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NH-353 पर ब्लैक स्पॉट बनने के 4 साल बाद भी डेंजर जोन पर काम नहीं हुआ शुरू

महासमुंद को ओडिशा से जोड़ने वाले एनएच 353 पर तीन ब्लैक स्पॉट घोषित किए गए थे. स्वीकृति के 4 साल बाद भी डेंजर जोन पर काम शुरू नहीं हुआ है.

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Published : Feb 19, 2021, 8:01 PM IST

Danger zone not started even after 4 years of becoming a black spot in mahasamund
ब्लैक स्पॉट बनने के 4 साल बाद भी डेंजर जोन पर काम नहीं हुआ शुरू

महासमुंद: जिले को ओडिशा से जोड़ने वाले नेशनल हाईवे NH-353 पर तीन ब्लैक स्पॉट घोषित किए गए थे. खोपली, फुलवारी, बिहाझर और कसीबाहरा के पास 3 किमी की जो सड़क है वो काफी घुमावदार है. अक्सर यहां दुर्घटनाएं होती रहती है. 4 साल पहले एनएच के इस घुमावदार रास्ते को सीधा करने के लिए स्वीकृति भी मिल गई थी. लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण आज भी आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं.

ब्लैक स्पॉट बनने के 4 साल बाद भी डेंजर जोन पर काम नहीं हुआ शुरू

3 वर्षों में हुईं 21 दुर्घटनाएं और 17 मौतें

स्वीकृति के 4 साल बाद भी डेंजर जोन पर काम शुरू नहीं हुआ है. एनएच विभाग का कहना है कि राजस्व विभाग ने 21 प्रकरणों का भू-अर्जन कर एनएच विभाग को दे दिया है, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है. वहीं यातायात विभाग ने भी इस जगह को डेंजर जोन घोषित किया है. इस हाईवे पर तीन वर्षों में 21 दुर्घटनाएं और 17 मौतें हो चुकी हैं.

SPECIAL: बढ़ती गाड़ियां और सड़क हादसे ने पैदल यात्रियों की बढ़ाई मुसीबत

2016 में सड़क को डेंजर जोन किया गया था घोषित

इस पूरे मामले में राजस्व विभाग के आला अधिकारी का कहना है कि भू-अर्जन प्रक्रिया हो चुकी है. एनएच विभाग इसपर आगे की प्रक्रिया करेगी. जानकारी के अनुसार 2016 में ही एनएच 353 पर तीन किमी लम्बी सड़क को डेंजर जोन घोषित कर दिया गया था.

महासमुंद: जिले को ओडिशा से जोड़ने वाले नेशनल हाईवे NH-353 पर तीन ब्लैक स्पॉट घोषित किए गए थे. खोपली, फुलवारी, बिहाझर और कसीबाहरा के पास 3 किमी की जो सड़क है वो काफी घुमावदार है. अक्सर यहां दुर्घटनाएं होती रहती है. 4 साल पहले एनएच के इस घुमावदार रास्ते को सीधा करने के लिए स्वीकृति भी मिल गई थी. लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण आज भी आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं.

ब्लैक स्पॉट बनने के 4 साल बाद भी डेंजर जोन पर काम नहीं हुआ शुरू

3 वर्षों में हुईं 21 दुर्घटनाएं और 17 मौतें

स्वीकृति के 4 साल बाद भी डेंजर जोन पर काम शुरू नहीं हुआ है. एनएच विभाग का कहना है कि राजस्व विभाग ने 21 प्रकरणों का भू-अर्जन कर एनएच विभाग को दे दिया है, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है. वहीं यातायात विभाग ने भी इस जगह को डेंजर जोन घोषित किया है. इस हाईवे पर तीन वर्षों में 21 दुर्घटनाएं और 17 मौतें हो चुकी हैं.

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2016 में सड़क को डेंजर जोन किया गया था घोषित

इस पूरे मामले में राजस्व विभाग के आला अधिकारी का कहना है कि भू-अर्जन प्रक्रिया हो चुकी है. एनएच विभाग इसपर आगे की प्रक्रिया करेगी. जानकारी के अनुसार 2016 में ही एनएच 353 पर तीन किमी लम्बी सड़क को डेंजर जोन घोषित कर दिया गया था.

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