कोरिया: राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत मनेन्द्रगढ़ नगर पालिका में सर्वे किया गया. सर्वे में 99 लोगों की सूची बनाई गई. जिन हितग्राहियों को पट्टा वितरण किया जाना था. लेकिन तत्कालीन एसडीएम आरपी चौहान ने कहा कि अभी कोरोना काल चल रहा है. जिसमें सभी हितग्राहियों का पट्टा बन पाना संभव नहीं है. योजना के तहत सिर्फ 25 लोगों का पट्टा वितरण के लिए नाम चयन किया गया. 25 हितग्राहियों से 80 हजार रुपये जमा भी करवाया गया. लेकिन 6 महीने बीत जाने के बाद भी आज तक हितग्राहियों को पट्टा नहीं मिल पाया है.
हितग्राहियों का कहना है कि हमने पाई-पाई जोड़कर अपने घर के पट्टा के लिए रुपये जमा किए थे. हमें ये भरोसा दिया गया था कि ये एक सरकार की महत्वकांक्षी योजना है. जिसमें गरीब तबके के लोग जिनका आवास नहीं है. उन्हें पट्टा दिया जाएगा. पट्टा बनवाने के नाम पर हमसे पैसा तो जमा करवा लिया गया, लेकिन आज तक हमें पट्टा नहीं दिया गया.
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एसडीएम के ट्रांसफर से अटका मामला
तत्कालीन एसडीएम आरपी चौहान ने 25 हितग्राहियों का चयन किया था. जिनसे 80 हजार रुपये का चालान भी जमा करवा गया था. लेकिन तत्कालीन एसडीएम के ट्रांसफर होने के साथ ही हितग्राहियों के पट्टा वितरण का काम भी भी रुक गया. सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का फायदा लोगो को नहीं मिल पा रहा है.
एसडीएम ने बताया नहीं है नजूल भूमि का नक्शा
ETV भारत ने जब तत्कालीन एसडीएम से बात की तो उन्होंने फोन पर बताया कि नजूल का नक्शा नहीं है. इस कारण पट्टे में चौहद्दी क्या लिखें क्लीयर नहीं हो पा रहा है. इसलिए शासन से मार्गदर्शन मांगा गया है. जैसे ही मार्गदर्शन मिलेगा उसके आधार पर पट्टा वितरण किया जाएगा. यह काम एसडीएम स्तर का नहीं है. जब राज्य शासन का निर्देश प्राप्त होगा. उस आधार पर पट्टा बांटा जाएगा. एसडीएम ने कहा कि हमने शासन को पत्र लिख दिया है.