹45लाख सेशन किया गया है और इसे व्यवस्थित बनाकर बहुत अच्छे रूप से हम संचालित करेंगे 6 महीने के अंदर इसका पूरा काम कर लिया जाएगा इसमें जो सीढ़ियां तोड़ी गई है या गलत बनी थी हमेशा सीढ़ियां रेन बसेरा हो या कोई हाल कि सामने से होती है और लोग और यात्री आसानी से साल तक जा सके ऐसी सुविधाएं होना चाहिए।

बाइट 1 - राजेश गुप्ता बस स्टैंड में होटल है पहचान पीले कलर का शर्ट।

बाइट 2 - भूपेन टंडन बस स्टैंड में फल का दुकान पहचान चश्मा लगाया हुआ गमछा सर में बांधा हुआ और हरे कलर का टी शर्ट पहना हुआ।

बाइट 3 - रमेश जयसवाल मुख्य नगरपालिका अधिकारी महासमुंद पहचान चश्मा लगाया हुआ और काले कलर का स्वेटर पहन हुआ।

हकीमुद्दीन नासिर रिपोर्टर ईटीवी भारत महासमुंद छत्तीसगढ़
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.