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Compensation not received in Bharatpur: 415 किसानों से जमीन लेकर 13 साल पहले बना ली जनकपुर रोड, मुआवजा अब तक नहीं मिला

Janakpur to Kotadol Road भरतपुर में जनकपुर से कोटाडोल रोड बनाने में 400 से ज्यादा ग्रामीणों की जमीन ली गई थी. 2010 में सड़क तो बनकर तैयार हो गई लेकिन आज तक लोगों को उनकी जमीन का मुआवजा नहीं मिल पाया है. किसानों के मुताबिक मुआवजे के लिए पीडब्ल्यूडी ने तीन महीने का भरोसा दिलाया था, लेकिन 13 बाद भी कोई राशि नहीं मिल पाई है.

Janakpur to Kotadol Road
जनकपुर से कोटाडोल रोड
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Published : Mar 4, 2023, 2:46 PM IST

जनकपुर से कोटाडोल रोड

एमसीबी: जिला के जनकपुर में कोटाडोल सड़क का चौड़ीकारण 2010 में कराया गया था. सड़क चौड़ी करने के लिए 415 किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई थी. 13 साल बीत गए, लेकिन ग्रामीणों के हाथ अब तक फूटी कौड़ी भी नहीं आ पाई है. कई बार किसानों ने धरना प्रदर्शन किया, लेकिन हर बार आश्वासन ही मिला, मुआवजा नहीं. जब किसानों ने धरना प्रदर्शन करते हुए चक्काजाम किया था, तब पीडब्ल्यूडी की नींद टूटी. उसने किसानों को भरोसा दिया कि तीन महीने में मुआवजे की राशि मिल जाएगी. लेकिन ये वादा भी छलावा ही साबित हुआ.


फिर से सड़क पर उतरेंगे कोटाडोल के लोग: कुलदीप तिवारी ने बताया कि "हम लोग सभी जिले कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक आवेदन निवेदन कर चुके हैं. सभी को ज्ञापन सौंपकर, पत्र के माध्यम से, सामने उपस्थित होकर मांग किया कि कोटाडोल रोड का मुआवजा मिले, लेकिन आज तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है. आश्वासन तो अभी भी मिल रहा है. लेकिन अब हम किसान मिलकर फिर से रोड पर उतरेंगे."

बेमेतरा:रबी फसल की 102 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि जारी, किसानों को मिलेगी राहत

सीएम की घोषणा के बाद भी नहीं हो पाई पहल: किसान उमाशंकर सिंह ने कहा कि "हम लोगों ने चक्काजाम किया. इसके बाद अनिश्चित चक्काजाम किया, जिसके बाद गांव के ही कुछ कांग्रेसी नेता आए और चक्काजाम को बंद कराया. वे लोग बोले कि आप लोगों को मुआवजा दिलवाया जाएगा. फिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी कहा कि आप लोगों को मुआवजा दिया जाएगा. बहारासी में उन्होंने घोषणा भी की. इसके बाद आज तक हम लोगों के बारे में ना कोई अधिकारी और न ही किसी नेता ने बात की."

एस्टीमेट के साथ नहीं जोड़ी गई थी मुआवजे की राशि: इस मामले में विधायक प्रतिनिधि अंकुर प्रताप सिंह ने कहा कि "कोटाडोल रोड का मुआवजा नहीं दिया गया है, जिसकी मांग लगातार यहां के किसान भाई कर रहे थे. भूपेश सरकार किसानों की सरकार है. जैसे ही हम सत्ता में आए थे उन्होंने कहा भी था कि मुआवजा देंगे. उसके लिए लगातार काम किया जा रहा था. इसके पीछे समस्या आई थी कि एस्टीमेट के साथ मुआवजे की राशि को नहीं जोड़ा गया था. उसके लिए बजट में अलग से मुआवजे की राशि स्वीकृत कराई गई है."


