कोरिया: लगभग दो दशक पहले जब मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया गया था, तभी नवगठित प्रदेश के लोगों ने सोचा था कि अब उनकी समस्याएं दूर हो जाएंगी. लेकिन इतने लंबे अंतराल के बाद भी पूर्वांचल क्षेत्र के लोगों की जीवन शैली में कितना बदलाव आया है इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है, कि आज भी आदिवासी लोग जंगलों में पन्नी और तिरपाल तानकर रहने को मजबूर हैं. लेकिन ETV भारत उनकी आवाज बना और अब उन्हें आशियाना मिल गया है.
पारिवारिक विवाद के चलते नहीं मिली हक की जमीन
सलगवाकला में रहने वाले रामचरण का पारिवारिक विवाद होने की वजह से उसे परिवार के लोगों ने उसके हक की जमीन भी नहीं दी. उसके पास इतनी व्यवस्था भी नहीं थी कि वह अपना मकान बना सके. इसके चलते वह मजबूरी में 3 सालों से जंगलों के बीच रह रहा था. हमने इस खबर को प्राथमिकता से दिखाया और इसकी जानकारी सरगुजा प्राधिकरण उपाध्यक्ष गुलाब कमरो को दी. इसक असर हुआ और अब उसे शासन की ओर से जमीन आवंटित कर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बना कर दिया जाएगा. जमीन आवंटन की प्रकिया शुक्रवार तक कर ली जाएगी.
अपना आशियाना बनने की खबर मिलने के बाद परिवार ने ETV भारत और भरतपुर के विधायक गुलाब कमरो का आभार व्यक्त किया है.