महासमुंद: जिले में 2014 के सर्वे के हिसाब से 12 हजार दिव्यांग हैं, जिन्हें अब तक बैट्री ट्रायसिकल बैसाखी नहीं मिल पाई है. विभाग को इन दिव्यांगों में से लगभग ढाई सौ लोगों का आवेदन मिल चुका है, लेकिन सामान नहीं पहुंचने से दिव्यांगों को नहीं बांटा जा सका है.
वहीं दिव्यांग जनों में से कुछ अपने परिवार के साथ कलेक्टर से मिले और उन्हें अपनी परेशानियों से रूबरी कराया. वहीं दिव्यांगों ने बताया कि 'विभाग के कर्मचारी उनकी बातें नहीं सुनते हैं. आवेदन देने और बात करने पर वो सही तरीके से जानकारी नहीं देते और उन्हें भगा दिया जाता है. दिव्यांगों ने कहा कि वो परेशान होकर कलेक्टर के पास गुहार लगाने आए हैं.
दूसरों पर रहना पड़ता है निर्भर
दिव्यांग निषाद का कहना है कि 'हमारे हाथ पैर न होने के कारण हमारे परिवार के लोग हमें कहीं लाने ले जाने के लिए बोझ समझते हैं, जिसके कारण बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. यदि यह सामान मिल जाए तो मुझे बीए फाइनल की पढ़ाई में आसानी हो जाएगी, और मैं अपने पैरों पर खड़ा हो पाऊंगा.' वहीं राम साहू का कहना है कि वो दिव्यांग होने के कारण कोई काम नहीं कर पाता पर, जो दिनचर्या के काम हैं उसके लिए भी उसे अपने परिवार पर निर्भर रहना पड़ता है.
दिव्यांगों को मिलेगा लाभ
वहीं समाज कल्याण विभाग के अधिकारी धर्मेंद्र साहू का कहना है कि 'दिव्यांगों को कोई तकलीफ न हो यह शासन और हमारा कर्तव्य है और प्राथमिकता भी है. वहीं धर्मेंद्र साहू 2 दिन पहले ही यहां ट्रांसफर पर आए हैं. उनका कहना है कि 'सभी चीजों को चेक कर जल्द से जल्द दिव्यांग भाइयों को सामान मुहैया कराएंगे और साथ ही साथ दिव्यांग जनों को मिलने वाली योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार कर उन्हें उसका भी लाभ दिलाएंगे'.