कोरिया: सोनहत ब्लॉक में बने स्वास्थ्य अधिकारियों के आवासों पर सालों से अफसरों ने अवैध कब्जा जमा रखा है. दबंग अफसरों पर आरोप है कि उनका तबादला कहीं और हो गया है लेकिन वो यहां के मकान पर काबिज हैं. अफसरों को कई बार मकान खाली करने के लिए कहा गया, बावजूद इसके अफसरों ने मकान नहीं छोड़ा. अफसरों से मकान खाली कराने के लिए अब एक फरियादी ने एसडीएम से शिकायत दर्ज कराई है.
दबंग अफसरों के खिलाफ एसडीएम से शिकायत: स्वास्थ्य विभाग के मकानों दबंग अफसरों के कब्जे की शिकायत फरियादी ने एसडीएम से की है. फरियादी का कहना है कि कई अफसर तो ऐसे हैं जिन्होने एक साथ तीन तीन मकानों पर कब्जा जमा रखा है. कई अफसर ऐसे भी हैं जो यहां से तो चले गए हैं लेकिन कई मकानों की चाबी उनके पास ही है. सबसे बड़ी दिक्कत उन अफसरों को आ रही है जो यहां तबादला होकर आए हैं. मकान पर कब्जा और ताला लगा होने के चलते आए अफसरों और कर्मचारियों को किराए के मकान में रहना पड़ रहा है. एसडीएम ने फरियादी से शिकायत मिलने के बाद कब्जा करने वाले अफसरों और कर्मचारियों को मकान खाली करने का 7 दिन का अल्टीमेट दिया है.
''सोनहत एसडीम से मामले की शिकायत की गई है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकांश कर्मचारियों ने दो से तीन आवासों पर कब्जा जमा रखा है. ग्रामीण चिकित्सा अधिकारी रजनीश शुक्ला ट्रांसिट हॉस्टल में निवासरत हैं. लेकिन रामगढ़ में पंचायत विभाग का शासकीय आवास और स्वास्थ्य विभाग का शासकीय आवास अपने कब्जे में रखा है. स्वास्थ्य केंद्र सोनहत में आईसीटीसी काउंसलर के पद पर पदस्थ अंजू लता ब्लॉक कॉलोनी में शासकीय आवास में अवैध रूप से रह रही हैं. ग्रामीण चिकित्सा अधिकारी ओम प्रकाश यादव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बुडार में पदस्थ हैं. बावजूद इसके सोनहत के शासकीय आवास में रह रहे हैं. सोनहत में ग्रामीण चिकित्सा अधिकारी रजनीश शुक्ला ने एक साथ तीन शासकीय आवास को अपने कब्जे में रखा है.'' - प्रफुल्ल पांडे, शिकायतर्ता
नियम क्या कहता है ?: नियम ये कहता है कि जब अफसर या कर्मचारी का तबादला कहीं और हो जाए तो उसे मकान खाली कर देना है. मकान खाली करने के लिए कर्मचारियों और अफसरों को अलग अलग तय समय सीमा दी जाती है. किसी कारण अगर तय समय पर सरकारी मकान खाली नहीं किया जाता है तो उसकी सूचना अफसरों को देनी होती है. मकान खाली करने के नियमों को अगर कोई तोड़ता है तो उसपर विभागीय कार्रवाई हो सकती है. नियम तोड़ने और जबरन मकान पर कब्जा करने पर संबंधित अफसर या कर्मचारी से पैसों की भी वसूली की जा सकती है.