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यहां 'गजराज' बना काल, लील चुका है 15 जानें, जीना हुआ मुहाल

हाथियों के झुंड की वजह से इलाके के लोगों का हाल बेहाल है. यहां लोग रतजगा करने को मजबूर है.

हाथियों के आतंक से सहमे लोग
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Published : Jul 27, 2019, 3:30 PM IST

महासमुंद: डर अगर जहन में घर कर जाए तो जीना मुश्किल हो जाता है, लोगों का चैन से सांस लेना दूभर हो जाता है. ऐसा ही हाल इन दिनों सिरपुर इलाके के लोगों का है. जहां हाथियों के झुण्ड से ग्रामीण खौफजदा हैं, इलाके के गांवों में डर पसरा हुआ है. यहां के लोग रतजगा करने को मजबूर हैं. यहां के जंगलों में डर का बसेरा है.

स्पेशल स्टोरी

सिरपुर क्षेत्र के 52 गांव पिछले 5 वर्षों से हाथियों के आतंक से सहमे हुए हैं. हाथियों ने अब तक सैकड़ों हेक्टेयर की फसलें उजाड़ दी है. अलग-अलग गांवों के 15 लोगों को मौत के घाट उतार चुके हैं. डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोगों को घायल कर चुके हैं. इन सब से निजात पाने के लिए वन विभाग ने कुछ दिन पहले जुग-जुगी लाइट और तार का उपयोग किया था, जिससे हाथियों को भगाने में मदद मिले, लेकिन पिछले एक हफ्ते से हाथियों ने इलाके में फिर डेरा डाल दिया है.

दरअसल बीते दिन तकरीबन 20 छात्राएं खरसा हाई स्कूल जा रही थी, तभी अचानक हाथियों के दल ने दस्तक दे दिया, जिससे छात्राएं भयभीत होकर वापस घर चली गई. अब ग्रामीण और छात्राओं ने शासन-प्रशासन से समुचित व्यवस्था करने की मांग की है.

वन विभाग इन हाथियों से बचाने का आश्वासन तो दे रहा है, लेकिन वह हाथियों को इलाके से खदेड़ने में कामयाब होता है या नहीं ये तो आने वाला समय ही बताएगा.

महासमुंद: डर अगर जहन में घर कर जाए तो जीना मुश्किल हो जाता है, लोगों का चैन से सांस लेना दूभर हो जाता है. ऐसा ही हाल इन दिनों सिरपुर इलाके के लोगों का है. जहां हाथियों के झुण्ड से ग्रामीण खौफजदा हैं, इलाके के गांवों में डर पसरा हुआ है. यहां के लोग रतजगा करने को मजबूर हैं. यहां के जंगलों में डर का बसेरा है.

स्पेशल स्टोरी

सिरपुर क्षेत्र के 52 गांव पिछले 5 वर्षों से हाथियों के आतंक से सहमे हुए हैं. हाथियों ने अब तक सैकड़ों हेक्टेयर की फसलें उजाड़ दी है. अलग-अलग गांवों के 15 लोगों को मौत के घाट उतार चुके हैं. डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोगों को घायल कर चुके हैं. इन सब से निजात पाने के लिए वन विभाग ने कुछ दिन पहले जुग-जुगी लाइट और तार का उपयोग किया था, जिससे हाथियों को भगाने में मदद मिले, लेकिन पिछले एक हफ्ते से हाथियों ने इलाके में फिर डेरा डाल दिया है.

दरअसल बीते दिन तकरीबन 20 छात्राएं खरसा हाई स्कूल जा रही थी, तभी अचानक हाथियों के दल ने दस्तक दे दिया, जिससे छात्राएं भयभीत होकर वापस घर चली गई. अब ग्रामीण और छात्राओं ने शासन-प्रशासन से समुचित व्यवस्था करने की मांग की है.

वन विभाग इन हाथियों से बचाने का आश्वासन तो दे रहा है, लेकिन वह हाथियों को इलाके से खदेड़ने में कामयाब होता है या नहीं ये तो आने वाला समय ही बताएगा.

Intro:एंकर - महासमुंद जिले में हाथियों का आतंक दिन पर दिन बढ़ते जा रहा है हाथी द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाया जाना आम बात है पर अब हाथी के एकाएक रोड में जाने के कारण बच्चे स्कूल जाने में डर रहे हैं ताजा मामला ग्राम में सामने आया है जहां छात्राएं सुबह सुबह स्कूल जाने के लिए निकली थी पर एक का एक रोड पर हाथी आ जाने से बच्चे डर गए और वापस घर चले गए जहां बच्चे शासन से स्कूल आने जाने के लिए कोई व्यवस्था करने की बात कह रहे हैं वहीं आला अधिकारी समुचित व्यवस्था किए जाने का आश्वासन दे रहे हैं।


Body:वीओ 1 - महासमुंद जिले के सिरपुर क्षेत्र में 52 गांव पिछले 5 सालों से हाथियों के आतंक से परेशान हैं हाथियों ने जहां हजारों हेक्टेयर की फसल नुकसान कर चुके हैं वही 15 गांव के लोगों को मौत के घाट व डेढ़ दर्जन लोगों को घायल कर चुके हैं वन विभाग कुछ दिन पहले जुग जुगी इलाइट व तार बिछाकर उसमे हल्की विधुत प्रभावित कर हाथियों को बार नवापारा खरीदने का में कामयाब तो हो गए थे पर एक हफ्ते से हाथियों ने फिर से खरसा मोहकम गुडरूडीह लहंगा में डेरा डाले हुए हैं ताजा मामला खरसा में सामने आया है जहां हाई स्कूल नहीं होने के कारण खरसा के छात्रों को लहंगा हाई स्कूल आकर पढ़ाई करनी पड़ती है और हाथी इन दिनों वहीं डेरा जमाए हुए हैं गांव जंगल से घीरे होने के कारण हाथी कभी भी रोड क्रास कर इधर-उधर आते-जाते रहते हैं जिससे स्कूल आने वाली छात्राओं को भय बना हुआ है 1 दिन 20 छात्राएं स्कूल जा रही थी तभी अचानक हाथियों का दल रोड क्रास करने लगा जिससे छात्राओं भयभीत होकर वापस घर चली गई बाद में ग्रामीणों ने हाथी निगरानी दल को बुलाए तो उनकी वाहन से छात्राएं स्कूल गई ग्रामीण व छात्रों का कहना है कि शासन-प्रशासन को इसकी समुचित व्यवस्था करनी चाहिए।


Conclusion:वीओ 2 - गौरतलब है कि हाथियों के कारण छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है इसीलिए शासन-प्रशासन को ध्यान देकर इसकी समुचित व्यवस्था करनी चाहिए ताकि छात्राओं की पढ़ाई में बाधा ना आवे।

बाइट 1 - वंदना ध्रुव छात्रा ग्राम खरसा पहचान - स्कूल ड्रेस सफेद दुपट्टा नीला सूट

बाइट 2 - तारिणी यादव छात्रा ग्राम खरसा पहचान - स्कूल ड्रेस सफेद दुपट्टा नीला सूट

बाइट 3 - राधेलाल सेना ग्रामीण पहचान - नीला डिब्बा वाला फुल शर्ट।

बाइट 4 - सतीश नायर, सहायक संचालक जिला शिक्षा विभाग महासमुंद, पहचान - पिला और नीला लाइनिंग टी शर्ट।

हकीमुद्दीन नासिर रिपोर्टर ईटीवी भारत महासमुंद छत्तीसगढ़ मो. 9826555052
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