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महासमुंद में दिखा भारत बंद का असर, आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर सभी दुकानें रहीं बंद

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Published : Dec 8, 2020, 3:00 PM IST

Updated : Dec 8, 2020, 5:11 PM IST

महासमुंद में भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला है. जिले में किसान संगठन, आप और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बंद का समर्थन किया है. आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर सभी दुकानें बंद हैं.

Impact of Bharat bandh in Mahasamund
महासमुंद बंद

महासमुंद: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने आज भारत बंद का एलान किया है. जिले के किसान संगठन, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी ने समर्थन दिया है. सुबह से ही संगठन के लोग अलग-अलग टुकड़ों में घूम-घूम कर नगर को बंद करा रहे हैं. आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर सभी दुकानें बंद हैं. बंद को चैम्बर ऑफ कॉमर्स का भी समर्थन मिला है. वहीं जिले में धान खरीदी अभी जारी है.

महासमुंद में दिखा भारत बंद का असर

विधायक और संसदीय सचिव विनोद चंद्राकर का कहना है कि केंद्र की सरकार का कृषि बिल किसानों के हित में नहीं है. सरकार को कम से कम न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी बिल में देनी चाहिए. जिस तरह से सभी चीजों का निजीकरण हो रहा है. उसी तरह खेती का भी केंद्र सरकार निजीकरण करने में लगी हुई है. जिसका हम विरोध करते है.

पढ़ें: LIVE UPDATE: छत्तीसगढ़ के कई जिलों में भारत बंद का असर, CM ने कहा- 'देश किसानों के साथ', यहां देखिए अपडेट

व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए काम कर रही केंद्र सरकार

विधायक का कहना है कि केंद्र सरकार बड़े व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि यदि समर्थन मूल्य तय होगा तो किसान का भी अहित नहीं होगा. उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य न होने के कारण ही आज दिल्ली में पंजाब और हरियाणा के किसान धरने पर बैठे हुए हैं. लेकिन सरकार अभी तक इस पर बात नहीं करना चाह रही है. सरकार को चाहिए कि जिस तरह से वह सत्ता पर आई है उसका ध्यान रखते हुए किसानों को अहित न करें.

महासमुंद: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने आज भारत बंद का एलान किया है. जिले के किसान संगठन, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी ने समर्थन दिया है. सुबह से ही संगठन के लोग अलग-अलग टुकड़ों में घूम-घूम कर नगर को बंद करा रहे हैं. आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर सभी दुकानें बंद हैं. बंद को चैम्बर ऑफ कॉमर्स का भी समर्थन मिला है. वहीं जिले में धान खरीदी अभी जारी है.

महासमुंद में दिखा भारत बंद का असर

विधायक और संसदीय सचिव विनोद चंद्राकर का कहना है कि केंद्र की सरकार का कृषि बिल किसानों के हित में नहीं है. सरकार को कम से कम न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी बिल में देनी चाहिए. जिस तरह से सभी चीजों का निजीकरण हो रहा है. उसी तरह खेती का भी केंद्र सरकार निजीकरण करने में लगी हुई है. जिसका हम विरोध करते है.

पढ़ें: LIVE UPDATE: छत्तीसगढ़ के कई जिलों में भारत बंद का असर, CM ने कहा- 'देश किसानों के साथ', यहां देखिए अपडेट

व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए काम कर रही केंद्र सरकार

विधायक का कहना है कि केंद्र सरकार बड़े व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि यदि समर्थन मूल्य तय होगा तो किसान का भी अहित नहीं होगा. उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य न होने के कारण ही आज दिल्ली में पंजाब और हरियाणा के किसान धरने पर बैठे हुए हैं. लेकिन सरकार अभी तक इस पर बात नहीं करना चाह रही है. सरकार को चाहिए कि जिस तरह से वह सत्ता पर आई है उसका ध्यान रखते हुए किसानों को अहित न करें.

Last Updated : Dec 8, 2020, 5:11 PM IST
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