ETV Bharat / state

MCB NEWS : जनकपुर सरकारी अस्पताल में अव्यवस्थाएं, मौतों के बाद परिजनों का आरोप

सरकारी अस्पताल को जीवनदायिनी अस्पताल का दर्जा दिया जाता है, जहां आदमी बीमार होने पर रोगी अपना उपचार कराने आता है. लेकिन एमसीबी जिला में एक ऐसा अस्पताल है जहां मरीज तो आते हैं अपना इलाज कराने, लेकिन वापसी में उनके परिजन मरीज का शव अपने कंधों पर लेकर जाते हैं. ये आरोप लगे हैं भरतपुर विधानसभा के शासकीय अस्पताल पर. जनकपुर के 100 बिस्तर वाले सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आए दिन कई मरीज ठीक होने की आस में भर्ती होते हैं. लेकिन औसतन मरीजों की मौत हो जा रही है.

MCB NEWS
जनकपुर सरकारी अस्पताल में अव्यवस्थाएं
author img

By

Published : Feb 25, 2023, 4:28 PM IST

एमसीबी : छत्तीसगढ़ सरकार स्वास्थ्य विभाग को लेकर बड़े-बड़े वादा कर रही है. सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल खोले जा रहे हैं. जहां सर्जरी से लेकर बड़े-बड़े इलाज किए जा रहे हैं. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों मे वास्तविकता धरातल पर कुछ और ही देखने को मिल रही है. ऐसा ही मामला एमसीबी जिला के जनकपुर भरतपुर विधानसभा के 100 बिस्तर वाले हॉस्पिटल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिल रही है. यहां आए दिन किसी न किसी मरीज को लेकर हंगामा होते रहता है. डॉक्टर के रहने पर भी मरीजों को रेफर कर दिया जाता है या फिर मरीज तक डॉक्टर उस समय तक नहीं पहुंच पाते हैं. जब तक मरीज की सांसे थम ना जाए.



मरीजों के परिजनों ने बताई आपबीती : ऐसे ही घटना का सामना कर चुके मृतक के परिजन राजेश सिंह का कहना है कि ''जब हम मरीज को लेकर आए, तब डॉक्टर को सूचना देने पर डॉक्टर करीब 30 मिनट के बाद मरीज को देखने आया, तब तक मरीज की मृत्यु हो चुकी थी.''

नूर अफजल का कहना है कि '' मरीज डॉक्टर डॉक्टर चिल्लाता रहता है और डॉक्टर जब मरीज की सांस थम जाती है, तब आकर देख कर मरीज को मृत घोषित करते हैं." एक ने बताया कि ''आप मरीज लेकर आओ और यहां मृत बनाकर लेकर जाओ. इस तरह की घटना इस अस्पताल में कई बार घट चुकी है. लेकिन देखने वाला नहीं सुनने वाला कोई नहीं है.''


स्थानीय निवासी निलेश कुमार मिश्रा का कहना है कि ''हमारे समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति बढ़े ही गंभीर हो चुकी है. अभी कुछ दिनों पहले ही इस क्षेत्र के वन विभाग अधिकारी की हार्टअटैक से मृत्यु हो गई. क्योंकि वहां पर समय पर कोई भी डॉक्टर उपलब्ध नहीं था. आज फिर एक मृत्यु हुई है. आज हमारे भगवानपुर के एक गणमान्य नागरिक का देहांत हुआ है. मौके पर वहां पर कोई भी चिकित्सक उपलब्ध नहीं थे. हम लोग जनकपुर निवासी कब तक ऐसी गंभीर विडंबना का सामना करते रहेंगे. वहां पर और अगर हम यहां के प्रबंधन के बारे में कोई बोलते भी हैं तो जनप्रतिनिधि एवं प्रबंधन की बचाव में लग जाते हैं.''

