महासमुंद: महासमुंद के बस स्टैंड में राहगीरों की सुविधा के लिए रैन बसेरे का निर्माण कराया गया है. लेकिन अब तक इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है. 35 लाख की लागत से बना ये रैन बसेरा 12 साल बाद भी शुरू नहीं हो पाया है. लेकिन मरम्मत के नाम पर हर साल लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं.
रैन बसेरे की बात की जाए तो यह 2006-07 में बनना शुरू हुआ. बनकर तैयार होने के बाद यह रैन बसेरा संचालित नहीं हो पाया. नगरपालिका की ओर से यहां पर किसी व्यक्ति की नियुक्ति भी नहीं की गई है. इसका नतीजा ये हुआ कि रैन बसेरा अवैध गतिविधियों का केंद्र बन गया. असामाजिक तत्वों को हटाने के लिए सुरक्षा व्यवस्था सही करने की जगह, नगर पालिका प्रशासन ने रैन बसेरा की सीढ़ियों को ही तोड़ दिया.
जल्द व्यवस्थित किया जाएगा: उमेश जायसवाल
रैन बसेरा की इस हालत पर मुख्य नगरपालिका अधिकारी उमेश जयसवाल का कहना है कि मुझे आए अभी कुछ ही महीने हुए हैं. आचार संहिता और चुनाव के कारण इस पर काम नहीं हो पाया. रैन बसेरा को लेकर वर्तमान विधायक से भी चर्चा हुई है और उनका कहना भी है कि शहर के हृदय स्थल और बस स्टैंड के बीच रैन बसेरा होना अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है. इसलिए इसे जल्द ही ठीक कर और व्यवस्थित कर इसे सही रूप से संचालित किया जाएगा.
रैन बसरे की मरम्मत के लिए राशि मंजूर
रैन बसेरा की मरम्मत के लिए 45 लाख रुपए की राशि मंजूर की गई है. नगरपालिका अधिकारी ने कहा कि इसे व्यवस्थित बनाकर बहुत अच्छे रूप से हम संचालित करेंगे. 6 महीने के अंदर इसका पूरा काम कर लिया जाएगा.