महासमुंद: प्रदेश में हाथियों के मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिले के पिथौरा वन परिक्षेत्र के ग्राम किशनपुर में एक हथिनी की मौत का मामला सामने आया है, जहां जंगली सुअर के शिकार के लिए बिछाये कंरट की चपेट में आने से एक हथिनी की मौत हो गई. हथिनी की उम्र लगभग 25 से 30 साल थी. माना जा रहा है कि हथिनी संभवत: गर्भवती थी.
जानकारी के मुताबिक हथिनी का पोस्टमार्टम के बाद शव को वहीं दफनाया जाएगा. हथिनी के शव के पास टूटी तार और शिकार के लिए प्रयुक्त होने वाली लकड़ी की खूंटी और शीशी अभी भी पड़ी है. जिस खेत में हथिनी की मौत हुई है. उसका मालिक का नाम कीर्तन बताया जा रहा है, जो संन्यासी साहू को अपनी जमीन खेती के लिए किराए पर दिया है. खेत में मूंग और फल्ली लगाई गई है, जिसके किनारे करीब डेढ़ किलोमीटर तक तार का विद्युत प्रवाहित फंदा लगाया गया था. घटना के तत्काल बाद तार निकाल दी गई.
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करंट से हाथी की दूसरी मौत
डीएफओ मयंक पाण्डेय ने बताया ने कि 4 हाथियों का दल एक दिन पहले ओडिसा से प्रवेश किया था. वही दल इस क्षेत्र से गुजर रहा था. इस दौरान यहां पहले से ही जंगली सुअर के शिकार के लिए कुछ असामजिक तत्व करंट प्रवाहित कर रहे थे, जिसकी चपेट में ये हथिनी आ गई. हथिनी के गर्भवती होने के संबंध में डीएफओ मयंक पाण्डेय ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद खुलासा होने की बात कही है. इस मामले में वन विभाग के आला-अधिकारी जांच में जुट गए हैं और आगे की कार्रवाई कर रही है. गौरतलब है कि जिले में करंट से हाथी की ये दूसरी मौत है.
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अन्य जिलों में भी हो चुकी है मौत
इससे पहले भी प्रदेश के अन्य जिलों से करंट लगने से हाथियों के मौत के मामले सामने आ चुके हैं. बीते 23 सितंबर को रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ में एक हाथी की करंट की चपेट में आने से मौत हो गई. बीते कुछ महीनों पहले भी सूरजपुर और जशपुर जिले में हाथियों की करंट की चपेट में आने से मौत हुई थी.