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Mor Chiriya Workshop: गौरैया संरक्षण के लिए महासमुंद वन विभाग की अनोखी पहल, ताकि लौट सके गौरैया का गौरव - विश्व गौरैया दिवस 20 मार्च

महासमुंद वन विभाग ने मोर (Mor Chiriya Workshop) चिरैया कार्यशाला का आयोजन किया है. जिसके माध्यम से गौरैया संरक्षण किया (Mahasamund Forest Department work for Sparrow Conservation) जाएगा.

Mahasamund Forest Department
महासमुंद वन विभाग
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Published : Mar 4, 2022, 8:46 PM IST

Updated : Mar 4, 2022, 9:17 PM IST

महासमुंद: गौरैया जो हर किसी के घर की छज्जी हो या छत हो वहां पर मंडराती और चहचहाती रहती है. लेकिन बदलते दौर के साथ-साथ ये भी विलुप्त हो रही है. गौरैया का अस्तित्व बचाने को हर साल 20 मार्च को गौरैया दिवस मनाया जाता है, ताकि ये विलुप्त न हों और इनका अस्तित्व बना रहे. महासमुंद वन विभाग ने गौरैया संरक्षण के लिए एक अनोखी पहल की है. विभाग ने मोर चिरैया नाम से एक कार्यशाला का आयोजन (Mahasamund Forest Department mor Chiraiya Workshop Sparrow Conservation) किया है.

लोगों से विभाग ने की अपील

कार्यशाला में अधिकारी एवं छात्र-छात्राओं को घोंसला बनाना सिखाया जा रहा है. जिसे वो अपने घरों के छज्जे और छत पर रखेंगे, जहां गौरैया आकर विश्राम करेगी. विभाग ने गौरैया के संरक्षण का संकल्प लेने के साथ-साथ लोगों से अपील की है कि, गर्मी के मौसम को देखते हुए सभी लोग अपने घरों में एक कटोरी में पानी और एक कटोरी में दाना जरुर रखें, ताकि ये गौरैया पानी पीने के साथ-साथ दाना खा सके.

महासमुंद वन विभाग ने मोर चिरैया

लोगों को सिखाया जा रहा है घोसला बनाना- वन विभाग

महासमुंद वनमण्डल ने कोडार के वन चेतना केन्द्र में मोर चिरैया कार्यक्रम का शुभारंभ करने के साथ एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. आयोजन में कलेक्टर निलेश क्षीरसागर, एसपी विवेक शुक्ला, जिला पंचायत सीईओ एस आलोक के साथ बीएड और नर्सिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने भाग लेकर चिड़िया का घोंसला बनाना सीखा. कार्यशाला में डीएफओ ने सभी को घोंसला बनाने के लिए सामान उपलब्ध कराकर उन्हें घोंसला बनाना सिखाया.

यह भी पढ़ें: बालोद में चंडी मां के मंदिर में चोरी, चोरों ने हार, मुकुट सहित दान पेटी पर किया हाथ साफ

परिंदों के लिए दाना-पानी भरकर रखें

कार्यक्रम के मुख्यातिथि कलेक्टर ने कहा कि गर्मी का मौसम आने वाला है. घर की छतों पर गौरैया पक्षी और परिंदों के लिए दाना-पानी भरकर रखें, ताकि विलुप्त होते गौरैया चिड़िया का कुनबा बना रहे. घर के बाहर उंचाई व सुरक्षित जगह पर घोंसले लटकाएं. आंगन और पार्काें में नींबू, अमरूद, कनेर, चांदनी आदि के पेड़ लगाएं. इन पेड़ों पर गौरैया अपना आशियाना बनाती है.

विलुप्त हो रहे पक्षी

मौजूदा समय में घरों के आस-पास गौरैया की मधुर चीं-चीं की आवाज भी सुनने को नहीं मिल रही क्योंकि गांव, शहर में क्रंकीट के मकान और मोबाइल टॉवर से निकलने वाली तरंगे गौरैया चिड़िया एवं अन्य पक्षियों के अस्तित्व के लिए खतरा बन रही है. ये पक्षी अपना कुनबा बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहें हैं. हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है कि, गौरैया का गौरव लौटाएं. ताकि फिर वह लोगों के आंगन और छत पर फुदकती नजर आएं. इस विषय में कार्यक्रम के आयोजक का कहना है कि, जन सहभागिता के साथ गौरैया के संरक्षण के लिए घोंसले इको फ्रेण्डली और सस्ते मटेरियल से बनाएं ताकि गौरैया का संरक्षण हो सके. यही इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है.

यह भी पढ़ें: कवर्धा में गन्ना किसानों ने नेशनल हाइवे किया जाम

सस्ते दर पर मिलेगा घोंसला

मोर चिरैया कार्यक्रम के माध्यम से घोंसला बनाना सिखने वाले छात्र-छात्राओं का कहना है कि यह कार्यक्रम बहुत ही अच्छा है. हम घोंसला बनाना सिखने के बाद लोंगो को सिखायेंगे और गौरैया को बचाने के लिए लोगों को जागरुक करने के साथ उनसे इस कार्यक्रम को आगे बढाने की अपील करेंगे.गौर हो कि कि विश्व गौरैया दिवस 20 मार्च (world sparrow day) को मनाया जाता है. वन विभाग ने अपना एक वेबसाइट भी www.mor-chiraiya.org बनाया है, जो पूरे देशवासियों को सस्ते दर पर घोंसले उपलब्ध कराएगा.

