महासमुंद: जिले में शनिवार और रविवार को हुई बारिश ने किसानों की उम्मीदें बढ़ा दी है. पानी बरसा तो किसान खुशी से झूम उठे. यह बारिश किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. पिछले कई दिनों से बारिश न होने से किसान बहुत परेशान थे. उनको अपनी फसलों के बर्बाद होने की चिंता सता रही थी. मानसून आने के बाद जिले में खरीफ की बुआई भी हो चुकी है और धान के साथ अन्य फसल भी खेतों में नजर आने लगी, लेकिन मानसून आने के कुछ हफ्ते बाद ही आसमान से बादल गायब ही हो गए.
भारी गर्मी से लोग बेहाल हुए तो खेतों की फसलें भी मुरझाने लगीं. यह देखकर किसान भी परेशान होने लग गए थे. वहीं शनिवार और रविवार को अच्छी बारिश होने से किसानों के चेहरे पर फिर से खुशी आ गई है. किसानों ने खरीफ-2020 में लगभग 70 प्रतिशत बोनी पूरी कर ली है. किसान धान रोपाने में व्यस्त हो गए हैं. हर तरफ खेतों में महिलाएं रोपाई करती नजर आ रही है.
अब तक 407 मिलीमीटर औसत बारिश
कृषि विभाग ने जिले में तकरीबन 2 लाख 66 हजार हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बोनी करने का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य के तहत अब तक लगभग 1 लाख 87 हजार हेक्टेयर में किसानों ने खरीफ मौसम की धान, मक्का, दलहन और तिलहन फसलों की बुआई पूरी कर ली है. पिछले साल इस अवधि में बोनी का प्रतिशत कम था. जिले में चालू मानसून के दौरान बीते एक जून से 10 जुलाई तक 407 मिलीमीटर औसत बारिश हो चुकी है.
पढ़ें: जांजगीर-चांपा: लगातार हो रही बारिश से किसान खुश, धान की अच्छी फसल होने की उम्मीद
कृषि अधिकारियों ने बताया कि विभाग की ओर से जिले के किसानों को 61 हजार 350 क्विंटल प्रमाणित बीज उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है. किसानों के विभिन्न खरीफ फसलों के लिए लक्ष्य से अधिक 73110 हजार क्विंटल बीजों का वितरण किया जा चुका है. इसमें स्थानीय बीज विक्रेता भी शामिल हैं. वहीं 51 हजार 538 मैट्रिक टन खाद का वितरण किया गया है. इसका लक्ष्य 64 हजार 590 मैट्रिक टन था.
कृषि बीमा योजना से किसानों को मिल रही राहत
प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों में मांग के मुताबिक किसानों को खाद और बीज उपलब्ध कराने की कवायद चल रही है. किसानों के लिए सस्ता कृषि लोन मिल रहा है. वहीं खेती में तकनीकी प्रयोग बढ़ानें पर केन्द्र और राज्य सरकार का विशेष जोर है. इसके साथ ही कृषि उपज की लागत कम करने पर भी जोर दिया जा रहा है. वहीं कृषि बीमा योजना से किसानों को राहत भी मिल रही है.