महासमुंद : बांसमुड़ा गांव के ग्रामीण हाथी की समस्या से पूरी तरह उबरे ही नहीं थे कि, एक और दिक्कत उनके गले पड़ गई है. ग्रामीण पीने के पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं. एक हजार की आबादी वाले आदिवासी बाहुल गांव के लोग मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जिंदगी जीने को मजबूर हैं.
पंप से आ रहा लाल पानी
ग्रामीणों ने बताया कि 'गर्मी में वे हाथी और पानी का समस्या से परेशान थे अब बारिश में भी उन्हें पीने का पानी नसीब नहीं हो रहा है. 6 पंप होने के बावजूद दो ही पंप चालू हैं, जिनसे लाल पानी आ रहा है'.
अधिकारियों से की शिकायत
ग्रामवासी शिकायत लेकर अधिकारियों से मिलने महासमुंद जिला मुख्यालय पहुंचे थे, जहां उन्होंने बताया कि, 'शिकायत करते-करते हम थक गए हैं और पीने का पानी नहीं मिलने से जीना मुश्किल हो गया हैं'.
मूलभूत सुविधाएं अटकी
जनपद पंचायत सदस्य योगेश्वर चंद्राकर का कहना है कि, 'पंचायत के लिए बजट आया था, लेकिन प्रशासन ने उन रुपयों को गौठान में लगा दिया, जिसके कारण पाइपलाइन और मूलभूत सुविधाएं अटक गई हैं'. उन्होंने ये भी कहा कि, 'गौठान के लिए अलग फंड होना चाहिए न कि मूलभूत सुविधाओं के फंड को उसमें लगाना चाहिए'.