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महासमुंद : फरियाद लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे किसान, पटवारी पर लगाए संगीन आरोप

ऑनलाइन रिकॉर्ड में सुधार नहीं होने से परेशान किसान अपनी फरियाद लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. किसानों ने गांव के पटवारी पर रिश्वत की मांग करने और कार्य में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.

ऑनलाइन रिकॉर्ड दुरुस्ती की फरियाद लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे किसान
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Published : Oct 10, 2019, 9:12 PM IST

Updated : Oct 10, 2019, 11:55 PM IST

महासमुंद : जिले के किसान ऑनलाइन रिकॉर्ड सुधार में राजस्व विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही से परेशान हैं. विभाग की लापरवाही से प्रभावित किसान गुरूवार को शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे. किसानों ने गांव में पदस्थ पटवारी पर काम के एवज में रिश्वत मांगने और रिश्वत लेने के बावजूद काम नहीं करने का आरोप लगाया है.

फरियाद लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे किसान,

जिले के ग्राम शेर मुंगरा और सालेभाटा के किसान शासकीय योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं. किसानों ने बताया कि, 'जमीन के ऑनलइन रिकॉर्ड में सुधार नहीं होने से जमीन का मालिकाना हक पुर्वजों के नाम पर दिखा रहा है. जिस कारण समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीयन नहीं हो पा रहा है'. जानकारी के अनुसार समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए मात्र 20 दिन बचे हैं अगर 20 दिनों में ऑनलाइन रिकॉर्ड नहीं सुधारा गया तो किसान समर्थन मूल्य पर धान बेचने से वंचित रह जाएंगे.

शासन के नए नियम से हो रही परेशानी
2018-19 में 1 लाख 17 हजार किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीयन कराया था. लेकिन शासन ने नियम में संशोधन करते हुए जिसका नाम ऑनलाइन में होगा उसी का पंजीयन करने का प्रवधान किया है. इससे 3 गांव के 250 किसानों के नाम ऋण पुस्तिका में तो है. लेकिन वो समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीयन नहीं कर पा रहे हैं. किसानों के पास जमीन के पट्टे हैं जिससे वे पिछले दिनों में धान बेचते आए हैं.

पटवारी पर आरोप
ग्राम शेर के किसान हरेन्द्र साहू ने पटवारी चंचल ठाकुर पर आरोप लगाया कि, वो 'रिश्वत लेकर भी ऑनलइन रिकॉर्ड में सुधार नहीं कर रहे हैं'.
पढे़ं : VIDEO: गांधी के बहाने, इशारों-इशारों में बघेल ने बीजेपी और पीएम मोदी को मारे ताने

ऑनलइन रिकॉर्ड के सुधार में देरी का यह खामियाजा चुका रहे किसान

  • ऋण पुस्तिका होने के बावजूद ऑनलइन रिकॉर्ड दुरुस्तीकरण नहीं होने के कारण समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीयन नहीं करवा पा रहे हैं.
  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ भी नहीं मिल रहा है.
  • भुईंयां से B1, B2 खसरा भी नहीं ले पा रहे हैं.
  • जमीन बेचने के लिए जरूरी दस्तावेज नही मिल पा रहे हैं.

महासमुंद : जिले के किसान ऑनलाइन रिकॉर्ड सुधार में राजस्व विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही से परेशान हैं. विभाग की लापरवाही से प्रभावित किसान गुरूवार को शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे. किसानों ने गांव में पदस्थ पटवारी पर काम के एवज में रिश्वत मांगने और रिश्वत लेने के बावजूद काम नहीं करने का आरोप लगाया है.

फरियाद लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे किसान,

जिले के ग्राम शेर मुंगरा और सालेभाटा के किसान शासकीय योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं. किसानों ने बताया कि, 'जमीन के ऑनलइन रिकॉर्ड में सुधार नहीं होने से जमीन का मालिकाना हक पुर्वजों के नाम पर दिखा रहा है. जिस कारण समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीयन नहीं हो पा रहा है'. जानकारी के अनुसार समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए मात्र 20 दिन बचे हैं अगर 20 दिनों में ऑनलाइन रिकॉर्ड नहीं सुधारा गया तो किसान समर्थन मूल्य पर धान बेचने से वंचित रह जाएंगे.

