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ETV भारत की खबर का असर, जंगल में रह रहे परिवार को मिला आशियाना - तंबू लगाकर रहता परिवार

छत्तीसगढ़ प्रदेश की पहली विधानसभा का दर्जा प्राप्त भरतपुर सोनहत विधानसभा के सलगवाकला गांव के दुर्गम जंगलों में एक परिवार बीते 3 सालों से तंबू लगा कर रह रहा था. इस बात की जानकारी होते ही ETV भारत ने अपने सामाजिक सरोकारों का निर्वहन करते हुए परिवार से मुलाकात की और इस खबर को हमने दिखाया. खबर चलने के बाद अब इस परिवार का आशियाना जल्द बनते दिख रहा है.

जंगल में रह रहे परिवार को घर बनाने केलिए मिली जमीन
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Published : Sep 28, 2019, 10:44 AM IST

Updated : Sep 28, 2019, 12:58 PM IST

कोरिया: लगभग दो दशक पहले जब मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया गया था, तभी नवगठित प्रदेश के लोगों ने सोचा था कि अब उनकी समस्याएं दूर हो जाएंगी. लेकिन इतने लंबे अंतराल के बाद भी पूर्वांचल क्षेत्र के लोगों की जीवन शैली में कितना बदलाव आया है इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है, कि आज भी आदिवासी लोग जंगलों में पन्नी और तिरपाल तानकर रहने को मजबूर हैं. लेकिन ETV भारत उनकी आवाज बना और अब उन्हें आशियाना मिल गया है.

जंगल में रह रहे परिवार को घर बनाने के लिए मिली जमीन

पारिवारिक विवाद के चलते नहीं मिली हक की जमीन
सलगवाकला में रहने वाले रामचरण का पारिवारिक विवाद होने की वजह से उसे परिवार के लोगों ने उसके हक की जमीन भी नहीं दी. उसके पास इतनी व्यवस्था भी नहीं थी कि वह अपना मकान बना सके. इसके चलते वह मजबूरी में 3 सालों से जंगलों के बीच रह रहा था. हमने इस खबर को प्राथमिकता से दिखाया और इसकी जानकारी सरगुजा प्राधिकरण उपाध्यक्ष गुलाब कमरो को दी. इसक असर हुआ और अब उसे शासन की ओर से जमीन आवंटित कर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बना कर दिया जाएगा. जमीन आवंटन की प्रकिया शुक्रवार तक कर ली जाएगी.

अपना आशियाना बनने की खबर मिलने के बाद परिवार ने ETV भारत और भरतपुर के विधायक गुलाब कमरो का आभार व्यक्त किया है.

कोरिया: लगभग दो दशक पहले जब मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया गया था, तभी नवगठित प्रदेश के लोगों ने सोचा था कि अब उनकी समस्याएं दूर हो जाएंगी. लेकिन इतने लंबे अंतराल के बाद भी पूर्वांचल क्षेत्र के लोगों की जीवन शैली में कितना बदलाव आया है इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है, कि आज भी आदिवासी लोग जंगलों में पन्नी और तिरपाल तानकर रहने को मजबूर हैं. लेकिन ETV भारत उनकी आवाज बना और अब उन्हें आशियाना मिल गया है.

जंगल में रह रहे परिवार को घर बनाने के लिए मिली जमीन

पारिवारिक विवाद के चलते नहीं मिली हक की जमीन
सलगवाकला में रहने वाले रामचरण का पारिवारिक विवाद होने की वजह से उसे परिवार के लोगों ने उसके हक की जमीन भी नहीं दी. उसके पास इतनी व्यवस्था भी नहीं थी कि वह अपना मकान बना सके. इसके चलते वह मजबूरी में 3 सालों से जंगलों के बीच रह रहा था. हमने इस खबर को प्राथमिकता से दिखाया और इसकी जानकारी सरगुजा प्राधिकरण उपाध्यक्ष गुलाब कमरो को दी. इसक असर हुआ और अब उसे शासन की ओर से जमीन आवंटित कर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बना कर दिया जाएगा. जमीन आवंटन की प्रकिया शुक्रवार तक कर ली जाएगी.

अपना आशियाना बनने की खबर मिलने के बाद परिवार ने ETV भारत और भरतपुर के विधायक गुलाब कमरो का आभार व्यक्त किया है.

Intro:एंकर - लगभग 2 दशकों पूर्व जब मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया गया था तभी नवगठित प्रदेश के लोगों ने सोचा था कि अब उनकी समस्याएं दूर हो जाएंगी लेकिन इतना लंबा अंतराल बीत जाने के बाद भी पूर्वांचल क्षेत्र के लोगों की जीवन शैली में कितना बदलाव आया है इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज भी आदिवासी बनवासी लो जंगलों में पन्नी और त्रिपाल तानकर अभावों के बीच रहने को मजबूर हैं इस बारे में हमने अपने चैनल में खबर दिखाई और इसकी जानकारी सरगुजा प्राधिकरण उपाध्यक्ष गुलाब कमरों दी थी । उन्होंने जो काम इतने वर्ष बीत जाने के बाद नहीं हुआ था उसे पूरा कर दिखाया अब अपना आशियाना बनने की खबर मिलने के बाद परिवार ने हमारे चैनल व भरतपुर संभाग के विधायक गुलाब कमरों को आभार व्यक्त किया है ।
Body:वी.ओ.- छत्तीसगढ़ प्रदेश की पहली विधानसभा का दर्जा प्राप्त भरतपुर सोनहत विधानसभा के सलगवाकला ग्राम के दुर्गम जंगलों में एक परिवार बीते 3 वर्षों से जंगल मे तंबू लगा कर निवास कर रहा था । इस बात की जानकारी होते ही हमने अपना सामाजिक सरोकारों का निर्वहन करते हुए परिवार से मुलाकात की और इस खबर को हमने प्रकाशित किया खबर चलने के बाद अब उसका आशियाना जल्द बनते दिख रहा है ।दरअसल सलगवाकला में रहने वाले रामचरण का पारिवारिक विवाद होने की वजह से उसे परिवार के लोगों द्वारा उसके हक की जमीन भी नहीं दी गई और उसके पास इतनी व्यवस्था भी नहीं थी कि वह अपना मकान बना सके जिसके चलते वह मजबूरी में वर्ष 3 सालों से जंगलों के बीच रह रहा था । अब उसे शासन की ओर से भूमि आबंटित कर प्रधानमंत्री आवास योजना से मकान बना कर दिया जाएगा । जमीन आबंटन की प्रकिया शुक्रवार तक कर ली जाएगी । Conclusion:ईटीवी भारत और विधायक गुलाब कमरों का दिल से धन्यवाद दिया है ।
बाइट - कौशल तेंदुलकर (एसडीएम,सोनहत)
बाइट - रामचरण (पीड़ित)
Last Updated : Sep 28, 2019, 12:58 PM IST
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