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कोरिया: महिलाओं ने लिखी सफलता की इबारत, 1 लाख में बिका 11 टन वर्मी खाद

कोरिया कलेक्टर एसएन राठौर और सीईओ जिला पंचायत तूलिका प्रजापति ने महिला स्व सहायता समूह को 93 हजार 500 रुपये की राशि का चेक दिया है. महिलाओं ने जिला प्रशासन के कुशल नेतृत्व में सफलता की नई इबारत लिखी है. स्व सहायता समूह की महिलाओं ने 11 टन वर्मी खाद वन विभाग को विक्रय किया है.

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महिलाओं ने लिखी सफलता की इबारत
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Published : Nov 6, 2020, 4:09 AM IST

कोरिया: जिला प्रशासन के कुशल नेतृत्व में सफलता की नई इबारत लिखी गई है. गोधन न्याय योजना ग्रामीण विकास में बेहद महत्वपूर्ण साबित हो रही है. इसका प्रमाण सोनहत के स्व सहायता समूह है, जिन्होंने कुल 11 टन वर्मी खाद वन विभाग को विक्रय किया है. इसके एवज में समूह को 93 हजार 500 रुपये की आमदनी हुई.

कलेक्टर एसएन राठौर और सीईओ जिला पंचायत तूलिका प्रजापति ने महिला स्व सहायता समूह को 93 हजार 500 रुपये की राशि का चेक दिया है. साथ ही कलेक्टर ने क्रांति महिला समूह की महिलाओं को चेक दिया है. साथ ही उन्हें शुभकामनाएं दी है. संकुल स्तरीय संगठन की महिलाओं में पुष्पा देवी और यशोदा साहू को चेक दिया गया है.

स्व सहायता समूहों ने 11 टन वर्मी खाद बनाया

सोनहत के संकुल कटगोड़ी में गोधन न्याय योजना के प्रथम चरण में गौठानों से स्व सहायता समूहों ने 11 टन वर्मी खाद बनाया है. साथ ही इसको वन विभाग को विक्रय किया गया है. इसके अलावा मनेन्द्रगढ़ से भी संतोषी स्व सहायता समूह ने रोझी गौठान से 15 क्विंटल खाद उत्पादन किया है, जिसके भुगतान के रूप में कुल 12 हजार 400 रुपये की राशि दी गई है.

Collector SN Rathore gave check of 1 lakh to women selling vermicompost in koriya
स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने लिखी सफलता की इबारत

कोरिया: धनपुर इलाके में पहुंचा 45 हाथियों का दल, फसलों और घरों को पहुंचाया नुकसान, दहशत में ग्रामीण

1 लाख 40 हजार 150 किलो ग्राम वर्मी खाद तैयार

गोधन न्याय योजना के तहत 135 गौठानों में गौ पालकों से दो रूपये प्रति किलो ग्राम की दर से गोबर क्रय किया जा रहा है. साथ ही बिहान योजना के तहत महिला स्व सहायता समूह वर्मी खाद का निर्माण कर रहे हैं. जिले में 135 गौठान हैं, जहां 102 गौठानों में वर्मी खाद बनाया जा रहा है. कुल 1 हजार 230 स्व सहायता समूह के सदस्यों ने 49 हजार 185 किलो ग्राम वर्मी खाद बनाया है, जिसमें से 34 हजार 385 किलो ग्राम वर्मी खाद का विक्रय किया गया है. 14 हजार 770 किलो ग्राम खाद अभी गौठानों में शेष है. विक्रय किए गए वर्मी खाद से अब तक कुल 3 लाख 710 रूपये प्राप्त किया जा चुका है. वहीं आगामी दिनों में 1 लाख 40 हजार 150 किलो ग्राम वर्मी खाद तैयार होने की संभावना है.