बजट में जुड़ गया है मुआवजा, थोड़ा समय लगेगा: पीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ अधिकारी शरद सतपति का कहना है कि "मुआवजे का जो प्रकरण है, अभी बजट में जुड़ कर गया हुआ है. 340 लाख के मामले का मामला है. यह किसानों का बहुत पुराना मामला है, किसी कारण से नहीं बन पाया होगा. प्रशासनिक स्वीकृति मिलने पर इन किसानों को मुआवजा मिल पाएगा. अभी हम इससे जुड़े हुए हैं. इसमें अभी समय लगेगा."

जनकपुर से कोटाडोल रोड

एमसीबी: जिला के जनकपुर में कोटाडोल सड़क का चौड़ीकारण 2010 में कराया गया था. सड़क चौड़ी करने के लिए 415 किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई थी. 13 साल बीत गए, लेकिन ग्रामीणों के हाथ अब तक फूटी कौड़ी भी नहीं आ पाई है. कई बार किसानों ने धरना प्रदर्शन किया, लेकिन हर बार आश्वासन ही मिला, मुआवजा नहीं. जब किसानों ने धरना प्रदर्शन करते हुए चक्काजाम किया था, तब पीडब्ल्यूडी की नींद टूटी. उसने किसानों को भरोसा दिया कि तीन महीने में मुआवजे की राशि मिल जाएगी. लेकिन ये वादा भी छलावा ही साबित हुआ.


फिर से सड़क पर उतरेंगे कोटाडोल के लोग: कुलदीप तिवारी ने बताया कि "हम लोग सभी जिले कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक आवेदन निवेदन कर चुके हैं. सभी को ज्ञापन सौंपकर, पत्र के माध्यम से, सामने उपस्थित होकर मांग किया कि कोटाडोल रोड का मुआवजा मिले, लेकिन आज तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है. आश्वासन तो अभी भी मिल रहा है. लेकिन अब हम किसान मिलकर फिर से रोड पर उतरेंगे."

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सीएम की घोषणा के बाद भी नहीं हो पाई पहल: किसान उमाशंकर सिंह ने कहा कि "हम लोगों ने चक्काजाम किया. इसके बाद अनिश्चित चक्काजाम किया, जिसके बाद गांव के ही कुछ कांग्रेसी नेता आए और चक्काजाम को बंद कराया. वे लोग बोले कि आप लोगों को मुआवजा दिलवाया जाएगा. फिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी कहा कि आप लोगों को मुआवजा दिया जाएगा. बहारासी में उन्होंने घोषणा भी की. इसके बाद आज तक हम लोगों के बारे में ना कोई अधिकारी और न ही किसी नेता ने बात की."

एस्टीमेट के साथ नहीं जोड़ी गई थी मुआवजे की राशि: इस मामले में विधायक प्रतिनिधि अंकुर प्रताप सिंह ने कहा कि "कोटाडोल रोड का मुआवजा नहीं दिया गया है, जिसकी मांग लगातार यहां के किसान भाई कर रहे थे. भूपेश सरकार किसानों की सरकार है. जैसे ही हम सत्ता में आए थे उन्होंने कहा भी था कि मुआवजा देंगे. उसके लिए लगातार काम किया जा रहा था. इसके पीछे समस्या आई थी कि एस्टीमेट के साथ मुआवजे की राशि को नहीं जोड़ा गया था. उसके लिए बजट में अलग से मुआवजे की राशि स्वीकृत कराई गई है."


बजट में जुड़ गया है मुआवजा, थोड़ा समय लगेगा: पीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ अधिकारी शरद सतपति का कहना है कि "मुआवजे का जो प्रकरण है, अभी बजट में जुड़ कर गया हुआ है. 340 लाख के मामले का मामला है. यह किसानों का बहुत पुराना मामला है, किसी कारण से नहीं बन पाया होगा. प्रशासनिक स्वीकृति मिलने पर इन किसानों को मुआवजा मिल पाएगा. अभी हम इससे जुड़े हुए हैं. इसमें अभी समय लगेगा."

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