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एमसीबी जिले का जनकपुर बना असुविधाओं का गढ़, नालियां जाम, स्ट्रीट लाइटें भी बंद, जिम्मेदार मौन

mismanagement of administration मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर का जनकपुर गांव असुविधाओं से पटा पड़ा है. यहां के निवासियों को मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझना पड़ रहा है. स्ट्रीट लाइटें सालों से बन्द पड़ी है, नालियां भी जाम हैं, जगह जगह कचरे का अंबार लगा हुआ है. जिससे बदबू आती रहती है. बीमारियों का खतरा भी बना हुआ है. रहवासी लगातार हो रही असुविधाओं को लेकर कई बार शिकायत कर चुके हैं. लेकिन जिम्मेदार अफसरों ने इस पर कोई भी कारवाई नहीं की.

Not even basic facilities in Janakpur of MCB district
एमसीबी जिले के जनकपुर में मूलभूत सुविधाएं तक नहीं
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Published : Dec 10, 2022, 5:27 PM IST

एमसीबी: mismanagement of administration एमसीबी जिले के गांव जनकपुर में समस्याओं का अम्बार लगा हुआ है. यहां के रहवासियों कों मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं. यहां पेयजल सप्लाई का पाइप क्षतिग्रस्त है, डेढ़ दर्जन खंभों का स्ट्रीट लाइट एक वर्ष से बंद है, बस्ती के चौक चौराहों में जगह जगह कचरे का ढेर लगा हुआ है. इस तरह की कई और समस्याएं यहां लगातार बनी हुई हैं. जिनका स्थाई समाधान ना होने से यहां के नागरिक बेहद परेशान हैं.

पेयजल सप्लाई की पाइपें फूटी: बस्ती के मुख्य सड़क सहित अंदरूनी मुहल्ले में कई जगहों पर पिछले कई दिनों से पेयजल सप्लाई की पाइपें टूटी फूटी हैं. जिससे सप्लाई के समय काफी मात्रा में पानी सड़क पर बहकर बर्बाद हो जाता है. जिस कारण एक ओर घरों में पानी कम पहुंच रहा है. वहीं दूसरी ओर सड़क पर पानी बहने से कीचड़ हो जाता है. जिससे राहगीरों को आवाजाही में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. हालांकि जनकपुर वासियों के लिए यह कोई नई समस्या नहीं है. यहां वर्षों से यही स्थिति बनी हुई है. क्योंकि जनकपुर बस्ती के भीतर कई जगहों में करीब 40 वर्ष पूर्व पीएचई विभाग द्वारा बिछाई गयी पुरानी पाइपों से पंचायत द्वारा आज भी पेयजल की सप्लाई की जा रही है. जिन्हें आज तक बदला नहीं गया है.



स्ट्रीट लाइटें सालों से बन्द: यही हाल एक वर्ष से बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटों का भी है. वनांचल विकासखंड मुख्यालय जनकपुर नगर को लगभग पांच साल पहले लाइट सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शासन/प्रशासन द्वारा बस्ती के मुख्य मार्गों के किनारे विद्युत खंभे लगाए थे. जिसके संचालन और रखरखाव का जिम्मा पंचायत को सौंपा गया था. स्ट्रीट लाइट की रोशनी से लोगों की आवाजाही में काफी सुविधा हो रही थी. लेकिन एक से डेढ़ वर्ष पूर्व लाइट मे गड़बड़ी आ जाने से बंद हो गई. स्ट्रीट लाइटों का सुधार पंचायत द्वारा नहीं कराए जाने से फॉरेस्ट कॉलोनी से लेकर अटल चौक तक की लगभग डेढ़ दर्जन से ज्यादा खंभों की लाइटें अब तक बंद पड़ी हैं.

यह भी पढ़ें: कोरिया में कोल इंडिया के श्रमिक संगठनो का प्रदर्शन, वेतन समझौते को लागु करने की मांग



सफाई व्यवस्था भी पस्त: जनकपुर बस्ती के मुख्य सड़कों के किनारे, बस स्टैंड के नजदीक, साप्ताहिक बाजार स्थल, पंचायत भवन के नजदीक जैसे कई स्थानों में आज भी सफाई व्यवस्था अपर्याप्त है. इन जगहों से पंचायत द्वारा नियुक्त सफाई कर्मी कभी कभार ही सफाई कर कचरा उठता हैं. इन जगहों पर लगभग हर समय कचरों का ढेर लगा हुआ देखा जा सकता है. इसी तरह बस्ती मे कई जगह गंदे पानी के निकासी के लिए नाली बनाई गई है. लेकिन नाली की नियमित साफ सफाई नहीं होने से नाली कचरे से पटी पड़ी रहती है. जिससे उठने वाली दुर्गंध और बजबजाती नालियों में पनपने वाले मच्छरों के काटने से होने वाली मलेरिया और डेंगू जैसी गंभीर बीमारियों से नगरवासी परेशान हैं.

