कोरिया: वास्तविक दुर्घटनाओं से बचने के लिए मनेंद्रगढ़ रेलवे स्टेशन के पास रेल विभाग, छत्तीसगढ़ शासन, एसईसीएल (SECL) और एनडीआरएफ (NDRF) ने संयुक्त रूप से मॉकड्रील किया. रेलवे के मॉकड्रील देखने के लिए आसपास काफी भीड़ जमा हो गई थी. मॉकड्रील के दौरान मौजूद लोगों ने नजदीक से यह देखा कि रेलवे में दुर्घटना के बाद बचाव के लिए किस तरह से रेस्क्यू टीम काम करती है और लोगों की जान बचाती है.
मॉकड्रील में सबसे पहले आरपीएफ (RPF) के प्रशिक्षित जवानों ने संयुक्त रूप से पाए गए बम को डिफ्यूज किया. टीम ने बताया कि अगर रेलवे की बोगी या स्टेशन परिसर में संदिग्ध रूप से बम या कोई अन्य विस्फोटक सामग्री पाई जाती है, तो उसे लोगों को बचाने के लिए कैसे डिस्कनेक्ट किया जाता है.
एनडीआरएफ और आरपीएफ की टीम रही मौजूद
ओडिशा के कटक से आए एनडीआरएफ (NDRF) के दल ने तत्परता दिखाते हुए केवल 50 सेकंड में रेस्क्यू कर रेल डिब्बों में फंसे लोगों को बाहर निकालकर लोगों की जान बचाई. एनडीआरएफ की टीम के साथ एसईसीएल और आरपीएफ समेत रेलवे की रेस्क्यू टीम ने रेलवे डिब्बे को ड्रील या कटर से काटकर, कांच तोड़कर, डिब्बे में फंसे लोगों को निकालने में मदद की. रेस्क्यू के दौरान लोगों की जान किस तरह से बजाई जाती है रेलवे के मॉकड्रिल में पूरी तरह से दिखाया गया. मॉकड्रील के दौरान किए जा रहे रेस्क्यू को लोगों ने नजदीक से देखा.
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वास्तिवक घटना से बचाव के लिए किया गया मॉकड्रील
बिलासपुर रेल मंडल के सहायक रेल मंडल प्रबंधक ने मॉकड्रील के बाद पत्रकारों से चर्चा की. उन्होंने बताया कि वास्तविक दुर्घटनाओं में फेल न हो जाए इसके लिए यह मॉकड्रील किया गया है. जो दुर्घटनाओं में बचाव की तैयारी करने का एक हिस्सा है. एडीआरएम ने पत्रकारों को बताया कि रेलवे प्रबंधन की ओर से हर 3 महीने में इस तरह का मॉकड्रील किया जाता है.