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सरकारी लाभ के लिए ग्राम पंचायत के चपरासी ने जिंदा लोगों का बनवा दिया मृत्यु प्रमाण पत्र

महासमुंद के पटेवा थाना क्षेत्र में विश्वकर्मा दुर्घटना मृत्यु एवं अंत्येष्टि अनुग्रह सहायता योजना के तहत फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. जहां जीवित लोगों का फर्जी तरीके से मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिया गया है. योजना के तहत गरीबों को मिलने वाली 30 हजार रुपये की राशि भी स्वीकृत हो गई थी, हालांकि राशि जारी होने से पहले ही फर्जीवाड़ा का मास्टरमाइंड पकड़ा गया है.

fake Death certificate
मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर फर्जीवाड़ा
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Published : Jul 11, 2020, 9:47 PM IST

Updated : Jul 12, 2020, 2:40 AM IST

महासमुंद: पटेवा थाना क्षेत्र के बनपचरी गांव में मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर फर्जीवाड़ा सामने आया है. गांव के रहने वाली एक 50 वर्षीय महिला और एक व्यक्ति के जीवित होते हुए भी उनका फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया. जालसाजों ने श्रम विभाग में ऑनलाइन आवेदन किया था, जिसके बाद श्रम विभाग की विश्वकर्मा दुर्घटना मृत्यु पर अंत्येष्टि एवं अनुग्रह सहायता योजना के तहत गरीबों को मिलने वाली 30 हजार रुपये की राशि भी स्वीकृत हो गई.

मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर फर्जीवाड़ा

रुपये खाते में डालने के पहले श्रम विभाग ने पंचायत सचिवों से जानकारी ली, तब सभी के होश उड़ गए. उन्हें पता चला कि व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है. उसके बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ. जांच में ग्राम पंचायत का चपरासी राकेश ध्रुव और उसी गांव के च्वाईस सेंटर का मालिक रेखलाल ध्रुव इस जालसाजी का सरगना निकला.

पढ़ें-राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों से धोखा, मकान बनाया अधूरा, रकम लिया पूरा

राकेश ध्रुव और रेखलाल ध्रुव ने मिली भगत कर पंचायत से मृत्यु प्रमाण पत्र का फार्म चुरा लिए था और ये सारा खेल खेल रहा था. जिन जीवित व्यक्तियों के नाम के मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए गये थे, उन्हें कुछ भी मालूम नहीं था. जब इसका खुलासा हुआ तो पीड़ित पक्ष ने थाने में शिकायत दर्ज कराई. दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

आगे और भी केस आ सकते हैं सामने

खबर लगते ही पुलिस और श्रम विभाग हरकत में आया और आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ श्रम विभाग से मिलने वाले मृत्यु दावा की राशि को भी रोक दिया गया है. जहां श्रम विभाग की सर्तकता से ये फर्जीवाड़ा होने से बच गया, अब इस मामले में जांच की जा रही है, आगे और भी केस सामने आ सकते हैं.

महासमुंद: पटेवा थाना क्षेत्र के बनपचरी गांव में मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर फर्जीवाड़ा सामने आया है. गांव के रहने वाली एक 50 वर्षीय महिला और एक व्यक्ति के जीवित होते हुए भी उनका फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया. जालसाजों ने श्रम विभाग में ऑनलाइन आवेदन किया था, जिसके बाद श्रम विभाग की विश्वकर्मा दुर्घटना मृत्यु पर अंत्येष्टि एवं अनुग्रह सहायता योजना के तहत गरीबों को मिलने वाली 30 हजार रुपये की राशि भी स्वीकृत हो गई.

मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर फर्जीवाड़ा

रुपये खाते में डालने के पहले श्रम विभाग ने पंचायत सचिवों से जानकारी ली, तब सभी के होश उड़ गए. उन्हें पता चला कि व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है. उसके बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ. जांच में ग्राम पंचायत का चपरासी राकेश ध्रुव और उसी गांव के च्वाईस सेंटर का मालिक रेखलाल ध्रुव इस जालसाजी का सरगना निकला.

पढ़ें-राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों से धोखा, मकान बनाया अधूरा, रकम लिया पूरा

राकेश ध्रुव और रेखलाल ध्रुव ने मिली भगत कर पंचायत से मृत्यु प्रमाण पत्र का फार्म चुरा लिए था और ये सारा खेल खेल रहा था. जिन जीवित व्यक्तियों के नाम के मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए गये थे, उन्हें कुछ भी मालूम नहीं था. जब इसका खुलासा हुआ तो पीड़ित पक्ष ने थाने में शिकायत दर्ज कराई. दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

आगे और भी केस आ सकते हैं सामने

खबर लगते ही पुलिस और श्रम विभाग हरकत में आया और आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ श्रम विभाग से मिलने वाले मृत्यु दावा की राशि को भी रोक दिया गया है. जहां श्रम विभाग की सर्तकता से ये फर्जीवाड़ा होने से बच गया, अब इस मामले में जांच की जा रही है, आगे और भी केस सामने आ सकते हैं.

Last Updated : Jul 12, 2020, 2:40 AM IST
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