कोरिया: बाल संरक्षण इकाई की टीम के द्वारा दो बाल विवाह के प्रकरण को संज्ञान में लेकर कार्रवाई की गई है. कोरिया के ग्राम छोटे कलुआ, कटकोना नेवारी बहरा क्षेत्र के अंतर्गत आयोजित स्थल का औचक निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के दौरान बालिका की निर्धारित आयु 18 वर्ष से कम होने के कारण दोनों पक्षों से निवेदन करने पर विवाह को रोका गया. इस मौके पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी आशीष गुप्ता एवं जिला संरक्षण इकाई के कर्मचारी पर्यवेक्षक उपस्थित थे.
बाल विवाह कानूनन अपराध: इस विषय में महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि बाल विवाह केवल एक सामाजिक बुराई ही नहीं अपितु कानूनन अपराध भी है. बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत बाल विवाह करने वाले वर एवं वधु के माता-पिता सगे संबंधी बराती एवं विवाह कराने वाले पुरोहित पर भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. इसके अतिरिक्त यदि वर या कन्या बाल विवाह पश्चात् विवाह को स्वीकार नहीं करते हैं तो बालिग होने के पश्चात् विवाह को शून्य घोषित करने के लिए आवेदन कर सकते हैं.
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कम उम्र में विवाह से बढ़ रहा कुपोषण: बाल विवाह के कारण बच्चों में कुपोषण, शिशु-मृत्यु दर एवं मातृ मृत्यु दर के साथ घरेलू हिंसा में भी वृद्धि होती है. अतः हम सभी का दायित्व है कि समाज में फैले इस बुराई के खात्मे को जनप्रतिनिधियों, नगरीय निकाय तथा पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, स्वयं सेवी संगठनों एवं आमजनों से सहयोग प्राप्त कर इस प्रथा को ही खत्म कर दें. इसके लिए कलेक्टर के द्वारा समस्त विभाग प्रमुखों को पत्र जारी कर निर्देश दिया गया है, जिले को बाल विवाह से मुक्त कराने को लेकर लगातार अभियान चलाया जा रहा है.