महासमुंद: छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'मोर जमीन मोर मकान' ने नगर के सैकड़ों गरीब परिवारों की तकदीर और तस्वीर दोनों ही बदल कर रख दी है. कभी छप्पर के टूटे मकान में रहने वाले परिवार आज इस योजना का लाभ लेकर पक्के मकान में खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं. वे सरकार को धन्यवाद दे रहे हैं.
पढ़ें : आजादी के 72 वर्ष बाद भी पक्की सड़क का इंतजार कर रहा है ये गांव.
बता दें कि महासमुंद जिले में 'मोर जमीन मोर मकान योजना' की शुरुआत साल 2017 में हुई, तब से लेकर आज तक इस योजना के तहत 568 परिवारों को पक्का मकान बनाने के लिए स्वीकृति राशि प्राप्त हुई और 200 लोगों के मकान बनकर तैयार हो गए हैं. इस योजना अंतर्गत हितग्राही के पास 30 वर्गमीटर जमीन होना चाहिए और उसका सालाना आय 3 लाख से कम होना चाहिए. ऐसे हितग्राही को सरकार 3 लाख रुपए देती है. मकान बनाने के लिए, जिसका 20 प्रतिशत राशि हितग्राही को खुद लगानी पड़ती है.
3 हजार लोगों को पक्का मकान देने के उद्देश्य
मामले में नगर पालिका के आला अधिकारी का कहना है कि तीन लाख के सालाना इनकम वाले ऐसे परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराना ही इस योजना का मुख्य उद्देश्य है. बता दें कि नगर पालिका प्रशासन ने साल 2022 तक 3 हजार लोगों को पक्का मकान उपलब्ध कराने की कार्य योजना बना रही है.