कोरिया: जिले में इन दिनों तेजी से सुराजी गांव योजना के तहत आदर्श गौठान बनाया जा रहा है. छत्तीसगढ़ राज्य के प्रमुख स्लोगन 'छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी, नरवा, गरुवा, घुरुवा अऊ बारी' पर जोरों से कार्य जारी हैं. सोनहत जनपद घूघरा गांव में बरसात के पहले गौठान निर्माण की कोशिश की जा रही है.
गौठान से पशुओं की सेवा
बता दें कि प्रदेश सरकार के मंशा अनुरूप गांव के प्रति किसान को गौठान से होने वाला लाभ मिल सके, जिसके लिए पशुओं के लिए पानी-पीने की भी व्यवस्था की गई है. गौठान में कई जगह सीमेंट के बर्तननुमा नाद बनाए गए हैं. जिसमें एक साथ कई पशु पानी पी सकते हैं. गर्मी, धूप, बरसात से बचने के लिए छायादार शेड बनाए जा रहे हैं. उनके खाने के लिए गौठान के अंदर घास और पुआल की व्यवस्था की जा रही है. गौठान के अंदर गोबर इकठ्ठा कर वर्मी कंपोस्ट खाद बनाया जा रहा है. इसी के साथ उपचार की भी व्यवस्था की जाएगी.
लोगों को मिल रहा रोजगार
मामले में सोनहत जनपद संजय राय से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि कई गांवों में आकर्षक गौठान बनाए गए हैं. इन गौठानों में मवेशियों के संरक्षण के साथ ग्रामीणों को रोजगार भी मिल रहा है. गौठान के अंदर कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से उच्च क्वॉलिटी चारागाह भी निर्मित किया जाएगा, पशुओं को प्रोटीन युक्त घास मिल सके, जिससे दूध उत्पादन में वृद्धि हो सके. इन गौठान के निर्माण से प्रत्यक्ष लाभ ग्रामीणों व किसानों को मिलेगा.