एमसीबी: mismanagement of administration एमसीबी जिले के गांव जनकपुर में समस्याओं का अम्बार लगा हुआ है. यहां के रहवासियों कों मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं. यहां पेयजल सप्लाई का पाइप क्षतिग्रस्त है, डेढ़ दर्जन खंभों का स्ट्रीट लाइट एक वर्ष से बंद है, बस्ती के चौक चौराहों में जगह जगह कचरे का ढेर लगा हुआ है. इस तरह की कई और समस्याएं यहां लगातार बनी हुई हैं. जिनका स्थाई समाधान ना होने से यहां के नागरिक बेहद परेशान हैं.

पेयजल सप्लाई की पाइपें फूटी: बस्ती के मुख्य सड़क सहित अंदरूनी मुहल्ले में कई जगहों पर पिछले कई दिनों से पेयजल सप्लाई की पाइपें टूटी फूटी हैं. जिससे सप्लाई के समय काफी मात्रा में पानी सड़क पर बहकर बर्बाद हो जाता है. जिस कारण एक ओर घरों में पानी कम पहुंच रहा है. वहीं दूसरी ओर सड़क पर पानी बहने से कीचड़ हो जाता है. जिससे राहगीरों को आवाजाही में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. हालांकि जनकपुर वासियों के लिए यह कोई नई समस्या नहीं है. यहां वर्षों से यही स्थिति बनी हुई है. क्योंकि जनकपुर बस्ती के भीतर कई जगहों में करीब 40 वर्ष पूर्व पीएचई विभाग द्वारा बिछाई गयी पुरानी पाइपों से पंचायत द्वारा आज भी पेयजल की सप्लाई की जा रही है. जिन्हें आज तक बदला नहीं गया है.



स्ट्रीट लाइटें सालों से बन्द: यही हाल एक वर्ष से बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटों का भी है. वनांचल विकासखंड मुख्यालय जनकपुर नगर को लगभग पांच साल पहले लाइट सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शासन/प्रशासन द्वारा बस्ती के मुख्य मार्गों के किनारे विद्युत खंभे लगाए थे. जिसके संचालन और रखरखाव का जिम्मा पंचायत को सौंपा गया था. स्ट्रीट लाइट की रोशनी से लोगों की आवाजाही में काफी सुविधा हो रही थी. लेकिन एक से डेढ़ वर्ष पूर्व लाइट मे गड़बड़ी आ जाने से बंद हो गई. स्ट्रीट लाइटों का सुधार पंचायत द्वारा नहीं कराए जाने से फॉरेस्ट कॉलोनी से लेकर अटल चौक तक की लगभग डेढ़ दर्जन से ज्यादा खंभों की लाइटें अब तक बंद पड़ी हैं.

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सफाई व्यवस्था भी पस्त: जनकपुर बस्ती के मुख्य सड़कों के किनारे, बस स्टैंड के नजदीक, साप्ताहिक बाजार स्थल, पंचायत भवन के नजदीक जैसे कई स्थानों में आज भी सफाई व्यवस्था अपर्याप्त है. इन जगहों से पंचायत द्वारा नियुक्त सफाई कर्मी कभी कभार ही सफाई कर कचरा उठता हैं. इन जगहों पर लगभग हर समय कचरों का ढेर लगा हुआ देखा जा सकता है. इसी तरह बस्ती मे कई जगह गंदे पानी के निकासी के लिए नाली बनाई गई है. लेकिन नाली की नियमित साफ सफाई नहीं होने से नाली कचरे से पटी पड़ी रहती है. जिससे उठने वाली दुर्गंध और बजबजाती नालियों में पनपने वाले मच्छरों के काटने से होने वाली मलेरिया और डेंगू जैसी गंभीर बीमारियों से नगरवासी परेशान हैं.

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