ये भी पढ़ें- एमसीबी जिले में शासकीय स्कूल का हाल बदहाल

सीएमएचओ ने डॉक्टरों का किया बचाव : जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि "मरीज को जब लाया गया था तो उसकी मृत्यु हो चुकी थी. हमने वहां के प्रभारी से बात किया है. उनका कहना है कि वहां डॉक्टरों की कमी है. डॉक्टर वहां हमेशा ड्यूटी पर रहते हैं.वहां अस्पताल में केवल 2 डॉक्टर हैं. जो मरीज आया था उसे हार्ट अटैक हुआ था. अब जब लाया गया था उसकी मृत्यु हो चुकी थी. डॉक्टर से पूछे जाने पर डॉक्टर का यही कहना है कि मरीज की मृत्यु हुई है कि नहीं हुई है इसको कौन बताएगा डॉक्टर बताएगा या मरीज के परिजन बताएंगे. हमको जो प्रभारी ने बताया कि जब मरीज पहुंचा था उसकी मृत्यु हो चुकी थी.''

एमसीबी : छत्तीसगढ़ सरकार स्वास्थ्य विभाग को लेकर बड़े-बड़े वादा कर रही है. सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल खोले जा रहे हैं. जहां सर्जरी से लेकर बड़े-बड़े इलाज किए जा रहे हैं. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों मे वास्तविकता धरातल पर कुछ और ही देखने को मिल रही है. ऐसा ही मामला एमसीबी जिला के जनकपुर भरतपुर विधानसभा के 100 बिस्तर वाले हॉस्पिटल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिल रही है. यहां आए दिन किसी न किसी मरीज को लेकर हंगामा होते रहता है. डॉक्टर के रहने पर भी मरीजों को रेफर कर दिया जाता है या फिर मरीज तक डॉक्टर उस समय तक नहीं पहुंच पाते हैं. जब तक मरीज की सांसे थम ना जाए.



मरीजों के परिजनों ने बताई आपबीती : ऐसे ही घटना का सामना कर चुके मृतक के परिजन राजेश सिंह का कहना है कि ''जब हम मरीज को लेकर आए, तब डॉक्टर को सूचना देने पर डॉक्टर करीब 30 मिनट के बाद मरीज को देखने आया, तब तक मरीज की मृत्यु हो चुकी थी.''

नूर अफजल का कहना है कि '' मरीज डॉक्टर डॉक्टर चिल्लाता रहता है और डॉक्टर जब मरीज की सांस थम जाती है, तब आकर देख कर मरीज को मृत घोषित करते हैं." एक ने बताया कि ''आप मरीज लेकर आओ और यहां मृत बनाकर लेकर जाओ. इस तरह की घटना इस अस्पताल में कई बार घट चुकी है. लेकिन देखने वाला नहीं सुनने वाला कोई नहीं है.''


स्थानीय निवासी निलेश कुमार मिश्रा का कहना है कि ''हमारे समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति बढ़े ही गंभीर हो चुकी है. अभी कुछ दिनों पहले ही इस क्षेत्र के वन विभाग अधिकारी की हार्टअटैक से मृत्यु हो गई. क्योंकि वहां पर समय पर कोई भी डॉक्टर उपलब्ध नहीं था. आज फिर एक मृत्यु हुई है. आज हमारे भगवानपुर के एक गणमान्य नागरिक का देहांत हुआ है. मौके पर वहां पर कोई भी चिकित्सक उपलब्ध नहीं थे. हम लोग जनकपुर निवासी कब तक ऐसी गंभीर विडंबना का सामना करते रहेंगे. वहां पर और अगर हम यहां के प्रबंधन के बारे में कोई बोलते भी हैं तो जनप्रतिनिधि एवं प्रबंधन की बचाव में लग जाते हैं.''

ये भी पढ़ें- एमसीबी जिले में शासकीय स्कूल का हाल बदहाल

सीएमएचओ ने डॉक्टरों का किया बचाव : जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि "मरीज को जब लाया गया था तो उसकी मृत्यु हो चुकी थी. हमने वहां के प्रभारी से बात किया है. उनका कहना है कि वहां डॉक्टरों की कमी है. डॉक्टर वहां हमेशा ड्यूटी पर रहते हैं.वहां अस्पताल में केवल 2 डॉक्टर हैं. जो मरीज आया था उसे हार्ट अटैक हुआ था. अब जब लाया गया था उसकी मृत्यु हो चुकी थी. डॉक्टर से पूछे जाने पर डॉक्टर का यही कहना है कि मरीज की मृत्यु हुई है कि नहीं हुई है इसको कौन बताएगा डॉक्टर बताएगा या मरीज के परिजन बताएंगे. हमको जो प्रभारी ने बताया कि जब मरीज पहुंचा था उसकी मृत्यु हो चुकी थी.''

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.