कांकेर: कोदागांव के हजारों ग्रामीणों ने चिटफंड कंपनी के खिलाफ कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. ग्रामीणों ने कलेक्टर से साई प्रसाद चिटफंड कंपनी पर उचित कार्रवाई करने और उनकी जमा राशि वापस दिलाने की मांग की है.
ग्रामीणों ने बताया कि साल 2010 में गांव के कई लोगों ने साई प्रसाद बीमा कंपनी में रुपये जमा कराए थे. कंपनी ने उन्हे 6 साल बाद ब्याज के साथ रुपये वापस करने का भरोसा दिलाया था, लेकिन आज 10 साल बीत जाने के बाद भी ग्रामीणों की उनकी राशि का भुगतान नहीं हो पाया है. ग्रामीणों का कहना है कि हम गरीब लोग है. हमने अपनी राशि एजेंट के कहने पर कंपनी में लगाई थी. उन्होंने बताया कि एजेंट के पास जाने से उन्हें धमकी दी जाती है. ऐसे में वो करें तो क्या करें.
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ग्रामीणों का कहना है कि बीमा कंपनी साई प्रसाद पर उचित कार्रवाई करते हुए उनकी राशि वापस दिलाई जाए. इससे पहले भी प्रदेश के कई क्षेत्रों में लोगों ने चिटफंड कंपनी पर कार्रवाई की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया है.
चिटफंड कंपनी के खिलाफ हुए प्रदर्शन
- 2 जनवरी को राजनांदगांव में चिटफंड कंपनियों के जाल में फंसे लोगों ने शासन-प्रशासन से रुपये लौटाने की गुहार लगाई थी. लोगों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर अंबागढ़ चौकी क्षेत्र के लोगों ने चिटफंड कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी.
- 16 सितंबर को बस्तरवासियों को करोड़ों रुपए का चूना लगाने वाले चिटफंड कंपनियों के खिलाफ बस्तर अभिकर्ता और उपभोक्ता सेवा संघ प्रदर्शन किया था. उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम बस्तर एसडीएम को ज्ञापन सौंप जल्द रकम वापस करने की मांग की थी. संघ की ओर से बीते 2015 से लगातार निवेशकों का पैसा वापस करवाने की मांग को लेकर आंदोलन किया जा रहा है.
- 16 सितंबर को अंबिकापुर में चिटफंड कंपनी में फंसी राशि की वापसी की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ अभिकर्ता और उपभोक्ता सेवा संघ ने एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया था. सरकार को उनके द्वारा किए गए वादे याद दिलाया था.
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रकम वापस दिलाने का वादा
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले वादा किया था कि, सरकार बनने पर निवेशकों की चिटफंड कंपनियों में फंसी हुई रकम वापस दिलाई जाएगी. राज्य सरकार ने चिटफंड कंपनी की संपत्ति को कुर्क कर निवेशकों का भुगतान किया था. दिवाली के ठीक पहले निवेशकों को 7 करोड़ 33 लाख रुपए लौटा दिए गए थे.