महासमुंद: गौरैया जो हर किसी के घर की छज्जी हो या छत हो वहां पर मंडराती और चहचहाती रहती है. लेकिन बदलते दौर के साथ-साथ ये भी विलुप्त हो रही है. गौरैया का अस्तित्व बचाने को हर साल 20 मार्च को गौरैया दिवस मनाया जाता है, ताकि ये विलुप्त न हों और इनका अस्तित्व बना रहे. महासमुंद वन विभाग ने गौरैया संरक्षण के लिए एक अनोखी पहल की है. विभाग ने मोर चिरैया नाम से एक कार्यशाला का आयोजन (Mahasamund Forest Department mor Chiraiya Workshop Sparrow Conservation) किया है.

लोगों से विभाग ने की अपील

कार्यशाला में अधिकारी एवं छात्र-छात्राओं को घोंसला बनाना सिखाया जा रहा है. जिसे वो अपने घरों के छज्जे और छत पर रखेंगे, जहां गौरैया आकर विश्राम करेगी. विभाग ने गौरैया के संरक्षण का संकल्प लेने के साथ-साथ लोगों से अपील की है कि, गर्मी के मौसम को देखते हुए सभी लोग अपने घरों में एक कटोरी में पानी और एक कटोरी में दाना जरुर रखें, ताकि ये गौरैया पानी पीने के साथ-साथ दाना खा सके.

महासमुंद वन विभाग ने मोर चिरैया

लोगों को सिखाया जा रहा है घोसला बनाना- वन विभाग

महासमुंद वनमण्डल ने कोडार के वन चेतना केन्द्र में मोर चिरैया कार्यक्रम का शुभारंभ करने के साथ एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. आयोजन में कलेक्टर निलेश क्षीरसागर, एसपी विवेक शुक्ला, जिला पंचायत सीईओ एस आलोक के साथ बीएड और नर्सिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने भाग लेकर चिड़िया का घोंसला बनाना सीखा. कार्यशाला में डीएफओ ने सभी को घोंसला बनाने के लिए सामान उपलब्ध कराकर उन्हें घोंसला बनाना सिखाया.

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परिंदों के लिए दाना-पानी भरकर रखें

कार्यक्रम के मुख्यातिथि कलेक्टर ने कहा कि गर्मी का मौसम आने वाला है. घर की छतों पर गौरैया पक्षी और परिंदों के लिए दाना-पानी भरकर रखें, ताकि विलुप्त होते गौरैया चिड़िया का कुनबा बना रहे. घर के बाहर उंचाई व सुरक्षित जगह पर घोंसले लटकाएं. आंगन और पार्काें में नींबू, अमरूद, कनेर, चांदनी आदि के पेड़ लगाएं. इन पेड़ों पर गौरैया अपना आशियाना बनाती है.

विलुप्त हो रहे पक्षी

मौजूदा समय में घरों के आस-पास गौरैया की मधुर चीं-चीं की आवाज भी सुनने को नहीं मिल रही क्योंकि गांव, शहर में क्रंकीट के मकान और मोबाइल टॉवर से निकलने वाली तरंगे गौरैया चिड़िया एवं अन्य पक्षियों के अस्तित्व के लिए खतरा बन रही है. ये पक्षी अपना कुनबा बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहें हैं. हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है कि, गौरैया का गौरव लौटाएं. ताकि फिर वह लोगों के आंगन और छत पर फुदकती नजर आएं. इस विषय में कार्यक्रम के आयोजक का कहना है कि, जन सहभागिता के साथ गौरैया के संरक्षण के लिए घोंसले इको फ्रेण्डली और सस्ते मटेरियल से बनाएं ताकि गौरैया का संरक्षण हो सके. यही इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है.

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सस्ते दर पर मिलेगा घोंसला

मोर चिरैया कार्यक्रम के माध्यम से घोंसला बनाना सिखने वाले छात्र-छात्राओं का कहना है कि यह कार्यक्रम बहुत ही अच्छा है. हम घोंसला बनाना सिखने के बाद लोंगो को सिखायेंगे और गौरैया को बचाने के लिए लोगों को जागरुक करने के साथ उनसे इस कार्यक्रम को आगे बढाने की अपील करेंगे.गौर हो कि कि विश्व गौरैया दिवस 20 मार्च (world sparrow day) को मनाया जाता है. वन विभाग ने अपना एक वेबसाइट भी www.mor-chiraiya.org बनाया है, जो पूरे देशवासियों को सस्ते दर पर घोंसले उपलब्ध कराएगा.

Last Updated : Mar 4, 2022, 9:17 PM IST
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