शासन के नए नियम से हो रही परेशानी
2018-19 में 1 लाख 17 हजार किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीयन कराया था. लेकिन शासन ने नियम में संशोधन करते हुए जिसका नाम ऑनलाइन में होगा उसी का पंजीयन करने का प्रवधान किया है. इससे 3 गांव के 250 किसानों के नाम ऋण पुस्तिका में तो है. लेकिन वो समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीयन नहीं कर पा रहे हैं. किसानों के पास जमीन के पट्टे हैं जिससे वे पिछले दिनों में धान बेचते आए हैं.

पटवारी पर आरोप
ग्राम शेर के किसान हरेन्द्र साहू ने पटवारी चंचल ठाकुर पर आरोप लगाया कि, वो 'रिश्वत लेकर भी ऑनलइन रिकॉर्ड में सुधार नहीं कर रहे हैं'.
पढे़ं : VIDEO: गांधी के बहाने, इशारों-इशारों में बघेल ने बीजेपी और पीएम मोदी को मारे ताने

ऑनलइन रिकॉर्ड के सुधार में देरी का यह खामियाजा चुका रहे किसान

  • ऋण पुस्तिका होने के बावजूद ऑनलइन रिकॉर्ड दुरुस्तीकरण नहीं होने के कारण समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीयन नहीं करवा पा रहे हैं.
  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ भी नहीं मिल रहा है.
  • भुईंयां से B1, B2 खसरा भी नहीं ले पा रहे हैं.
  • जमीन बेचने के लिए जरूरी दस्तावेज नही मिल पा रहे हैं.
Intro:एंकर - महासमुंद जिले में राजस्व विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण सैकड़ों किसान शासकीय योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं जी हां ऐसा ही मामला महासमुंद जिले के ग्राम शेर मुंगरा एवं साले भाटा में सामने आया है जहां किसानों के पास ऋण पुस्तिका होने के बावजूद ऑनलाइन रिकॉर्ड दुरुस्ती करण नहीं होने के कारण किसान ना तो समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीयन करवा पा रहे हैं ना ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के साथ बी 1 खसरा नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं जिसको लेकर किसान परेशान हैं किसानों को अब एक ही चिंता सता रही है कि समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए मात्र 20 दिन बचे हैं अगर 20 दिनों में ऑनलाइन रिकॉर्ड नहीं सुधारा तो वह समर्थन मूल्य पर धान बेचने से वंचित हो जाएंगे और उन्हें औने पौने दाम पर धान को बिचौलियों को बेचना पड़ेगा जो किसानों के लिए मरने जैसी स्थिति होगी।


Body:वीओ 1 - आपको बता दें कि वर्ष 2018 19 में 1 लाख 17 हज़ार किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीयन कराया था लेकिन वर्तमान में शासन के नियम में संशोधन करते हुए जिसका नाम ऑनलाइन में शो करेगा उसी का पंजीयन करने से इन 3 गांव के 250 किसानों के नाम ऋण पुस्तिका तो बने हैं पर ऑनलाइन नाम नहीं दिखने के कारण इन किसानों का पंजीयन नहीं हो पा रहा है और किसान शासकीय योजनाओं के लाभ से वंचित हैं जहां किसान कलेक्टर से फरियाद कर रहे हैं वहीं आला अधिकारी जल्द सुधार कर पंजीयन कराने की बात कह रहे हैं।


Conclusion:बाइट 1 - हरेन्द्र कुमार साहू ग्राम शेर किसान पहचान लाइनिंग वाला सफेद शर्ट।

बाइट 2 - योगेश्वर चन्द्राकर किसान नेता पहचान पहचान नीला कलर का कुड़ता और माथे में टीका।

बाइट 3 - आलोक पाण्डेय अपर कलेक्टर, महासमुंद

हकीमुद्दीन नासिर रिपोर्टर ईटीवी भारत महासमुंद छत्तीसगढ़ मो. 9826555052
Last Updated : Oct 10, 2019, 11:55 PM IST
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