महासमुंद: जिले में स्टॉप डैम निर्माण में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. यहां स्टॉप डैम बनाने के लिए रेत, गिट्टी का परिवहन मोटर साइकिल से किया गया. इसके बदले लाखों का भुगतान विभाग ने बिना जांचे-परखे कर भी दिया. यह खुलासा आरटीआई के जरिए हुआ है. अब अधिकारी इसे मानवीय त्रुटि बता रहे हैं.
जिले में श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन योजना के तहत नॉन स्टॉप डैम निर्माण का कार्य कृषि विभाग करवा रहा है. इसके लिए तकनीकी शाखा सहायक भूमि संरक्षण कार्यालय को नोडल एजेंसी बनाया गया है. महासमुंद जिले के उमरिया में 2, भंवरपुर में 2, पलसापाली में 3, बरतिया भाटा में 2, उडेला में 1 स्टॉप डैम का निर्माण किया जा रहा है. जिसके लिए 1 करोड़ 79 लाख 3 हजार की राशि स्वीकृत की गई है. इनमें से बसना के पलसापाली में स्टॉप डैम के निर्माण के लिए आई सामग्री के परिवहन में बड़ा हेरफेर किया गया है.
बाइक से किया गया रेत-गिट्टी का परिवहन
सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के मुताबिक, महासमुंद जिले के बसना स्थित पलसापाली में बने स्टॉप डैम में चौधरी ट्रेडर्स ट्रांसपोर्ट कंपनी ने गिट्टी, रेत की सप्लाई की थी. इसके लिए CG04 LR 9232 और CG04 M8556 ट्रक से मटेरियल की सप्लाई की गई. जब आरटीआई कार्यकर्ता ने ऑनलाइन इन ट्रक के नंबरों की जांच की, तो दोनों वाहनों के नंबर मोटर साइकिल के नाम से रजिस्टर मिले. सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी कार्यालय ने दोनों वाहनों को 2 लाख 44 हजार 286 रुपए का भुगतान भी कर दिया. इसी प्रकार आरटीआई सूचना में दूसरे स्टॉप डैम में जिस जेसीबी का इस्तेमाल किया गया, वह उस दिन दूसरे जिले में भेजी गई थी.
आरटीआई कार्यकर्ता का आरोप, अधिकारी का जवाब
कृषि विभाग के तकनीकी शाखा के अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत से लाखों के इस फर्जीवाड़े का खुलासा करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार अग्रवाल ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है. इधर कृषि विभाग के अधिकारी इसे मानवीय त्रुटि बता रहे हैं. उनका कहना है कि कई बार ऐसी गलतियां हो जाती हैं. उन्होंने कहा कि संचालनालय से इस मामले में जांच चल रही है.
2 स्टॉप डैम के निर्माण में यदि इतनी अनियमितता की गई है, तो अगर सभी स्टॉप डैम की जांच कराई जाएगी, तो बड़ा भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है. अब जांच के बाद ही खुलासा होगा.