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जनकपुर रेंज में रह रहे हैं तो घर का दरवाजा बंद करना मत भूलिए, हो सकती है अनहोनी

Two killed in elephant attack in Janakpur: कोरिया के जनकपुर में हाथी के हमले में बाप-बेटी की मौत हो गई. घटना के बाद लोगों की भीड़ जमा हो गई. लोगों ने आग जलाकर हाथियों को भगाने का काम किया. बेलगांव इलाके में ग्रामीणों में जबरदस्त दहशत है.

हाथियों का तांडव
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Published : May 22, 2022, 10:10 AM IST

Updated : May 22, 2022, 11:53 AM IST

कोरिया: छत्तीसगढ़ में हाथियों का आतंक थम नहीं रहा है. मनेंद्रगढ़ वनमंडल के जनकपुर रेंज में शनिवार रात हाथियों के दल ने जमकर उत्पात मचाया. हाथियों ने घर में घुसकर सो रहे पिता और मासूम बेटी को कुचलकर मार डाला. मृतक की पत्नी ने मौके से भागकर अपनी जान बचाई . हाथियों के हमले से बेलगांव इलाके में ग्रामीणों में जबरदस्त दहशत है. बताया जा रहा है कि जनकपुर रेंज में मध्यप्रदेश से वापस लौटे 10 हाथियों के दल ने उत्पात मचाया. गांव में एक साथ पिता-पुत्री की मौत से गांव में माहौल गमगीन है. लोगों में हाथियों को लेकर दहशत बढ़ गई है. घटना 21 मई देर रात की बताई जा रही है. (Two killed in elephant attack in Janakpur )

हाथी ने ली दो की जान

यह भी पढ़ें: मानव बन गया जानवर तो हाथी भी नहीं रहे साथी, कैसे रुकेगा संघर्ष?

हाथी के हमले में बाप-बेटी की मौत: बेलगांव में अपने नए बन रहे कच्चे मकान में गुलाब सिंह नामक व्यक्ति अपनी पत्नी और बेटी के साथ घर के अंदर सो रहा था. उसी दौरान एक हाथी वहां पहुंचा. घर में दरवाजा नहीं लगा था. आहट मिलने पर पति-पत्नी की नींद खुली. कुछ दूर से हाथी को देखकर पत्नी तो किसी तरह जान बचाकर भाग गई. लेकिन गुलाब अपनी छह साल की बेटी रुपा को लेकर नहीं भाग सका. दीवार पर चढ़ने की कोशिश उसने जरूर की लेकिन हाथी ने दोनों को खींच लिया. बाद में दल के बाकी हाथी भी वहां पहुंच गए.

हाथियों के कुचलने से गुलाब और उसकी बेटी की मौके पर मौत हो गई. हाथियों के दल ने मकान को तोड़ दिया. आग जलाकर किसी तरह हाथियों को भगाया गया. मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई. वन अमला घटना के कई घंटे बीत जाने के बाद भी मौके पर नहीं पहुंचा था, जिसे लेकर ग्रामीणों में नाराजगी देखी गई. हाथियों का यह दल शनिवार को ही एमपी से इस इलाके में पहुंचा है.

ग्रामीण क्षेत्र में हाथियों के दल दे रहे दस्तक: हाथियों का दल पिछले कुछ सालों से ग्रामीण क्षेत्रों में दस्तक दे रहा है. किसानों की बरसात की फसल तैयार होते ही हाथी इस क्षेत्र में आ धमकते है. वहीं जानकारों का कहना है हाथी ग्रामीण इलाकों में पहुंच रहे हैं. बीते साल भी हाथियों के झुंड ने जनकपुर में कई घर तोड़े और फसलों का नुकसान पहुंचाया. फिलहाल हाथियों के चलते ग्रामीणों में दहशत का माहौल हैं.