कोरिया: 8 साल पहले बनी थी टंकी, ग्रामीणों को नहीं मिला नल-जल योजना का लाभ

1 हजार 410 महिलाओं को रोजगार

बता दें कि गोधन न्याय योजना के तहत गौठान में गोबर खरीदी से न केवल गांव के गौ पालकों के लिए आय का जरिया बना है. वर्मी खाद के निर्माण कार्य से जुड़कर 135 स्व सहायता समूह की 1 हजार 410 महिलाओं ने भी आजीविका प्राप्त की है, जिसके तहत आगामी रबी के मौसम में फसल की तैयारी के लिए किसानों को गौठानों से शुध्द जैविक वर्मी खाद प्राप्त होगी, जिसे किसान सहकारी समितियों के माध्यम से प्राप्त कर सकेंगे.

कोरिया: जिला प्रशासन के कुशल नेतृत्व में सफलता की नई इबारत लिखी गई है. गोधन न्याय योजना ग्रामीण विकास में बेहद महत्वपूर्ण साबित हो रही है. इसका प्रमाण सोनहत के स्व सहायता समूह है, जिन्होंने कुल 11 टन वर्मी खाद वन विभाग को विक्रय किया है. इसके एवज में समूह को 93 हजार 500 रुपये की आमदनी हुई.

कलेक्टर एसएन राठौर और सीईओ जिला पंचायत तूलिका प्रजापति ने महिला स्व सहायता समूह को 93 हजार 500 रुपये की राशि का चेक दिया है. साथ ही कलेक्टर ने क्रांति महिला समूह की महिलाओं को चेक दिया है. साथ ही उन्हें शुभकामनाएं दी है. संकुल स्तरीय संगठन की महिलाओं में पुष्पा देवी और यशोदा साहू को चेक दिया गया है.

स्व सहायता समूहों ने 11 टन वर्मी खाद बनाया

सोनहत के संकुल कटगोड़ी में गोधन न्याय योजना के प्रथम चरण में गौठानों से स्व सहायता समूहों ने 11 टन वर्मी खाद बनाया है. साथ ही इसको वन विभाग को विक्रय किया गया है. इसके अलावा मनेन्द्रगढ़ से भी संतोषी स्व सहायता समूह ने रोझी गौठान से 15 क्विंटल खाद उत्पादन किया है, जिसके भुगतान के रूप में कुल 12 हजार 400 रुपये की राशि दी गई है.

Collector SN Rathore gave check of 1 lakh to women selling vermicompost in koriya
स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने लिखी सफलता की इबारत

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1 लाख 40 हजार 150 किलो ग्राम वर्मी खाद तैयार

गोधन न्याय योजना के तहत 135 गौठानों में गौ पालकों से दो रूपये प्रति किलो ग्राम की दर से गोबर क्रय किया जा रहा है. साथ ही बिहान योजना के तहत महिला स्व सहायता समूह वर्मी खाद का निर्माण कर रहे हैं. जिले में 135 गौठान हैं, जहां 102 गौठानों में वर्मी खाद बनाया जा रहा है. कुल 1 हजार 230 स्व सहायता समूह के सदस्यों ने 49 हजार 185 किलो ग्राम वर्मी खाद बनाया है, जिसमें से 34 हजार 385 किलो ग्राम वर्मी खाद का विक्रय किया गया है. 14 हजार 770 किलो ग्राम खाद अभी गौठानों में शेष है. विक्रय किए गए वर्मी खाद से अब तक कुल 3 लाख 710 रूपये प्राप्त किया जा चुका है. वहीं आगामी दिनों में 1 लाख 40 हजार 150 किलो ग्राम वर्मी खाद तैयार होने की संभावना है.

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1 हजार 410 महिलाओं को रोजगार

बता दें कि गोधन न्याय योजना के तहत गौठान में गोबर खरीदी से न केवल गांव के गौ पालकों के लिए आय का जरिया बना है. वर्मी खाद के निर्माण कार्य से जुड़कर 135 स्व सहायता समूह की 1 हजार 410 महिलाओं ने भी आजीविका प्राप्त की है, जिसके तहत आगामी रबी के मौसम में फसल की तैयारी के लिए किसानों को गौठानों से शुध्द जैविक वर्मी खाद प्राप्त होगी, जिसे किसान सहकारी समितियों के माध्यम से प्राप्त कर सकेंगे.

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