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बेमौसम बारिश ने बढ़ाई धान के भंडारण की चिंता, किसान परेशान - बेमौसम बारिश से किसान परेशान

3 दिनों से मौसम में हो रहे फेरबदल से किसान चिंतित दिखाई दे रहे हैं. अब किसानों के सामने उपज को बचाए रखना एक चुनौती साबित हो रही है. बेमौसम बरसात के कारण किसानों के खेत में काटकर रखे धान को नुकसान पहुंच रहा है.

Unseasonal rains damage harvested paddy in koriya
बेमौसम बारिश से खेतों में भरा पानी
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Published : Nov 26, 2020, 6:50 AM IST

Updated : Nov 26, 2020, 9:13 AM IST

कोरिया: तमिलनाडु और पुडुचेरी में आ रहे निवार तूफान का असर छत्तीसगढ़ में भी देखने को मिल रहा है. निवार तूफान के कारण प्रदेश के भरतपुर विकासखंड के अलग-अलग इलाकाें में दो दिन से रुक-रुककर बारिश हो रही है. बारिश के कारण जहां ठंड में बढ़ोतरी हुई है, वहीं किसान अपनी फसलों को लेकर परेशान हैं. बेमौसम बरसात के कारण खेत में काटकर रखी गई धान की फसल को भी नुकसान पहुंच रहा है.

बेमौसम बारिश ने बढ़ाई धान के भंडारण की चिंता

छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान की खरीदी होनी है, ऐसे में किसानों के पास धान के भंडारण की समस्या खड़ी हो गई है. किसानों का कहना है कि मौसम में बार-बार हो रहे बदलाव के कारण धान को रखना उनके लिए एक चुनौती बनकर सामने आ रही है. अब तक 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू की जाती थी, लेकिन इस साल धान खरीदी 1 दिसंबर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है, जिससे किसान परेशान हैं.

Unseasonal rains damage harvested paddy in koriya
बारिश ने बढ़ाई धान के भंडारण की चिंता

पढ़ें: बेमेतरा: धान खरीदी से पहले बेमौसम बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता, धान की देखरेख में जुटे किसान

खेतों में पानी भरने के कारण नहीं हो पा रहा धान का उठाव

किसानों का कहना है कि बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है, जिसकी वजह से कटे धान का उठाव नहीं हो पा रहा है. उनका कहना है कि अगर सरकार ने उनके धान पहले ही खरीद लिए होते, तो धान के भंडारण की दिक्कत नहीं होती, लेकिन धान खरीदी की तारीख बढ़ने के कारण वे खुले में अपना धान रखने को मजबूर हैं. इससे पहले किसान धान की मिजाई कर उसे सीधे खरीदी केंद्र में बेचने के लिए ले जाते थे, इससे किसानों का समय और पैसा दोनों बचता था. साथ ही रबी फसल की तैयारी को लेकर भी पर्याप्त समय मिल जाता था.

कोरिया: तमिलनाडु और पुडुचेरी में आ रहे निवार तूफान का असर छत्तीसगढ़ में भी देखने को मिल रहा है. निवार तूफान के कारण प्रदेश के भरतपुर विकासखंड के अलग-अलग इलाकाें में दो दिन से रुक-रुककर बारिश हो रही है. बारिश के कारण जहां ठंड में बढ़ोतरी हुई है, वहीं किसान अपनी फसलों को लेकर परेशान हैं. बेमौसम बरसात के कारण खेत में काटकर रखी गई धान की फसल को भी नुकसान पहुंच रहा है.

बेमौसम बारिश ने बढ़ाई धान के भंडारण की चिंता

छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान की खरीदी होनी है, ऐसे में किसानों के पास धान के भंडारण की समस्या खड़ी हो गई है. किसानों का कहना है कि मौसम में बार-बार हो रहे बदलाव के कारण धान को रखना उनके लिए एक चुनौती बनकर सामने आ रही है. अब तक 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू की जाती थी, लेकिन इस साल धान खरीदी 1 दिसंबर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है, जिससे किसान परेशान हैं.

Unseasonal rains damage harvested paddy in koriya
बारिश ने बढ़ाई धान के भंडारण की चिंता

पढ़ें: बेमेतरा: धान खरीदी से पहले बेमौसम बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता, धान की देखरेख में जुटे किसान

खेतों में पानी भरने के कारण नहीं हो पा रहा धान का उठाव

किसानों का कहना है कि बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है, जिसकी वजह से कटे धान का उठाव नहीं हो पा रहा है. उनका कहना है कि अगर सरकार ने उनके धान पहले ही खरीद लिए होते, तो धान के भंडारण की दिक्कत नहीं होती, लेकिन धान खरीदी की तारीख बढ़ने के कारण वे खुले में अपना धान रखने को मजबूर हैं. इससे पहले किसान धान की मिजाई कर उसे सीधे खरीदी केंद्र में बेचने के लिए ले जाते थे, इससे किसानों का समय और पैसा दोनों बचता था. साथ ही रबी फसल की तैयारी को लेकर भी पर्याप्त समय मिल जाता था.

Last Updated : Nov 26, 2020, 9:13 AM IST
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