कोरिया: जिले के भरतपुर में नेरुआ पंचायत सचिव आत्महत्या मामले में जब से सुसाइड नोट पर जनपद के दो अधिकारियों के साथ एक दिग्गज कांग्रेसी नेता का नाम सामने आया (koriya bharatpur panchayat secretary suicide case) है, तब से विपक्षी सियासी दल लगातार इस मामले को लेकर बेहद आक्रमक रुख अपना रहा है. हर छोटी-बड़ी पार्टियां, पीड़ित परिवार तक अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही है.
कांग्रेस कर रही बचाव
सत्ताधारी पार्टी अपने नेता के नाम आने पर बचाव की रणनीति बना रही है. भरतपुर तहसील के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अरुण सोनकर ने मृतक सचिव छत्रपाल सिंह के घर ग्राम च्यूल में पहुंचकर उनके परिजनों को नगद 25000 और छत्रपाल सिंह के बेटे के खाते में 25000 रुपये विभाग की तरफ से जमा कराए हैं.
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तुरंत दी गई मृतक के बेटे को नौकरी
साथ ही मृतक छत्रपाल सिंह के बेटे को अनुकंपा नियुक्ति पर तत्काल नौकरी दी गई. आखिर ऐसा क्या कारण था कि प्रशासन ने इतनी जल्दी मृतक के पुत्र को नौकरी देने का काम किया है. ये जैसी घटना है इससे साफ जाहिर होता है कि कहीं ना कहीं कोई ऐसा कारण तो है.
बेटे ने की तत्काल कार्रवाई की मांग
इस विषय में मृतक सचिव के बेटे से बात की गई, तो उसका कहना है कि मेरे पिताजी के जेब से जो सुसाइड नोट मिला है, उस पर अब तक मामला दर्ज नहीं किया गया है. जो तथ्य पहले सामने आए हैं उसको लेकर कार्रवाई होनी चाहिए और तत्काल दोषियों को जेल भेजा जाना चाहिए.
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सुसाइड नोट के आधार पर तत्काल हो कार्रवाई
इस मामले में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के ब्लॉक अध्यक्ष सुकलाल सिंह मरावी का कहना है कि जो भी घटना घटी है मृतक सचिव के साथ और उसके पैकेट से जो सुसाइड नोट मिला है. उस पर प्रशासन तत्काल कार्रवाई करे. दोषियों के ऊपर जल्द से जल्द एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा जाए. अगर ऐसा प्रशासन नहीं करता है तो सात दिनों के भीतर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी सभी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर शासकीय कार्यालयों का घेराव के साथ चक्का जाम कर आंदोलन करेगा.