महासमुंद: बागबाहरा विकासखंड के ग्राम पंचायत आवराडबरी के ग्रामीणों ने सरपंच और सरपंच पति पर मनरेगा कार्य में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है. ग्रामीणों ने इसकी लिखित शिकायत कलेक्टर से की है. ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच पति अन्य परिवार के नाम पर मजदूरी आहरण कर रहा है. काम करने वाले मजदूरों को महज 110 रुपये दिए जा रहे हैं. वहीं घर बैठे लोगों को 180 से 190 के बीच का भुगतान किया जा रहा है. यहीं नहीं मनरेगा में 70 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों का नाम शामिल कर राशि का बंदरबांट किया गया है. जो व्यक्ति शारीरिक रूप से काम करने में असमर्थ हैं. उनका नाम भी मस्टर रोल में जोड़ कर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है.
ग्राम पंचायत आवराडबरी और आश्रित बोइरगांव में मनरेगा के तहत 2020-21 में तालाब गहरीकरण के लिए करीब 20 लाख स्वीकृत किया गया था, लेकिन ग्रामीणों की शिकायत है कि सरपंच और सरपंच पति ने मनरेगा कार्य में मनमाने तरीके से फर्जीवाड़ा किया. सरपंच पति घर पर ही हाजिरी लेकर मस्टर रोल भरता है. कार्यस्थल पर ना रोजगार सहायक, ना ही सचिव और ना ही इंजीनियर उपस्थित रहते हैं. वन विभाग में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के अलावा उनके परिवार का नाम भी मजदूरों में शामिल किया गया है. जिनका भुगतान नियमित रूप से किया जा रहा है.
ग्रामीणों ने ठेकेदार पर लगाया सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप
मजदूरों ने लगाया कम भुगतान का आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि कार्यस्थल पर कोई देखरेख करने नहीं आते. तालाब गहरीकरण कार्य को हम मजदूरों की देखरेख में किया जा रहा है. जिनकी देखरेख की जिम्मेदारी है वे सभी नदारद रहते हैं. हाजिरी भी कार्यस्थल पर नहीं लिया जाता. बावजूद इसके मजदूरी के रूप में महज 110 रुपये का ही भुगतान किया जा रहा है.
अधिकारियों ने कही जांच की बात
इस संबंध में एडिशनल कलेक्टर का कहना है मनरेगा में भ्रष्टाचार की शिकायत मिली है. जिसे जिला पंचायत सीईओ को मार्क किया गया है. मजदूरों को कम भुगतान सहित सभी पहलुओं पर जांच की जाएगी. शिकायत सही पाए जाने पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.