घने जंगल जहां आते है हाथी: दरअसल, छत्तीसगढ़ के उत्तर में घने जंगल हैं, जिसमें सरगुजा, कोरबा, रायगढ़, जशपुर और कोरिया शामिल हैं यहां पहले भी हाथी के हमले की कई घटनाएं देखी गई है. इन हमलों में अक्सर लोगों के घायल होने और मौत की खबरें आती हैं.

कोरिया: छत्तीसगढ़ में हाथियों का आतंक थम नहीं रहा है. मनेंद्रगढ़ वनमंडल के जनकपुर रेंज में शनिवार रात हाथियों के दल ने जमकर उत्पात मचाया. हाथियों ने घर में घुसकर सो रहे पिता और मासूम बेटी को कुचलकर मार डाला. मृतक की पत्नी ने मौके से भागकर अपनी जान बचाई . हाथियों के हमले से बेलगांव इलाके में ग्रामीणों में जबरदस्त दहशत है. बताया जा रहा है कि जनकपुर रेंज में मध्यप्रदेश से वापस लौटे 10 हाथियों के दल ने उत्पात मचाया. गांव में एक साथ पिता-पुत्री की मौत से गांव में माहौल गमगीन है. लोगों में हाथियों को लेकर दहशत बढ़ गई है. घटना 21 मई देर रात की बताई जा रही है. (Two killed in elephant attack in Janakpur )

हाथी ने ली दो की जान

यह भी पढ़ें: मानव बन गया जानवर तो हाथी भी नहीं रहे साथी, कैसे रुकेगा संघर्ष?

हाथी के हमले में बाप-बेटी की मौत: बेलगांव में अपने नए बन रहे कच्चे मकान में गुलाब सिंह नामक व्यक्ति अपनी पत्नी और बेटी के साथ घर के अंदर सो रहा था. उसी दौरान एक हाथी वहां पहुंचा. घर में दरवाजा नहीं लगा था. आहट मिलने पर पति-पत्नी की नींद खुली. कुछ दूर से हाथी को देखकर पत्नी तो किसी तरह जान बचाकर भाग गई. लेकिन गुलाब अपनी छह साल की बेटी रुपा को लेकर नहीं भाग सका. दीवार पर चढ़ने की कोशिश उसने जरूर की लेकिन हाथी ने दोनों को खींच लिया. बाद में दल के बाकी हाथी भी वहां पहुंच गए.

हाथियों के कुचलने से गुलाब और उसकी बेटी की मौके पर मौत हो गई. हाथियों के दल ने मकान को तोड़ दिया. आग जलाकर किसी तरह हाथियों को भगाया गया. मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई. वन अमला घटना के कई घंटे बीत जाने के बाद भी मौके पर नहीं पहुंचा था, जिसे लेकर ग्रामीणों में नाराजगी देखी गई. हाथियों का यह दल शनिवार को ही एमपी से इस इलाके में पहुंचा है.

ग्रामीण क्षेत्र में हाथियों के दल दे रहे दस्तक: हाथियों का दल पिछले कुछ सालों से ग्रामीण क्षेत्रों में दस्तक दे रहा है. किसानों की बरसात की फसल तैयार होते ही हाथी इस क्षेत्र में आ धमकते है. वहीं जानकारों का कहना है हाथी ग्रामीण इलाकों में पहुंच रहे हैं. बीते साल भी हाथियों के झुंड ने जनकपुर में कई घर तोड़े और फसलों का नुकसान पहुंचाया. फिलहाल हाथियों के चलते ग्रामीणों में दहशत का माहौल हैं.

घने जंगल जहां आते है हाथी: दरअसल, छत्तीसगढ़ के उत्तर में घने जंगल हैं, जिसमें सरगुजा, कोरबा, रायगढ़, जशपुर और कोरिया शामिल हैं यहां पहले भी हाथी के हमले की कई घटनाएं देखी गई है. इन हमलों में अक्सर लोगों के घायल होने और मौत की खबरें आती हैं.

Last Updated : May 22, 2022, 11:53 AM IST
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