महासमुंद : जिले के किसान ऑनलाइन रिकॉर्ड सुधार में राजस्व विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही से परेशान हैं. विभाग की लापरवाही से प्रभावित किसान गुरूवार को शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे. किसानों ने गांव में पदस्थ पटवारी पर काम के एवज में रिश्वत मांगने और रिश्वत लेने के बावजूद काम नहीं करने का आरोप लगाया है.
जिले के ग्राम शेर मुंगरा और सालेभाटा के किसान शासकीय योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं. किसानों ने बताया कि, 'जमीन के ऑनलइन रिकॉर्ड में सुधार नहीं होने से जमीन का मालिकाना हक पुर्वजों के नाम पर दिखा रहा है. जिस कारण समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीयन नहीं हो पा रहा है'. जानकारी के अनुसार समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए मात्र 20 दिन बचे हैं अगर 20 दिनों में ऑनलाइन रिकॉर्ड नहीं सुधारा गया तो किसान समर्थन मूल्य पर धान बेचने से वंचित रह जाएंगे.
शासन के नए नियम से हो रही परेशानी
2018-19 में 1 लाख 17 हजार किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीयन कराया था. लेकिन शासन ने नियम में संशोधन करते हुए जिसका नाम ऑनलाइन में होगा उसी का पंजीयन करने का प्रवधान किया है. इससे 3 गांव के 250 किसानों के नाम ऋण पुस्तिका में तो है. लेकिन वो समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीयन नहीं कर पा रहे हैं. किसानों के पास जमीन के पट्टे हैं जिससे वे पिछले दिनों में धान बेचते आए हैं.
पटवारी पर आरोप
ग्राम शेर के किसान हरेन्द्र साहू ने पटवारी चंचल ठाकुर पर आरोप लगाया कि, वो 'रिश्वत लेकर भी ऑनलइन रिकॉर्ड में सुधार नहीं कर रहे हैं'.
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ऑनलइन रिकॉर्ड के सुधार में देरी का यह खामियाजा चुका रहे किसान
- ऋण पुस्तिका होने के बावजूद ऑनलइन रिकॉर्ड दुरुस्तीकरण नहीं होने के कारण समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीयन नहीं करवा पा रहे हैं.
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ भी नहीं मिल रहा है.
- भुईंयां से B1, B2 खसरा भी नहीं ले पा रहे हैं.
- जमीन बेचने के लिए जरूरी दस्तावेज नही मिल पा रहे हैं.