कोरिया : कहते हैं यदि किसी काम को करने में लगन हो तो वो कभी बेकार नहीं जाता है. ऐसा ही एक काम कोरिया जिले के खरवत गांव में हुआ.जहां के ग्रामीणों के लिए एक नाले को पुनर्जीवित करके पानी स्टोर किया गया. जिसके बाद अब पानी की कमी से जूझ रहे पूरे गांव को बड़ा सहारा मिल गया है. इस तार बांध परकोलेशन टैंक के बन जाने से ग्राम पंचायत खरवत के तीन वार्ड में रहने वाले लगभग एक दर्जन किसानों के लिए सिंचाई का साधन मिल गया है. अब केवल धान की खेती करने वाले किसान गेहूं सरसों और सब्जी-भाजी की खेती भी करने लगे हैं. साथ ही शिवपुर चरचा नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड नंबर 7 और 8 के रहवासी भी इसका लाभ ले रहे हैं.Drain changed lives of farmers in Koriya
नरेगा के तहत किया गया कार्य : इस बारे में जिला पंचायत सीईओ नम्रता जैन (District Panchayat CEO Namrata Jain) ने बताया कि गत वित्तीय वर्ष में ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के आधार पर ग्राम पंचायत खरवत (Gram Panchayat Kharwat) के तार बांध में एक विलुप्त होते नाले का पानी रोकने के लिए परकोलेशन टैंक का कार्य महात्मा गांधी नरेगा के तहत स्वीकृत किया गया था. 11 लाख 28 हजार की लागत से स्वीकृत इस कार्य में पुराने नाले का सुधार कार्य करते हुए बारिश के पूरे पानी को एक टैंक के रूप में सुरक्षित करने का कार्य मनरेगा से कराया गया. Koriya latest news
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मजदूरों को मिला स्थानीय रोजगार : तारबांध में मनरेगा से निर्मित इस परकोलेशन टैंक के निर्माण से ग्राम पंचायत के रहवासियों को पांच हजार से ज्यादा मानव दिवस का रोजगार प्राप्त हुआ. साथ ही उन्हे 9 लाख 95 हजार रूपए मजदूरी की राशि भी सीधे खाते में प्राप्त हुई. इस टैंक का निर्माण कार्य तकनीकी सहायक होरीलाल की देखरेख में पूरा कराया गया जिसकी लंबाई 100 मीटर तथा चैड़ाई लगभग 80 मीटर है.लगभग डेढ़ मीटर गहरे खोदे गए इस परकोलेशन टैंक के बन जाने के बाद आसपास के किसान अब धान की फसल के साथ दूसरी फसल भी ले रहे हैं.