मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : छ्त्तीसगढ़ जीरो पावर कट राज्य में शुमार है. बावजूद इसके आज भी कई इलाके ऐसे हैं जहां पर बिजली की आंख मिचौली जारी है. भरतपुर विकासखंड में अघोषित बिजली कटौती से गांव की जनता परेशान है. दिन में कई घंटे बिजली नदारद रहती है.ग्रामीण इलाकों में बिजली नहीं होने से खेती किसानी के काम ठप पड़ जाते हैं.वहीं जो लोग ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापार करते हैं उनके लिए दोहरी मुसीबत खड़ी हो जाती है.
विरासत में मिली बिजली की समस्या : भले ही भरतपुर ब्लॉक जिले में शामिल हो गया हो, लेकिन यहां की पुरानी समस्या अब भी दूर ना हो सकी है. छत्तीसगढ़ बनने के बाद भरतपुर क्षेत्र में आने वाले 84 गांव आज भी बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं. गर्मी के मौसम में बिजली तो एक दो घंटे के लिए आ जाती है.लेकिन बारिश में दो से तीन दिनों तक बिजली का अता पता नहीं रहता.
''गांव और आस-पास के गांव में बिजली ही नहीं आती है.दिन में एक दो घंटे मिल गया तो ठीक है. कटती रहती है. बिजली विभाग को फोन लगाते हैं. तो हमेशा स्वीच ऑफ रहता है. कोई जानकारी भी नहीं दिया जाता समस्या कहां से है." : राकेश सोनी ग्राम सतकियारी
''मोहल्ले में तीन दिन से लाइट बंद है. बरसात में सांप, बिच्छू का खतरा बना हुआ है, बिजली विभाग में फोन लगाओ तो स्वीच ऑफ रहता है. यदि लग भी गया तो फोन ही कोई नहीं उठाता है.: रानू बर्मन ,ग्रामीण
''मुख्य लाइन में कई दिनों से दिक्कत आ रही थी. उसको ठीक किया गया है. गांव में बरसात के समय कई जगह फॉल्ट की समस्या आ रही है. जिसको ठीक करने में समय लगता है.कुछ गांवों को छोड़कर बाकी जगह लाइन चालू किया गया है. जैसे जैसे फॉल्ट मिलते जाता है. उस लाइन को दुरुस्त कर लाइन चालू किया जा रहा है.'' एनपी सिंह,कार्यपालन अभियंता, सीएसईबी
बारिश में लाइन नहीं रहने से खतरा बढ़ जाता है : भरतपुर विकासखंड सघन वन क्षेत्र के अंतर्गत आता है. यहां सांप, बिच्छू समेत कई जंगली जानवरों का खतरा हमेशा रात में बना रहता है.वहीं बारिश के मौसम में बिजली नहीं होने से इलाके में स्नेक बाइट के केस बढ़ जाते हैं.