कोरिया : जिले के चिरमिरी नगर निगम की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई (Chirimiri health system collapses) है. बीते दिनों स्वास्थ्य विभाग में ट्रांसफर के कारण यहां काफी बदलाव हुए. चाइल्ड स्पेशलिस्ट की पत्नी जो कि इसी अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ थीं उन्होंने भी इस्तीफा दे दिया. इससे दो डॉक्टरों की जगह खाली हो (problem increased due to the transfer of the doctor in Chirimiri) गई. वहीं नाइट शिफ्ट में ड्यूटी करने के लिए डॉक्टर उपलब्ध नहीं रहते है. एक नियमित डॉक्टर के भरोसे चिरमिरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित हो रहा है.
कहां कहां से आते हैं मरीज : चिरमिरी शहर और ग्रामीण क्षेत्रों से मरीज अपना इलाज कराने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आते हैं. यह बता दें कि अस्पताल में संविदा पर नियुक्त डॉक्टर आरआर गजभिए की नियुक्ति हुई है. ऐसे में यह दो डॉक्टर हैं. चिकित्सा सेवा के लिए उपलब्ध है. न्यायालय प्रकरण पीएम का कार्य भी इन्हीं डॉक्टरों को देखना पड़ रहा है. ऐसे में सिर्फ एक रेगुलर डॉक्टर के होने से अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ गई है. मरीज का कहना है कि अस्पताल में डॉक्टर नहीं है.
मरीजों को क्या हो रही है परेशानी :चिरमिरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Chirmiri Community Health Center) महिला मरीज कहना है कि ''अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं होने से बहुत ज्यादा परेशानी होती है पहले यहां पर महिला डॉक्टर उपलब्ध रहती थी हम महिलाएं अपनी समस्याएं बता पाती थीं. एक पिता अपने 2 महीने के मासूम बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंचा.लेकिन जब बच्चों का डॉक्टर नहीं मिला तो संविदा नियुक्त डॉक्टर आरआर गजभिए को दिखाया गया.
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अस्पताल में ऑपरेशन भी है बंद : चिरमिरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मिली जानकारी के अनुसार हर दिन 110 से 120 ओपीडी होने के साथ-साथ 15 से 20 आईपीडी हो रही है. शासन ने 30 बेड की स्वीकृति है. लेकिन सीजन के दिनों में यहां 40 से 50 बेड तक लगाकर मरीजों का इलाज किया जाता है. सीएचसी में डॉक्टर की स्वीकृति 6 है. जिसमें एक रेगुलर जयंत कुमार यादव और एक संविदा डॉक्टर आरआर गजभिए हैं. सर्जन डॉक्टर के नहीं होने से अस्पताल में ऑपरेशन भी बंद है.