कोरिया: मनेंद्रगढ़ में रहने वाली एक गोल्ड मेडलिस्ट डॉक्टर रश्मि सोनकर इन दिनों महिलाओं के लिए आवाज उठा रही हैं. सरकारी नौकरी छोड़ रश्मि सोनकर महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार, हत्या, रेप जैसी घटनाओं पर अपनी आवाज बुलंद कर रही है. डॉक्टर रश्मि इसे रोकने के लिए बच्चियों और महिलाओं को सेल्फ डिफेंस के बारे में बता भी रही है. समाज सेवा और सामाजिक बुराइयां मिटाने के फैसले का अब रश्मि को सोशल नेटवर्किंग के माध्यम भारी समर्थन मिल रहा है.
स्कूली बालक-बालिकाओं से सीधा संवाद
मनेंद्रगढ़ में रहने वाली डॉ. रश्मि सोनकर शासकीय में होम्योपैथी कॉलेज रायपुर से 2013 में बीएचएमएस में गोल्ड मेडल ले चुकी हैं. इंटर्नशिप के बाद गरियाबंद में डॉ. रश्मि ने नौकरी भी ज्वाइन की थी. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के चिरायु विंग से जुड़कर वे स्कूली बालक-बालिकाओं से सीधा संवाद कर करीब से समस्याओं को जानने और उसके समाधान करने का प्रयास किया. डॉ. रश्मि महिलाओं से सीधे जुड़कर काउंसलिंग करने लगी, जिसका असर यह हुआ कि राजधानी रायपुर से समाज की महिलाएं खुद फोन कर उनसे परामर्श लेने लगी.
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4 लोगों की जिंदगी को खत्म होने से बचाया
डॉ रश्मि ने चार क्रिटिकल केस में काउंसलिंग कर जिंदगी को खत्म होने से बचाया है. सभी मानसिक रूप से परेशान थी और आत्महत्या करने की कोशिश कर रही थी. घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को कानूनी सलाह देकर आसान रास्ता भी दिखाया.
सोशल मीडिया के माध्यम से आवाज उठा रही हैं डॉ. रश्मि
सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर महिला सशक्तिकरण को लेकर समसामयिक घटना की कई वीडियो बनाकर डॉ रश्मि आवाज उठा रही हैं. समाजिक बैठकों में भी हिस्सा लेकर महिलाओं को जागरूक भी कर रही हैं. डॉ. रश्मि सोनकर समाज की ओर से रायपुर में संचालित स्कूलों में बच्चों को जागरूक करने का काम करती हैं. इसके अलावा कॉलोनी की महिलाओं के साथ बैठक कर जागरूक कर रही हैं. बालिकाओं को ऑनलाइन क्लासेज के बारे में जानकारी देती हैं. वह बलात्कार जैसी वारदातों को लेकर लड़कियों के बीच जागरूकता अभियान चला रही हैं.