महासमुंद : राज्य शासन ने राज्य के विकास, जनता के आर्थिक और सामाजिक उत्थान के लिए कई योजनाएं संचालित की (Education of daughters of labour in Chhattisgarh ) हैं. जिसमें मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए सबसे सशक्त और अहम है. इस योजनान्तर्गत महासमुंद जिले के 356 पंजीकृत हितग्राहियों की पुत्रियों के बैंक खाते में 20-20 हजार रूपए के हिसाब से कुल राशि रूपए 71 लाख 20 हजार का भुगतान एक मुश्त किया गया(Scheme for daughters of laborers in Chhattisgarh) है.
किन्हें मिली सहायता : महासमुंद गुड़रूपारा निवासी हितग्राही छगन बाई की बिटिया कुमारी नेहा और ग्राम बेमचा निवासी भारती निर्मलकर की बेटी भूमिका को भी सहायता राशि दी गई है. इन्होंने बताया कि इस योजना की राशि उनके बैंक खाते में आ गयी है. उन्होंने यह राशि अपनी आगे की पढ़ाई के लिए सहेज कर रखी है. दोनों बेटियों ने हाई स्कूल पास किया है. वो खुश हैं कि उन्हें कॉलेज की पढ़ाई के लिए पैसों की दिक्कत नहीं होगी. लिमदरहा निवासी भरतलाल ने भी जानकारी दी है कि उनकी बेटी योगेश्वरी के बैंक खाते में भी 20 हजार रुपए जमा हुए हैं. योगेश्वरी पिरदा कॉलेज में पढ़ाई कर रही है. यह राशि पाकर वह भी काफी खुश है. उन्होंने राज्य सरकार को इसके लिए धन्यवाद दिया है.
कहां करें योजना के लिए अप्लाई : जिला श्रम अधिकारी डी.के. राजपूत (Mahasamund District Labor Officer DK Rajput) ने बताया कि ''महासमुंद जिले में श्रम विभाग के अंतर्गत सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल (Construction Workers Welfare Board Chhattisgarh) में 01 लाख 20 हजार श्रमिक पंजीकृत है. मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना के तहत अब तक 356 पात्र हितग्राहियों की पुत्रियों के लिए 20-20 हजार रुपए की राशि सीधे उनके बैंक खाते में डाली गई है. इस योजना के कारण श्रमिकों की बेटियां अब सशक्त एवं आत्मनिर्भर भी बन सकेंगी. इस योजना में छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में पंजीकृत श्रमिक ही पात्र है. पात्रधारियों को योजना का लाभ लेने के लिए मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना की अधिकारिक वेबसाइट cglabour.nic.in पर ऑन लाइन पंजीयन करना होगा.''
कौन है योजना के लिए पात्र : श्रमिक, मजदूर परिवार आर्थिक और सामाजिक रूप से काफी कमजोर होता है. जिससे परिवार के बच्चों खास तौर पर बेटियों को अपनी पढ़ाई-लिखाई बीच में ही छोड़ देनी पड़ती है. जिससे उनके आर्थिक और सामाजिक रूप से शोषण की संभावना बनी रहती है. श्रमिक परिवार की बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से तथा उन्हें शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार तथा उनके विवाह के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए राज्य सरकार मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना लाई. योजना के तहत पात्र श्रमिक परिवार की प्रथम दो बेटियों जिनकी उम्र न्यूनतम 18 वर्ष और 21 वर्ष से अधिक न हो ,वह अविवाहित हो उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए 20-20 हजार रुपए की आर्थिक सहायता राशि सीधे उनके बैंक खाते में डाली जाती है.