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खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर 7 परिवार के लोग - आशियाने की आश

महासमुंद पिथौरा ब्लॉक के 7 परिवारों ने बारिश में अपना आशियाना खो दिया है. प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही की वजह से आज भी ये लोग खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं.

house destroyed in mahasamund
आशियाने की आस
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Published : Dec 26, 2020, 5:10 PM IST

Updated : Dec 28, 2020, 6:28 PM IST

महासमुंद: पिथौरा ब्लॉक के दूरस्थ गांव में 6 महीने पहले आए बाढ़, तेज आंधी-तूफान और ओलावृष्टि से किसानों और ग्रामीणों को काफी नुकासन हुआ है. किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई. वहीं कई घर उजड़ गए. शासन की ओर से पीड़ित परिवारों को मुआवजा राशि दी गई, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही की वजह से आज भी कई परिवार खुले आसमान के नीचे सो रहे हैं.

खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर 7 परिवार के लोग

छोटे लोरम गांव के ग्रामीण बताते हैं कि वे लोग बीते 6 महीने से अपने परिवार के साथ दूसरों के बरामदे में रह रहे हैं. ग्रामीण कहते हैं कि उनकी समस्या सुनने वाला कोई नहीं है. उन्होंने मीडिया से शासन तक उनकी बात पहुंचाने की अपील की है. वे बताते हैं कि कई बार इसकी शिकायत पटवारी को दी गई है, लेकिन अबतक कुछ हो नहीं पाया है.

पढ़ें: जशपुर: बारिश और ओलावृष्टि ने उजाड़ा आशियाना, प्रशासन दे रहा मुआवजा

जल्द बनाया जाएगा मकान

ग्रामीण बताते हैं, पटवारी आकर रिपोर्ट बनाकर ले गए थे, लेकिन उन्हें घर नहीं मिल पाया है. वहीं इस बारे में एसडीएम से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बारिश, बाढ़ में क्षति होने पर मुआवजा राशि दी जाती है. जानकारी मिली है मामले में कार्रवाई की जाएगी और जल्द से जल्द मकान बनाकर दिया जाएगा.

महासमुंद: पिथौरा ब्लॉक के दूरस्थ गांव में 6 महीने पहले आए बाढ़, तेज आंधी-तूफान और ओलावृष्टि से किसानों और ग्रामीणों को काफी नुकासन हुआ है. किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई. वहीं कई घर उजड़ गए. शासन की ओर से पीड़ित परिवारों को मुआवजा राशि दी गई, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही की वजह से आज भी कई परिवार खुले आसमान के नीचे सो रहे हैं.

खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर 7 परिवार के लोग

छोटे लोरम गांव के ग्रामीण बताते हैं कि वे लोग बीते 6 महीने से अपने परिवार के साथ दूसरों के बरामदे में रह रहे हैं. ग्रामीण कहते हैं कि उनकी समस्या सुनने वाला कोई नहीं है. उन्होंने मीडिया से शासन तक उनकी बात पहुंचाने की अपील की है. वे बताते हैं कि कई बार इसकी शिकायत पटवारी को दी गई है, लेकिन अबतक कुछ हो नहीं पाया है.

पढ़ें: जशपुर: बारिश और ओलावृष्टि ने उजाड़ा आशियाना, प्रशासन दे रहा मुआवजा

जल्द बनाया जाएगा मकान

ग्रामीण बताते हैं, पटवारी आकर रिपोर्ट बनाकर ले गए थे, लेकिन उन्हें घर नहीं मिल पाया है. वहीं इस बारे में एसडीएम से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बारिश, बाढ़ में क्षति होने पर मुआवजा राशि दी जाती है. जानकारी मिली है मामले में कार्रवाई की जाएगी और जल्द से जल्द मकान बनाकर दिया जाएगा.

Last Updated : Dec 28, 2020, 6:28 PM IST
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