कोरिया: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि हर गरीब को उनका पूरा हक मिले. उन्होंने इसकी शुरुआत आवास योजना से की थी, जिससे हर गरीब परिवार के पास अपना खुद का आवास हो, लेकिन एक ऐसा परिवार है, जिन्हें आवास तो नहीं मिला बल्कि जंगल में जिस जगह वो रहे थे, उसे भी पंचायत खाली करने को बोल रहा है.
सोनहत विकासखंड के ग्राम सलगवाकला में रहने वाले परिवार में 12 सदस्य है. यह परिवार पसाण काल की तरह जंगल के बीच तंबू लगा कर निवास करने को मजबूर हैं.परिवार के मुखिया रामकरण ने बताया कि तीन साल से लगातार वो जंगल के बीच रह रहे हैं.
तीन साल से जंगल में रह रहा परिवार
परिवार बड़ा होने के कारण उनके साले ने उन्हें परिवार समेत घर से बाहर निकाल दिया. गरीबी और मजबूरी के कारण वो जंगलों में परिवार के साथ रह रहे हैं. उनकी समस्या खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है. पिछले तीन साल में वन विभाग ने दो बार उनके आशियाने को अतिक्रमण बताकर हटा दिया था.
जगह खाली करने की मिली चेतावनी
जमीन न होने के कारण पीड़ित परिवार ने दोबारा वहां अपना तंबू लगा लिया है. दरअसल वन विभाग ने ग्राम पंचायत को दस एकड़ जमीन गौठान के लिए दी है, जिसमें वे निवास कर रहे हैं. अब उस गांव के सरपंच का कहना है कि उस जगह को जल्द से जल्द खाली कर दें. ऐसे में परिवार डरा-सहमा हुआ है.
मुखिया के नाम आबंटित है आवास
मुखिया समेत परिवार के लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं. ग्राम पंचायत सलगवाकला में मुखिया के नाम प्रधानमंत्री आवास आवंटित है, लेकिन जमीन न होने के कारण आज तक आवास नहीं बना, जो आवास योजना पर भी सवालिया निशान लगा रहा है.
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आवास मिलने का दिया आश्वासन
जब ETV भारत इस बात की जानकारी सरगुजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष गुलाब कमरो को दी, तो उनका कहना है कि किसी का भी आशियाना नहीं उजड़ने दिया जाएगा. अगर ऐसा है तो उनके रहने की व्यवस्था की जाएगी.